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इतिहास के पन्नों से

आदिऋषि या आदिमानव*

आज से 50 वर्ष पूर्व इंसान चांद पर पहुंच गया मंगल पर इंसान भेजने की तैयारी है … लेकिन इंसान इंसानों के विषय में बहुत कम जान पाया है… क्या इंसान केवल अन्य जीव-जंतुओं की भांति एक प्राणी है? ईश्वर, पुनर्जन्म ,कर्मफल व्यवस्था ,धर्म ,सदाचार को उसने अपनी कल्पना से सृजित कर लिया है? मनुष्य […]

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आज का चिंतन

*तपस्वी जीवन*

*तपस्वी जीवन* स्मृतिकार कहते हैं कि जिस मार्ग से सम्राट यात्रा कर रहा हो और उसी मार्ग पर सम्राट को गुरुकुल का ब्रह्मचारी आता हुआ दिखाई दे तो सम्राट को उस ब्रह्मचारी के लिए उस मार्ग को खुला छोड़ देना चाहिए। जिस आयु में आपके बच्चे आपके साथ खेल खेलते हैं मेला घूमने जाते हैं […]

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आओ कुछ जाने

2023 के लिए नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां

योगेंद्र मिश्रा फ्रांस के भविष्यवक्ता नॉस्‍त्रेदमस ने दुनिया को लेकर कई भविष्यवाणियां की हैं। उनकी भविष्यवाणियों पर यकीन रखने वाले लोगों का मानना है कि नॉस्‍त्रेदमस ने दुनिया में हर साल के बड़े घटनाक्रम के बारे में बताया है। नॉस्‍त्रेदमस ने 2023 में मंगल पर इंसान, विश्वयुद्ध और नए पोप से जुड़ी भविष्यवाणी की है। […]

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आज का चिंतन उगता भारत न्यूज़

*यज्ञ🔥🔥🔥 समग्र जीव व भौतिक जगत की नैनो चिकित्सा पद्धति है*।

🐃🦚🤱🌏🔥🐈🌱🌳 उद्बोधन कर्ता÷ स्वामी यज्ञदेव। प्रस्तोता÷ आर्य सागर खारी✍✍✍ यज्ञ की क्रिया विधि, यज्ञ के लाभ, यज्ञ के प्रयोजन को लेकर असंख्य शिक्षित अशिक्षित जनों को शंका रहती हैं। कुछ लोग तो महज श्रद्धा प्रदर्शित करने के लिए यज्ञ पर श्रद्धा रखते हैं…. लेकिन वैदिक संस्कृति यज्ञ कर्मकांड आदि अनुष्ठानों की वैज्ञानिक पृष्ठभूमि वैज्ञानिक महत्व […]

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आओ कुछ जाने

*मियाजमा थ्योरी*

सन 18 80 तक पूरे यूरोप ,मध्य पूर्व यहां तक कि चीन में भी बीमारियों के लिए दुष्ट हवा, बुरी हवा को जिम्मेदार ठहराया जाता था यूनानी भाषा में दुष्ट हवा को मियाजिमा बोला जाता है | 18 58 में आधे लंदन की आबादी हैजे के कारण साफ हो गई… हैजा जो दूषित जल से […]

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पर्यावरण

‘खादर , खजूर और घरबरा गांव का खजूरस्तान’

खजूर के पेड़ की ऊंचाई 25 से लेकर 30 फीट तक हो जाती है…… संत कबीर के इस दोहे ने खजूर को अनाहक ही बदनाम किया है। बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर । पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर ।। संत कबीर यदि जनपद गौतम बुध नगर के यमुना व […]

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पर्यावरण

रामायण, श्रीराम और पर्यावरण (भाग) 1

_________________________ महर्षि वाल्मीकि जो न केवल आदिकवि ,आदि इतिहासकार भी हैं उनके द्वारा प्रणीत रामायण महाकाव्य भारतवर्ष ही नहीं संसार के महाकाव्यों में सर्वोच्च स्थान रखता है| रामायण आर्य सभ्यता और संस्कृति का दर्पण है| वाल्मीकि रामायण के अध्ययन से हम रामायण कालीन ज्ञान विज्ञान कला कौशल धार्मिक पारिवारिक सामाजिक मूल्यों लोकाचार नर नारी की […]

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आज का चिंतन

“हीरों की बारिश”

_______________ पृथ्वी पर जो असंभव है, अंतरिक्ष में वह संभव है| पृथ्वी से 9 गुना बड़ा 54 गुना भारी हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे भारी ग्रह शनि जो सूर्य से 140 करोड़ किलोमीटर दूर है |उसे लगभग 30 साल लग जाते हैं सूर्य का एक चक्कर लगाने में… लेकिन शनि ग्रह की विचित्रता विशालता का […]

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इतिहास के पन्नों से

भीष्म के शिष्य रामचंद्र अनूठी है, यह आजादी की दास्तां

स्वर्गीय रामचंद्र विकल जी कांग्रेस के प्रथम पीढ़ी के शीर्ष दिग्गज राजनेता ही नहीं क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भी थे। किशोरावस्था में उनकी भेंट क्रांतिकारी सन्यासी स्वामी भीष्म जी से गुरुकुल सिकंदराबाद के वार्षिकोत्सव में हुई थी विकल जी अपने चाचा फकीरा मुकदम्म जी के साथ वार्षिक उत्सव में गए थे ।विकल जी का परिवार गुरुकुल […]

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आओ कुछ जाने इतिहास के पन्नों से

ब्रिटिशराज ,गाँव बोडाकी और नील का कारखाना*।

नील बनाने का यह कारखाना जिसके आज अवशेष मात्र दिखाई दे रहे हैं ग्रेटर नोएडा जनपद गौतम बुध नगर उत्तर प्रदेश के बोड़ाकी – हजरतपुर गाँव के बीच नहर के पास स्थित है। यह कारखाना 200 वर्ष के ब्रिटिशराज के दमन निर्दयता का जीवंत प्रमाण है इस लघु कारखाने का निर्माण अंग्रेजों ने ही कराया […]

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