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इसलाम और शाकाहार

इस्लाम का भाईचारा और दुनिया में बढ़ता खून खराबा

शंकर शरण एक बार प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने पूछा था, ”जिस मजहबी विश्वास में मुसलमानों की इतनी श्रद्धा है, उसमें ऐसा क्या है जो सब जगह इतनी बड़ी संख्या में हिंसक प्रवृत्तियों को पैदा कर रही है?” दुर्भाग्य से अभी तक इस पर विचार नहीं हुआ। जबकि पिछले दशकों में अल्जीरिया से लेकर अफगानिस्तान […]

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आतंकवाद

यह आतंकवाद है या युद्ध?

एक बार प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने पूछा था, ”जिस मजहबी विश्वास में मुसलमानों की इतनी श्रद्धा है, उसमें ऐसा क्या है जो सब जगह इतनी बड़ी संख्या में हिंसक प्रवृत्तियों को पैदा कर रही है?” दुर्भाग्य से अभी तक इस पर विचार नहीं हुआ। जबकि पिछले दशकों में अल्जीरिया से लेकर अफगानिस्तान और लंदन […]

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महत्वपूर्ण लेख

भड़काऊ बयानों पर तंत्र का दोहरा रवैया और सामाजिक विभाजन की खाई

———————————————— देश के पांच राज्यों में फिलहाल विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। चुनावी तपिश में नेताओं की जुबान खूब फिसल रही है। अक्सर उनके वक्तव्य मर्यादा की रेखा लांघकर ‘हेट स्पीच’ यानी भड़काऊ या नफरती भाषण की श्रेणी में आ जाते हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है। हेट स्पीच सियासी गलियारों तक सीमित नहीं […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

वामपंथियों की घटिया सोच : नेताजी को कहते रहे हैं ‘तोजो का कुत्ता’

______________________________________ लगभग आरंभ से ही कम्युनिस्टों को अपनी वैज्ञानिक विचारधारा और प्रगतिशील दृष्टि का घोर अहंकार रहा है। लेकिन अनोखी बात यह है कि इतिहास व भविष्य ही नहीं, ठीक वर्तमान यानी आंखों के सामने की घटना-परिघटना पर भी उनके मूल्यांकन, टीका-टिप्पणी, नीति, प्रस्ताव आदि प्राय: मूढ़ता की पराकाष्ठा साबित होते रहे हैं। यह न […]

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इतिहास के पन्नों से

अपनी कही हुई बात पर कभी स्थिर नहीं रहते थे गांधी जी

शंकर शरण भारत के हिन्दूवादियों द्वारा महात्मा गाँधी की जयकार में एक भारी विडंबना है। विदेशी अतिथियों को गाँधी-समाधि पर ले जाने जैसे नियमित अनुष्ठानों से यह और गहरी होती है। ऐसा कर के हमारे नेता क्या संदेश देते हैं? निस्संदेह, गाँधी जी ने अनेक अच्छे काम किए। पर उन की राजनीतिक विरासत अत्यंत हानिकर […]

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Uncategorised

गांधी नेहरू की असलियत जानकर चौक जाओगे तुम भी

शंकर शरण भारत में गाँधी-नेहरू के राजकीय प्रचार में सालाना करोड़ों रूपए खर्च होते रहे। अब अटल-दीनदयाल पर वही हो रहा है। दिवंगत जनसंघ नेता के नाम से इधर विश्वविद्यालयो में विद्वत-कुर्सियाँ घोषित की गईं। उन के नाम दर्जनों सड़कें, भवन, योजनाएं, अस्पताल, विश्वविद्यालय, आदि पहले ही बनाए जा चुके हैं। यह सब क्या है? […]

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आतंकवाद

भारत में ईसाई मिशनरियों के छल प्रपंच के काले कारनामे

शंकर शरण किसी पार्टी का वर्चस्व हो, भारत के विभिन्न हिस्सों में मिशनरी-तंत्र निःशब्द फैल रहा है। छल-प्रपंच के सिवा अपने स्कूल, कॉलेज, नर्सिंग ट्रेनिंग कॉलेज, आदि संस्थाओं में प्रवेश देने, या फीस माफ कर देने के एवज में भी धर्मांतरण कराया जाता है। चूँकि यहाँ अब लगभग सभी चर्च-मिशनरी भारतीय ही हैं, इसलिए वे […]

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आओ कुछ जाने

*इस्‍लामी मान्‍यताओं को छोड़कर हिंदूू धर्म अपनाने वालों की बढ़ रही संख्‍या… ये बदलती हवा का दौर है…*

बीते दिनों वसीम रिजवी ने सनातन धर्म ग्रहण कर लिया। इसके पहले इंडोनेशिया के संस्थापक और प्रथम राष्ट्रपति की पुत्री सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम छोड़ विधिवत हिंदू धर्म स्वीकार किया था। मुस्लिम देशों में इस्लाम छोड़ने, उस पर विश्वास न रखने और इस्लामी मान्यताएं ठुकराने वाले मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सुकर्णोपुत्री […]

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आओ कुछ जाने

दुनिया में कुल 57 मुस्लिम देश हैं, पर हिंदू देश एक भी नहीं

शंकर शरण लगता है कि भारत के अनेक प्रभावी बुद्धिजीवी और पत्रकार, विदेशी लोग यहाँ की 80 प्रतिशत जनता के हिन्दू होने, उस की भावना, दुःख और उस पर होते भेद-भाव से निरे अनजान, बेपरवाह हैं। वे भूलकर भी नहीं बताते कि मुस्लिम देशों में रहने वाले हिन्दुओं के साथ क्या बर्ताव होता है। किस […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

रोमिला थापर का पाखंडी स्वरूप

भारतीय परंपरा में साधुओं के साथ-साथ शिक्षकों, विद्वानों को भी सहज सम्मान देने की प्रवृत्ति रही है, लेकिन जिस तरह रंगे कपड़े पहनकर नकली लोग भी कई बार “साधु” कहला लेते हैं, उसी तरह बड़े अकादमिक पद पर रहकर सामान्य लफ्फाज भी “विद्वान” कहलाते हैं। एक उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। गत 18 […]

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