समाज में प्रत्येक व्यक्ति के दूसरे लोगों से जो आपसी संबंध होते हैं, वह प्रायः अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं। मोटे तौर पर हम इन्हें आठ प्रकार में विभाजित कर सकते हैं। 1-सहभागी 2- सहयोगी 3-समर्थक 4-प्रशंसक 5-समीक्षक 6-आलोचक 7-विरोधी 8-शत्रु हम सब के प्रति अलग-अलग प्रकार के आकलन करके उसके साथ उसी तरह […]
महीना: अगस्त 2021
***********************?** स्थानीय कॉलेज में अर्थशास्त्र के एक प्रोफेसर ने अपने एक बयान में कहा – “उसने पहले कभी किसी छात्र को फेल नहीं किया था, पर हाल ही में उसने एक पूरी की पूरी क्लास को फेल कर दिया है l” …….. क्योंकि उस क्लास ने दृढ़तापूर्वक यह कहा था कि “समाजवाद सफल होगा और […]
लेखक:- प्रशांत पोळ पारे की खोज किसने की? इस प्रश्न का निश्चित एवं समाधानकारक उत्तर कोई नहीं देता. पश्चिमी दुनिया को सत्रहवीं शताब्दी तक पारे की पहचान भी नहीं थी. अर्थात मिस्र के पिरामिडों में ईस्वी सन १८०० वर्ष पूर्व पारा रखा जाना पाया गया है. पारा जहरीला होता है, इस बारे में सभी […]
-ललित गर्ग – कोरोना की संकटकालीन स्थितियों के बीच संसद का यह वर्षाकालीन सत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण होना था लेकिन वह प्रतिदिन अवरोध के कारण निरर्थकता की ओर बढ़ता चला जा रहा है। संसद के मॉनसून सत्र की आधे से ज्यादा अवधि संसदीय अवरोध एवं हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। 19 जुलाई को शुरू हुआ […]
–मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को अपना जीवन जीनें के लिए धन की आवश्यकता होती है। भूमिधर किसान तो अपने खेतों में अन्न व गो पालन कर अपना जीवन किसी प्रकार से जी सकते हैं परन्तु अन्य लोग चाहें कितने विद्वान हों, यदि नौकरी या व्यापार न करें तो उनका जीवन व्यतीत करना दुष्कर होता है। आजकल […]
ऋग्वेद में, कृण्वन्तो विश्वमार्यम् । (ऋ. ९/६३/५) सारे संसार को ‘आर्य’ बनाओ । मनुस्मृति में, मद्य मांसा पराधेषु गाम्या पौराः न लिप्तकाः। आर्या ते च निमद्यन्ते सदार्यावर्त्त वासिनः।। वे ग्राम व नगरवासी, जो मद्य, मांस और अपराधों में लिप्त न हों तथा सदा से आर्यावर्त्त के निवासी हैं, वे ‘आर्य’ कहे जाते हैं । वाल्मीकि […]
2 अगस्त 1858 को हम भारतीय इंग्लैंड की रानी के गुलाम हुए। 15 अगस्त की ट्रांसफर ऑफ पावर को हम धूमधाम से मनाते हैं परन्तु 2 अगस्त की ट्रांसफर ऑफ पावर को हम भुला देना चाहते हैं। कही इस का कोई जिक्र ही नही होता। बस अंतर इतना है कि पहली में सत्ता भारतीयों से […]
. ✝✝✝ एक मुस्लिम शायर ने केवल इस्लाम को मानवीय विध्वंस के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने और ईसाइयत की विनाश-लीला पर चुप्पी साध लेने की प्रवृत्ति पर टिप्पणी करते हुए कहा था- “लोग कहते हैं तलवार से फैला इस्लाम, यह नहीं कहते कि तोप से क्या फैला?” इस बात में काफी दम है। आज जिस […]
ओ३म् शहीद ऊधम सिंह (जन्म 26-12-1899, बलिदान 31-7-1940, जीवन 40 वर्ष 7 महीने 5 दिन) का आज 81वां बलिदान दिवस है। ऊधम सिंह जी हमें पंजाब की धरती सुनाम संगरूर से मिले थे। पंजाब की धरती से हमें विगत एक शताब्दी में लाला लाजपत राय, स्वामी श्रद्धानन्द, सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी आदि […]
आर.एल. फ्रांसिस हमारे धर्मनिरपेक्षतावादी सच्चाई और झूठ की ज्यादा परवाह नहीं करते, मर्सी सेंथिल कुमार की भारतीय पादरियाें काे वेटिकन के सुरक्षा घेरे में लाने की मांग यह दर्शाती है कि चर्च से समर्थन पाने का लालच कितना प्रबल है। हालांकि पिछले कुछ दशकों में भारत के आंतरिक मामलों में वेटिकन का हस्तक्षेप बढ़ा है और […]