धार्मिक अनुष्ठानों में फेथ चल सकता है मगर राजनीति में नहीं। इसमें घालमेल के कारण ही खुद इस्लामी समाज सदैव हिंसाग्रस्त रहे हैं। वास्तव में आम मुसलमानों को भड़का कर राजनीतिक इस्लाम का दावा बुलंद रखा जाता है। मुल्लाओं को छोड़ हर वर्ग के लोग हजारों की संख्या में अफगानिस्तान से भागने के लिए बदहवास […]
लेखक: डॉ शंकर शरण
अनुसूचित जाति-जनजाति संबंधित (अत्याचार निरोधक) कानून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुधारने, फिर उसे संसद द्वारा संशोधित कर यथावत कर देने और नए संशोधित कानून को पुन: सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मसला गरम है। बहस हो रही है कि क्या कोर्ट द्वारा उस कानून के अंतर्गत गैर-जमानती गिरफ्तारी वाला प्रावधान सुधारना अनुसूचित जातियों के […]
———————————————— 1950 ई. में बने भारतीय संविधान की “प्रस्तावना” ने भारत को ‘लोकतांत्रिक गणराज्य’ कहा था। उस में छब्बीस वर्ष बाद दो भारी राजनीतिक शब्द जोड़ दिये गये – ‘सेक्यूलर’ और ‘सोशलिस्ट’ । तब से भारत को ‘लोकतांत्रिक समाजवादी सेक्यूलर गणराज्य’ कर डाला गया। अब सुप्रीम कोर्ट डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करने […]
———————————————— गत सौ सालों में अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी उग्रवाद को खाद-पानी देने में सब से बड़ी भूमिका भारत के हिन्दू नेताओं की है। पहली बार, 1920-22 में तुर्की में इस्लामी खलीफा की गद्दी बहाल करने का आंदोलन महात्मा गाँधी ने चलाया, जब कि खुद तुर्की और अरब में वातावरण खलीफा के विरुद्ध था। अंततः स्वयं तुर्की […]
लेखक डॉ. शंकर शरण (लेखक राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर एवं वरिष्ठ स्तंभकार हैंl) साभार:: दैनिक जागरण 05.08.22 देश में एक समुदाय के लोगों की चुन-चुन कर हत्याएं पुरानी चुनौती का ही नया रूप हैं। इसे नई प्रेरणा सत्ताधारी दल के एक विवेकहीन फैसले से मिली। वास्तव में यह दशकों से जारी अन्याय है कि राज्यतंत्र विभिन्न […]
डॉ. शंकर शरण इन दिनों यूरोप और अमेरिका में ब्लासफेमी यानी ईशनिंदा रोकने के लिए कानून बनाने पर विवाद हो रहा है। एक ओर राजनीतिक इस्लाम के सिद्धांत, व्यवहार और इतिहास के प्रति चेतना बढ़ रही है, तो दूसरी ओर “इस्लामोफोबिया” यानी इस्लाम से डराने का आरोप बढ़ रहा है। हाल में संयुक्त राष्ट्र की […]
————————————————- इन दिनों यूरोप और अमेरिका में ब्लासफेमी यानी ईशनिंदा रोकने के लिए कानून बनाने पर विवाद हो रहा है। एक ओर राजनीतिक इस्लाम के सिद्धांत, व्यवहार और इतिहास के प्रति चेतना बढ़ रही है, तो दूसरी ओर “इस्लामोफोबिया” यानी इस्लाम से डराने का आरोप बढ़ रहा है। हाल में संयुक्त राष्ट्र की ओर से […]
शंकर शरण [आज़ादी के अमृत-महोत्सव पर भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अनेक कार्यक्रम कर रहा है। इस अवसर पर उक्त मंत्रालय द्वारा खिलाफत आंदोलन को भारत की आज़ादी की लड़ाई का भाग बताया जा रहा है। आज से लगभग 103 वर्ष पहले खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई थी। महात्मा गाँधी ने मुसलमानों के निजी आंदोलन […]
[आज़ादी के अमृत-महोत्सव पर भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अनेक कार्यक्रम कर रहा है। इस अवसर पर उक्त मंत्रालय द्वारा खिलाफत आंदोलन को भारत की आज़ादी की लड़ाई का भाग बताया जा रहा है। आज से लगभग 103 वर्ष पहले खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई थी। महात्मा गाँधी ने मुसलमानों के निजी आंदोलन को भारत […]
शंकर शरण हमारे दल विविध इस्लामी नेताओं संस्थानों संगठनों आदि को सम्मान अनुदान संरक्षण तो देते रहते हैं पर उनके काम का आकलन कभी नहीं करते। तब्लीगी जमात का नाम अभी घर-घर पहुंच जाने के बाद भी उसके काम और उद्देश्य के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। पूछने पर बड़े-बड़े विद्वान और नेता […]