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आज का चिंतन

संसार के आदि व्यवस्थापक महर्षि मनु और भारत की धर्मनिरपेक्ष राजनीति

हमारे वेदों के अनुसार सृष्टि के आदि व्यवस्थापक महर्षि मनु के संविधान अर्थात मनुस्मृति के अनुसार संपूर्ण संसार कभी व्यवस्थित , अनुशासित और मर्यादित रहा है । यह अलग बात है कि अपने इस महामानव के साथ हम आज भी अन्याय कर रहे हैं , और मनुवादी मनुवादी व्यवस्था कहकर व्यवस्था को कोसने का काम […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र स्वपन द्रष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————– अध्याय —- 13 मुगल हो गए थे वह भयभीत संसार में भारत ही एक ऐसा देश है जिसने विश्व को बौद्धिक नेतृत्व प्रदान किया । इसने आत्मा के विषय में भी यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि यह सदा बनी रहती है। इसका कभी अंत नहीं हो सकता । शरीर ही मरता है, आत्मा नहीं […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————– अध्याय —- 13 मुगल हो गए थे वह भयभीत संसार में भारत ही एक ऐसा देश है जिसने विश्व को बौद्धिक नेतृत्व प्रदान किया । इसने आत्मा के विषय में भी यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि यह सदा बनी रहती है। इसका कभी अंत नहीं हो सकता । शरीर ही मरता है, आत्मा नहीं […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————– अध्याय —- 13 मुगल हो गए थे वह भयभीत संसार में भारत ही एक ऐसा देश है जिसने विश्व को बौद्धिक नेतृत्व प्रदान किया । इसने आत्मा के विषय में भी यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि यह सदा बनी रहती है। इसका कभी अंत नहीं हो सकता । शरीर ही मरता है, आत्मा नहीं […]

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आज का चिंतन

संतान के जीवन में माता पिता का स्थान स्वर्ग से भी बढ़कर है

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम संसार में अपनी अपनी माता के गर्भ से उत्पन्न हुए हैं वा हमने अपनी माता से जन्म लिया है। यदि माता न हो तो हम अपने जन्म की कल्पना भी नहीं कर सकते। परमात्मा ने इस सृष्टि को बनाया है और उसी ने इस माता-पुत्र से पवित्र सम्बन्ध को भी […]

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इतिहास के पन्नों से

सिंधु घाटी की लिपि अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकार क्यों नहीं चाहते थे कि इसे पढ़ा जाए

आर्य सागर खारी इतिहासकार अर्नाल्ड जे टायनबी ने कहा था – विश्व के इतिहास में अगर किसी देश के इतिहास के साथ सर्वाधिक छेड़ छाड़ की गयी है, तो वह भारत है । *भारतीय इतिहास का प्रारंभ सिन्धु घाटी की सभ्यता से होता है, इसे हड़प्पा कालीन सभ्यता या सारस्वत सभ्यता भी कहा जाता है. […]

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धर्म-अध्यात्म

यदि सभी मनुष्य विवेकयुक्त होते तो वेद और सत्यार्थ प्रकाश सर्वमान्य धर्म ग्रंथ होते

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में तीन अनादि सत्तायें वा पदार्थ हैं जो ईश्वर, जीव व प्रकृति के नाम से वैदिक साहित्य में वर्णित किये गये हैं। वेदों की भाषा मनुष्यकृत न होकर परमात्मा की अपनी भाषा है। वेद की संस्कृत भाषा के शब्द भी परमात्मा के द्वारा प्रयुक्त होने से उसके द्वारा उत्पन्न वा […]

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आज का चिंतन

देश की महान वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर विशेष

भारत के क्रांतिकारी इतिहास में भारत की महान वीरांगनाओं का योगदान कभी भी विस्मृत नहीं किया जा सकता । यहां पर अनेकों ऐसी महान वीरांगनाएं हुईं हैं जिन्होंने समय आने पर अपने देश के लिए और देश की आन , बान शान के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया । ऐसी ही एक महान […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी

——————————————- अध्याय — 12 तान कर सीना चला एक पुजारी कई दिनों से यज्ञ कर रहा था , किंतु उसे अपने इष्टदेव के दर्शन नहीं हो रहे थे। इसी बीच राजा विक्रमादित्य वहां से निकले जा रहे थे । उन्होंने पुजारी की ओर देखा तो उसके चेहरे पर छाए भावों को देखकर उन्हें यह समझने […]

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महत्वपूर्ण लेख

महाराष्ट्र में चल रहा सुरासुर संग्राम

महाराष्ट्र में सरकार किसकी हो ?- इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि महाराष्ट्र में भाजपा एनसीपी की सरकार भी बन सकती है और शिवसेना , कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की सरकार भी बन सकती है । तीसरा विकल्प इन राजनीतिक विश्लेषकों की दृष्टि में यह भी […]

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