राष्ट्र-चिंतन स्वास्तिक घृणा नहीं, स्वाभिमान का प्रतीक है विष्णुगुप्त हिन्दुत्व की कसौटी पर आधुनिक इतिहास बईमान है, हर हिन्दुत्व की कसौटी को इतिहास में घृणा और हिंसा तथा सामाजिक लांक्षणा को प्रत्यारोपित किया गया है। इस सच को कोई अस्वीकार नहीं कर सकता है कि भूतकाल में जो भी इतिहास लिखे गये वह इतिहास आक्रमणकारी […]
श्रेणी: विशेष संपादकीय
मृत्युंजय दीक्षित प्रदेश व केंद्र की सरकारें किसानोें की आय दोगुनी करने के लिए वचनबद्ध, संकल्पबद्ध ही नहीं पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं तथा किसानों के हित में सरकारेें दिन -रात काम कर रही हैं। आगामी पंचायत चुनावोें को ध्यान मेें रखते हुए प्रदेष की भाजपा सरकार व संगठन ने अपना पूरा ध्यान गांव, गरीब […]
आजकल देश में आमिर खान एक्टर की टर्की की प्रथम महिला मोहतरमा एर्डोगन से इस्तांबुल में उनके महल में हुई भेंट को लेकर भारतवासियों में खास चर्चा एवं भारी क्षोभ है। वास्तव में भारत वासियों में ऐसा क्षोभ होना स्वाभाविक है , क्योंकि भारत के करोड़ों लोगों ने आमिर खान की बनाई गई फिल्मों को […]
राजा उत्तम है वही , निभाता जो निज धर्म । राजनीति उसको कहें जो समझे अपना धर्म ।। आज हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो राजा ( आज के संदर्भ में जनप्रतिनिधि ) राजनीति से और शासक वर्ग के राजधर्म से घृणा करते हैं , या उनके प्रति उदासीन भाव रखते हैं […]
भारत में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक जैसे शब्द सुनने को तो बहुत मिलते हैं , परंतु वास्तव में अल्पसंख्यक कौन हो सकता है , और बहुसंख्यक किसे कह सकते हैं ? – यह आज तक स्पष्ट नहीं है । इस विषय में सबसे पहले 1899 में ब्रिटिश जनगणना आयुक्त ने सिख ,जैन ,बौद्ध ,पारसी और मुसलमान […]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के पत्थरबाज युवाओं से आग्रह किया है कि वे आतंकवाद का रास्ता छोड़ कर राष्ट्र की मुख्यधारा में लौट आयें। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इन आतंकवादी कश्मीरी युवकों को ‘गुमराह’ हुआ माना है, और उनके कल्याण के लिए उन से अपेक्षा की है कि वे आत्मविनाश के रास्ते को छोडक़र […]
अभी हाल ही में संपन्न हुए कुछ उपचुनाव में विपक्षी एकता का प्रतीक बना गठबंधन बाजी मार ले गया है और भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ा है। यह चुनाव परिणाम चौंकाने वाले नहीं कहे जा सकते। इनको लेकर ऐसी ही आशा थी- इसलिए परिणाम आशानुरूप हैं। विपक्ष ने बड़ी सावधानी से अपनी चुनावी […]
राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह अपनी विशिष्ट कार्यशैली के कारण चर्चाओं में रहते हैं। कुछ राज्यपालों ने इस संवैधानिक पद की गरिमा के प्रतिकूल आचरण करते हुए इसे विवादास्पद बनाने का भी कार्य अतीत में किया है, परंतु श्री कल्याण सिंह एक अपवाद हैं। उन्होने राज्यपाल पद पर रहते हुए राजस्थान में उच्च शिक्षा […]
महाभारत से हमें पता चलता है कि यादव, कुकुर, भोज, अंधक और वृष्णि नामक गणराज्य उस समय परस्पर लड़ते- झगड़ते रहते थे। उन गणराज्यों ने अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता और पृथक सत्ता को कायम रखते हुए अपने को एक संघ के रूप में संगठित किया हुआ था। इस संघ में दो मुख्य दल थे, जिनके नेता […]
एडमण्ड बर्क ने कहा था कि- ”जनता के लिए सबसे अधिक शोर मचाने वालों को उसके कल्याण के लिए सबसे उत्सुक मान लेना सर्वमान्य त्रुटि है।” इसमें कोई संदेह नहीं कि वर्तमान में हमारी मान्यता यही हो गई है कि संसद या राज्य विधानमंडलों में जो जनप्रतिनिधि अधिक शोर मचाए वही मुखर सांसद या जनप्रतिनिधि […]