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विशेष संपादकीय

हिंदुत्व का वास्तविक अर्थ

हिन्दुत्व को ‘इन्दुत्व’ कहकर उसे इण्डियननैस (भारतीयता) के समानार्थक बनाकर अपनाने की बात देश के एक प्रसिद्घ पत्रकार ने अपने हाल ही में प्रकाशित लेख के माध्यम से उठायी है। पत्रकार महोदय हिन्दुत्व के ‘हि’ अक्षर को इन्दुत्व के ‘इ’ अक्षर में परिवर्तित कर देने मात्र से सारी मान्यताओं को बदल देना चाहते हैं। उन्हें […]

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विशेष संपादकीय

भारत का विपक्ष स्थिति को समझे

कोयला घोटाले की आंच से तप रही यूपीए सरकार के लिए संकट गहराता जा रहा है, लेकिन अब ये संकट कुछ विस्तार पाता जान पड़ रहा है। सीबीआई सन 1993 से हुए कोल ब्लॉक आवंटन की जांच करेगी। इससे स्पष्ट है कि एनडीए सरकार के छह सालों के दौरान हुए कोल ब्लॉक आवंटन की जांच […]

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विशेष संपादकीय

कसाब की फांसी और सरकार की नीतियां

भारत की एकता और अखण्डता को मिटाने के लिए तथा यहां की आंतरिक शांति में विघ्न डालने की नीयत से 26 नवंबर 2008 को पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित मुंबई पर आतंकी हमला कराया था। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब और कुछ अन्य सहयोगियों का […]

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विशेष संपादकीय

आदमी को मार रहा है आदमी

मैं इलाहाबाद से लौट रहा था। टे्रन में मेरे साथ एक सज्जन पड़ोस की सीट पर बैठे थे। वह रिटायर्ड सरकारी अधिकारी थे, मेरी उनसे बातें होने लगीं। बातों का सिलसिला बढ़ा और देश की ज्वलंत समस्या भ्रष्टाचार पर केन्द्रित हो गया। वो सज्जन ऊपरी तौर पर भ्रष्टाचार की समाप्ति के लिए देश में चल […]

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विशेष संपादकीय

पाकिस्तानी हिंदुओं का पलायन, और बांग्लादेशी घुसपैठ

1947 में देश विभाजन के समय पाकिस्तान में 22 प्रतिशत हिंदू थे, जो आज घटकर मात्र 5 प्रतिशत रह गये हैं। पूरा देश पाकिस्तान के हिंदुओं के प्रति गलत रवैये को लेकर और उन पर हो रहे अत्याचारों को लेकर परेशानी महसूस कर रहा था। पहली बार देश की संसद में अधिकांश राजनीतिक दलों ने […]

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विशेष संपादकीय

स्वतंत्रता दिवस और बिकाऊ लोकतंत्र

देश अपनी स्वतंत्रता की 65वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर हमारी शान और आन बान का प्रतीक तिरंगा बड़ी शान से लहराया जा रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब तक के सर्वाधिक निराशाजनक परिवेश में लगातार नौवीं बार ध्वजारोहण कर राष्ट्र को संबोधित करेंगे। यह पहली बार है कि जब देश के लोगों […]

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विशेष संपादकीय

अन्ना हजारे राजनीति में आओ…

अन्ना हजारे ने जंतर मंतर पर जारी अपना अनशन समाप्त कर दिया है और अब एक राजनीतिक पार्टी बनाने के संकेत दिये हैं। अन्ना आंदोलन की इस प्रकार अप्रत्याशित रूप से हवा निकल गयी है। अन्ना अपने आप में ठीक हो सकते हैं, लेकिन उनके बारे में यह बात आरंभ से ही स्पष्ट हो गयी […]

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विशेष संपादकीय

रोको: किस ओर जा रहा है आदमी

अलीगढ़ के डॉ. नजमुद्दीन अंसारी और उनके कुछ जागरूक मुस्लिम साथियों ने देश में गोवध और दुधारू पशुओं को काटकर विदेशों में मांस भेजने और बेचने पर गहरी चिंता प्रकट की है। उन लोगों ने मानवता और प्राणीमात्र के हित में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उठाकर भारत सरकार को सावधान किया है। उनका कहना है कि […]

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विशेष संपादकीय

चीन: एक धोखेबाज पड़ोसी

चीन इस समय बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। वहीं उसके एक प्रमुख प्रांत में लोकतंत्र की मांग पुन: जोर पकड़ती जा रही है। चीन की कम्युनिस्ट विचारधारा देश के हर व्यक्ति की समस्या का समाधान करने में असफल सिद्घ हो चुकी है। मुझे याद आता है कि रूस के राष्ट्रपति […]

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विशेष संपादकीय

मीडिया की गिरती साख: चिंता का विषय

पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने देश का ध्यान अपनी ओर तेजी से खींचा है। समाचार पत्रों व पत्रिकाओं की संख्या में भी बेतहाशा वृद्घि हुई है। इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ा है। परंतु हमने कई बार ऐसा देखा है कि जब एक घटना को इतनी बार टी. वी. पर दिखाया […]

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