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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

महाराज यशवंतराव होलकर जिन्होंने अंग्रेजों को नाकों चने चबा दिए थे

एक ऐसा भारतीय शासक जिसने अकेले दम पर ब्रिटिश हुकूमत को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर दिया था। इकलौता ऐसा शासक, जिसका खौफ अंग्रेजी सेना में साफ-साफ दिखता था। एकमात्र ऐसा शासक जिसके साथ ब्रिटिश सेनापति हर हाल में बिना शर्त समझौता करने को तैयार थे। एक ऐसा शासक, जिसे अपनों ने ही बार-बार […]

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कहानी स्वर्णिम इतिहास

इतिहास पुनर्लेखन के यक्ष प्रश्न?

‘दैनिक ट्रिब्यून’ में मेरी पुस्तक ‘भारत के स्वर्णिम इतिहास के कुछ पृष्ठ’ – की समीक्षा. शक्ति वर्मा ‘भारत के स्वर्णिम इतिहास के कुछ पृष्ठ’ पुस्तक इतिहास के पुनर्लेखन की एक कोशिश के रूप में प्रस्तुत की गई है। भारत में एक वर्ग है जो मानता है कि देश के इतिहास के साथ न्याय नहीं किया […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

अकबर को जब वीर हिंदू रमणी किरण देवी ने सिखाया था सबक

  डॉ विवेक आर्य अकबर घोर विलासी, अय्याश बादशाह था। वह एक ओर हिन्दुओं को मायाजाल में फंसाने के लिए “दीने इलाही” के नाम पर माथे पर तिलक लगाकर अपने को सहिष्णु दिखाता था, दूसरी ओर सुन्दर हिन्दू युवतियों को अपनी यौनेच्छा का शिकार बनाने की जुगत में रहता था। दिल्ली में वह “मीना बाजार” […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

कश्मीर की महारानी दिद्दा जिसका इतिहास पुस्तकों में नहीं मिलेगा

वामपंथ के इतिहास में रज़िया सुल्तान को छोड़कर और कोई रानी हुई ही नहीं भारतवर्ष में कुल 35,000 ऐसी रानियाँ हैं जिन्होंने मंगोल , मुग़ल , अश्शूर , तुर्क , यवन , हून इत्यादि क्रूर आक्रमणकारियों को परास्त की थी एवं ऐसे और रानी हुए जिन्होंने भारत से लेकर यूरोप , एशिया , इत्यादि अन्य […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

विश्व की पहली साम्राज्ञी महारानी नागनिका सातकर्णि

आज एक महिला शासक (सम्राज्ञी) के बारे में जानिये- विश्व की पहली सम्राज्ञी सातकर्णी सम्राज्य की महारानी नागनिका सातकर्णि जैसा कि आप सबको समझ आ गया होगा कि भारत के बिके हुवे कम्युनिस्ट इतिहासकारो ने सनातनी इतिहास मिटाने के लिए कोई कसर नही छोड़ी। इस्लामियों के महिमा मंडन में इन्होंने एक काला झूठ रजिया सुल्तान […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

आदि शंकराचार्य के शिष्य विश्व विजेता सम्राट सुधन्वा चौहान

मनीषा सिंह कुछ समय पहले मैंने जब ये पोस्ट सोशल मिडिया पर डाला था तब उसके कुछ दिनों बाद कई जगह मैंने देखा कि कुछ लोग इसे मनगढ़ंत आदि कह रहे थे। हालांकि पोस्ट में यथासंभव संदर्भ दिये गये थे फिर भी एक अन्य पोस्ट द्वारा मैंने उनका उत्तर देने का प्रयास किया था। ये […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

सम्राट ललितादित्य मुक्तापीड़ के शासनकाल में भारत फैल गया था रूस तक

सूर्यवंशी दिग्विजयी सम्राट ललितादित्य मुक्तापीढ़ जिनके काल में भारत रूस तक फ़ैल गया था !! विजीयते पुण्यबलैर्बर्यत्तु न शस्त्रिणम परलोकात ततो भीतिर्यस्मिन् निवसतां परम्।। वहां (कश्मीर) पर शस्त्रों से नहीं केवल पुण्य बल द्वारा ही विजय प्राप्त की जा सकती है। वहां के निवासी केवल परलोक से भयभीत होते हैं न कि शस्त्रधारियों से। – […]

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स्वर्णिम इतिहास

सम्राट प्रद्योत का गौरवपूर्ण इतिहास

दिग्विजयी सम्राट प्रद्योत और महाराज मनमोरी सिंह का इतिहास :- भारत के कुरु वंशी महाराज प्रद्योत जिनका राज्यकाल (1367-1317 BC) अखंड भारतवर्ष के सम्राट थे राजधानी महिष्मति थे १३६७ -१३१७ (ई पू) था इन्होंने असुरों पर आक्रमण किया था और मिश्र अरब देशो पर विजय प्राप्त किया था । दिग्विजयी सम्राट महाराज प्रद्योत इतिहास विलुप्त […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारत के विश्व विजेता सम्राटों में महत्वपूर्ण स्थान है महाराज भोज का

  राजा भोज जैसे अनेक राजाओं के बारे में हमारी इतिहास की किताबें मौन हो जाती हैं। सन् 1000 से आज तक भारत के इतिहास में आजतक ऐसा राजा नहीं हुआ। राजा भोज के बारे में थोड़ा सा भी पढ़ोगे तो पता चलेगा कि भारत में कैसे कैसे राजा होते थे। भोजराज परमार इतिहास में […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

विश्व विजेता सिकंदर नहीं सम्राट शालीवाहन थे

  सम्राट विक्रमादित्य के ५९ वर्ष बाद शालिवाहन परमार की राज्याभिषेक ७७ (इ.) हुआ था तो मुर्ख वामपंथीयों का यह तथ्य बिलकुल गलत हैं की सम्राट विक्रमादित्य की हत्या उनके परपोत्र शालिवाहन ने किया हैं । मित्रों मैकॉले ने तो इतिहास को बर्बाद किया हैं पर मैकॉले के मानसपुत्र काले अंग्रेज़ो ने इस परंपरा को […]

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