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भारतीय संस्कृति

मानवीय क्रिया-कलाप और पर्यावरण प्रदूषण 26/11/2019 डॉ. राकेश राणा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब तक की सबसे तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा कि गैस चेम्बर बनी दिल्ली में लोग घुट-घुटकर क्यों जिएं, आप प्रदूषण नहीं रोक सकते तो विस्फोटक से उन्हें उड़ा क्यों […]

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इतिहास के पन्नों से

मीरपुर हत्याकांड : जब 18000 से ज्यादा हिंदुओं का हुआ था कत्लेआम

सन 1947 में जब भारत-पाकिस्तान का विभाजन हो रहा था तब मीरपुर भी तत्कालीन कश्मीर रियासत का एक हिस्सा था। इस दौरान पाकिस्तान वाले पंजाब से हजारों की संख्या में हिंदु मीरपुर पहुंचे रहे थे। वहीं मीरपुर के मुसलमान पाकिस्तान जा रहे थे। प्रतिवर्ष 25 नवंबर का दिन बंटवारे के दर्द को हरा कर देता […]

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इतिहास के पन्नों से

जब लुई फिशर को निरुत्तर कर दिया था उस वीर सावरकर ने

उन दिनों लुई फिशर भारत की यात्रा पर आये थे। देश के विभाजन की संभावनाएं बड़ी तेजी से बनती जा रही थीं। लुई को यह बता दिया गया था कि विभाजन पर कांग्रेस लगभग सहमत हो चुकी है, परंतु सावरकर और उनका दल अभी भी बड़ी कठोरता से विभाजन का विरोध कर रहा है। तब […]

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धर्म-अध्यात्म

सनातन वैदिक धर्म एवं संस्कृति की रक्षा आर्य समाज के लिए एक चुनौती है

========== सृष्टि के आदि काल से ईश्वरीय ज्ञान वेदों पर आधारित वैदिक धर्म एवं तदनुकूल वैदिक संस्कृति न केवल आर्याव्रत भारत में अपितु विश्व के अनेक देशों में विद्यमान रही है। सृष्टि की उत्पत्ति 1.96 अरब वर्ष पूर्व हुई थी। तब से महाभारत काल तक पूरे विश्व में विशुद्ध वैदिक धर्म एवं संस्कृति ही शत-प्रतिशत […]

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इतिहास के पन्नों से

वीतराग संन्यासी की भांति जीवन जीने वाली राजधात्री पन्ना गुजरी

राजा का रमणीय भवन एक सम्राट ने अपनी राजधानी के मध्य में एक बहुत बड़ा भवन बनवाया। वह भवन बहुत ही सुदृढ़ विशाल और सुंदर था। जो कोई भी राजा के पास आता वह उस भव्य भवन की प्रशंसा किये बिना नही रहता था। इससे राजा को बड़ी प्रसन्नता की अनुभूति होती थी। एक बार […]

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आज का चिंतन

महान क्रांतिकारी ज्योतिबा फुले जी की पुण्यतिथि के अवसर पर

महात्मा ज्योतिबा फुले भारतीय इतिहास के एक ऐसे महान नक्षत्र हैं , जिनकी ज्योति से संपूर्ण भारतीय समाज प्रकाशमान हो रहा है । इनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे में हुआ था। महात्मा ज्योतिबा फुले जी की माता का नाम चिमणाबाई तथा पिता का नाम गोविन्दराव था। वह माली परिवार से थे और क्योंकि […]

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भारतीय संस्कृति

धर्म ग्रंथों पर धारणा की चोट

शिकागो विश्वविद्यालय की प्रोफेसर वेंडी डोनीजर की लिखी पुस्तक ‘द हिंदूज: ऐन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ आजकल चर्चा में है। पुस्तक के चर्चा में आने की वजह कोई स्तरीय या शोधपरक लेखन नहीं, बल्कि हिंदू धर्मग्रंथों और आख्यानों के चुने हुए प्रसंगों की व्याख्या काम भाव की दृष्टि से किया जाना है। उदाहरण के लिए, इस पुस्तक […]

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धर्म-अध्यात्म

कर्म तब तक पीछा करता है जब तक भोगने करा ले : आचार्य कुलश्रेष्ठ

ओ३म् -आर्यसमाज लक्ष्मणचैक-देहरादून का वार्षिकोत्सव- ========= आर्यसमाज लक्ष्मणचैक देहरादून के शनिवार दिनांक 23-11-2019 को वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन अपरान्ह 3.00 बजे से यज्ञ आरम्भ हुआ। यज्ञ तीन वृहद यज्ञकुण्डों में किया गया। यज्ञ के ब्रह्मा के आसन पर आगरा के वैदिक विद्वान श्री उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ विद्यमान थे। उनका साथ श्री सत्यपाल सरल एवं आर्यसमाज के […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————– अध्याय –14 पराजय और अपराजय की आंख मिचौनी बहादुरशाह इस बात को लेकर बहुत दुखी था कि बंदा वीर बैरागी का सामना करने के लिए सारी मुगल शक्ति दुर्बल पड़ती जा रही थी। वह नहीं चाहता था कि बंदा बैरागी के नेतृत्व में हिंदू शक्ति भारतवर्ष में फिर से खड़ी हो और यहां से […]

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आज का चिंतन

देश का ‘ संविधान दिवस ‘ और ‘ राजनीतिक ठगबंधन ‘

सरकारी स्तर पर भारत में ‘ संविधान दिवस ‘ मनाने की परंपरा मोदी सरकार के सत्ता संभालने के पश्चात 2015 से प्रारंभ की गई । इससे पूर्व संविधान दिवस के रूप में 26 नवंबर को कुछ अंबेडकरवादी और बहुत मनाते आ रहे थे । इस बार के संविधान दिवस पर संविधान की अस्मिता और संविधान […]

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