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विश्वगुरू के रूप में भारत संपादकीय

विश्वगुरू के रूप में भारत-58

वहां कहा गया है-”ओ३म् अग्निमीडे पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम्। होतारं रत्नधातमम्।।” (ऋ. 1/1/1) यहां पर अग्नि को सर्वत: हित करने में अग्रणी मानते हुए उसकी स्तुति करने की बात कही गयी है। इसका अभिप्राय है कि वेद का ऋषि अग्नि के गुणों से परिचित था। तभी तो उसने उसकी स्तुति का उपदेश दिया है। अग्नि तत्व […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

हिन्दू शक्ति के नायक के रूप में उभरे छत्रपति शिवाजी

शिवाजी नाम की महिमा जब कभी भी भारतवर्ष के निष्पक्ष स्वातंत्र्य समर का इतिहास लिखा जाएगा तब भारत के महान सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज को उस समर के महानायकों में अवश्य ही स्थान मिलेगा। छत्रपति शिवाजी भारत के इतिहास के उस महान नक्षत्र का नाम है, जिससे औरंगजेब सबसे अधिक भय खाता था। उसे रात […]

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राजनीति

मोदी जलवे की परीक्षा

हालिया सर्वेक्षण का निष्कर्ष यह है कि यदि आज चुनाव हो जाएं, तो भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में तो उभरेगी, लेकिन वह निर्धारित 360 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाएगी। वह 320 सीटों के आसपास सिमट जाएगी। सर्वेक्षण के निष्कर्ष एक चेतावनी मात्र हैं जिसका अर्थ है कि नारों के साथ-साथ काम के […]

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बिखरे मोती

शिशु स्वत: ही धार्मिक, मत बना तू बेईमान

बिखरे मोती-भाग 200 गतांक से आगे…. केकैयी ने अपना स्वार्थ सिद्घि के लिए भगवान राम को वनवास दिलाया और अपने पुत्र भरत को अयोध्या का राज दिलाया। इतना ही नहीं, अपने पति दशरथ की प्राणघातिनी का आरोप भी उस पर लगता है। यह उसकी नकारात्मक सोच और स्वार्थ-सिद्घि की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है? […]

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पूजनीय प्रभो हमारे……

पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-73

हाथ जोड़ झुकाये मस्तक वन्दना हम कर रहे गुरू ने शिष्य से एक दांव छुपाकर रखा-यह उनका ‘यथायोग्य वत्र्ताव’ था। उन्होंने उसे सब कुछ सिखाने का प्रयास किया-यह उनका ‘प्रीतिपूर्वक धर्मानुसार किया गया आचरण’ था।  भारत का राष्ट्रीय अभिवादन ‘नमस्ते’ है। नमस्ते की सही मुद्रा है -व्यक्ति के दोनों हाथों का छाती के सामने आकर […]

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कृषि जगत

रसायनों से जहरीली होती जमीन

हाल ही में महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कीटनाशक की चपेट में आकर अठारह किसानों और खेत में काम कर रहे मजदूरों की मौत हो गई है। बीते बीस दिनों के दौरान कोई पांच सौ किसान और श्रमिक अस्पताल में भर्ती हुए हैं। असल में, इस इलाके में कपास की खेती होती है। इस बार […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत संपादकीय

विश्वगुरू के रूप में भारत-57

ऋग्वेद (10/85/47) ने पति-पत्नी को जल के समान मिलने की बात तो कही ही है, साथ ही इनके मिलन को और भी अधिक सुंदर और उपयोगी बनाते हुए एक उपदेश और दिया है। जिसमें ‘सं मातरिश्वा’ की बात कही गयी है। इसका अभिप्राय है कि तुम दोनों परस्पर मिलकर ऐसे रहो जैसे दो वायु परस्पर […]

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समाज

समय की जरूरत है पानी बचाना

अतुल कनक पिछले दिनों जब मुंबई शहर में मानसून की पहली बारिश के बाद सडक़ें दरिया बन कर उफन रही थीं- सुदूर दक्षिण से आई यह खबर विचलित करने वाली थी कि तमिलनाडु इस दशक के सबसे भीषण जल संकट से जूझ रहा है। जून के तीसरे सप्ताह में चेन्नई में पेयजल की आपूर्ति घटा […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

शाहजहां और औरंगजेब दोनों ही हिंदुओं के लिए क्रूर थे

स्वर्णकाल नहीं था शाहजहां का शासनकाल शाहजहां को भारत में स्वर्णयुग का निर्माता माना जाता है। हम पूर्व पृष्ठों में कई स्थानों पर यह कह आये हैं कि उसका काल ‘स्वर्णयुग’ कहे जाने के योग्य नहीं था, क्योंकि उसमें ‘स्वर्णयुग’ कहे जाने के लिए अपेक्षित योग्यताएं नहीं थीं। शाहजहां ने जितने भर भी युद्घ किये-उनमें […]

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स्वास्थ्य

साइनस की अनुभूत औषधि

1-सितोपलादि चूर्ण 2ग्राम       2-श्रृंग भस्म 250 मि,ली    3-त्रिभुवन कीर्ति रस 125मिलीग्राम    4-नारदीय लक्ष्मी विलासरस-125 मि,ग्रा0  5- रससिंदूर 100मिलीग्राम  6-गोदंती भस्म 250मिलीग्राम विधि- इन सबको को अच्छी प्रकार से खरल करें । और तीन खुराक बनाएं। एक सुबह एक शाम और दोपहर शहद के साथ ले ।  इसके साथ हरिद्राखंड चित्रक […]

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