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विशेष संपादकीय

किसान कल्याण मिशन और किसानों के हित

मृत्युंजय दीक्षित

प्रदेश व केंद्र की सरकारें किसानोें की आय दोगुनी करने के लिए वचनबद्ध, संकल्पबद्ध ही नहीं पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं तथा किसानों के हित में सरकारेें दिन -रात काम कर रही हैं। आगामी पंचायत चुनावोें को ध्यान मेें रखते हुए प्रदेष की भाजपा सरकार व संगठन ने अपना पूरा ध्यान गांव, गरीब और किसान पर ही फिलहला केंद्रित कर दिया है। एक ओर जहां तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान समुदाय आंदोलनरत है तथा वह अपनी मांगों से टस से मस नहीं हो रहा है तथा गावों में इस किसान आंदोलन के कारण भारतीय जनता पार्टी के वोट पर असर न पड़े जाये इस बात को भी ध्यान में रखते हुए प्रदेष सरकार ने गांवों मेें किसानों के बीच जाकर 15 दिवसीय किसान कल्याण मिशन का अभियान शुरू किया है। इस अभियान में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो रहेंगें ही साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों व संगठन को भी सीधे जुटने के लिए कहा गया है। इस मिशन के अंतर्गत किसानों को उनकी आय दोगुनी करने व उनके लिए सरकार ने अब तक क्या किया है व आगे क्या करने जा रही है सभी बातों की जानकारी दी जायेगी। इस अभियान में महिला किसानों की सहभगगिता पर भी जोर दिया जायेगा।
किसान कल्याण मिशन एक प्रकार से जनजागरूकता कार्यक्रम है जिसमें किसानोें को संवाद , महावेबिनार, प्रश्न प्रहर, किसान गोष्ठी, किसान कल्याण, हेल्प डेस्क और किसान कल्याण रथयात्रा के माध्यम से सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध करायी जायेंगी तथा किसानों को उनकी सहायता के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभार्थी बनाने का अभिनव प्रयास भी किया जायेगा। किसान कल्याण मिशन किसानों के हित में व गांवों की गरीब जनता के लिए एक अतिमहत्वपूर्ण मिशन है जिससे पता चलता है कि भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है, कटिबद्ध है। यह बात बिल्कुल सही है कि आज जो लोग किसानोें के हितैशी बनकर किसान आंदोलन के बीच अपने बयानों से वार्ता को बार -बार भंग कर रहे हैं।

यह किसान कल्याण मिशन ऐसे दलों व लोगों के खिलाफ भी वातवारण तैयार करने में अहम भूमिका अदा कर सकता है। किसान कल्याण मिशन के माध्यम से राज्य सरकार खेती बाड़ी के उन्नत तरीकों से किसानोें की आय बढ़ाने में सहायता करेगी। इसके लिए प्रगतिशील किसानों की सहायता ली जा रही है। किसान कल्याण मिशन के अंतर्गत आयोजित होने जा रहे जागरूकता कार्यक्रम में फार्मर्स प्रेाडयूसिंग आर्गनाइजाइशेन केे पदाधिकारी भी आमंत्रित किये जा रहे है जिसमें उनको प्रमाणपत्र देने के साथ मशीनरी बैंक, बीज विधायन संयंत्र वितरित किये जायेंगे। प्रदेश के 825 विकास खंडों में किसान कल्याण जागरूकता महाभियान चलाया जायेगा।
इस किसान कल्याण मिशन के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए साढे़ तीन वर्षों में क्या किया है व आगे क्या करने जा रही है सभी बातों की जानकारी दी जायेगी। प्रदेश सरकार का मत है कि साढ़े तीन वर्षो में प्रदेश सरकार व केद्र सरकार ने किसानों के हित में व्यापक कदम उठाये हैं व बड़े फैसले लिये हैं। ऐतिहासिक व क्रांतिकारी कदमों से गांवों व खेतों से आये बदलावों से किसानों की आय दोगुनी होने की आस बढ़ी है। संसद द्वारा पारित तीन कृषि सुधार बिल इसमें एक अहम कड़ी है। अब किसानोें को खुला बाजर मिल गया है। तीन कृषि सुधार विधेयकों से किसानों को बहुत लाभ मिलने जा रहा है। अब किसान कहीं भी जाकर अपनी उपज को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकता है। मंडिया बंद नहीं होने जा रही अपितु उनका सुधार किया जायेगा। मंडियोें मेें तकनीक को बढ़ावा देने से किसानों को लाभ ही होगा। किसान व खेत खलिहान दलालोें, बिचैलियों की दादागिरि से आजाद हो गये हैं।
अभी तक विरोधी दल केवल किसानों को कर्ज माफी का जुमला ही फेकतें रहे हैं जबकि प्रदेष में किसानों की रिकार्ड ऋण माफी की गई है और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की रिकार्ड खरीद व भुगतान किया गया है।चीनी मिलों का विस्तार और आधुनिकीकरण पर लगातार काम किया जा रहा है।किसानों को रिकार्ड गन्ना भुगतान किया गया। सिंचाई क्षमता का विस्तार किया गया है।दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनओं को पूर्ण कर किसानों को लाभ पहुंचाया गया है। योगी सरकार आने के बाद प्रदेष खाद्यान्न उत्पादन , गन्ना उत्पादन, चीनी उत्पादन, दुग्ध उत्पादन व तिलहन उत्पादन में नंबर वन बन चुका है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से प्रदेश का किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभनवित हुआ है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 27 हजार 101 करोड़ रूपये किसानों को हस्तांतरित किये जा चुके है। 32.64 लाख किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल चुका है। 1.56 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। 4 करोड़ से अधिक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैें।
आज जो विरोधी दल व किसान नेता मंडियों के भविष्य को लेकर हल्ला मचा रहे हैं उन्हें यह पता होना चाहिए कि यह उप्र ही है जहां जो मंडी शुल्क पहले 2.5 प्रतिशत लगता था वह एक प्रतिशत कम कर दिया गया है। जिसका असर दिखलायी पड़ रहा है। प्रदेष की सौ मंडियां ई -नाम योजना से जोड़ दी गयी है। जिसमें आनलाइन कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है । मंडियाे के आधुनिकीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं। प्रदेश में अब तक 20,577 सोलर पम्प स्थापित किये जा चुके हैं। प्रदेष में किसानों के हित में बहुत से कदम उठाये जा रहे हैं। जिनकी गिनती करना और उनके बारे में जितना भी लिखा और बोला जाये कम ही होगा। कृषि और किसानों को मजबूती देने के लिए सरकार लगातार अहम कदम उठा रही है। किसानों को सम्मानित कर उनको खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया व व जा रहा है। तकनीकी खेती से शिक्षित युवाओं के जुड़ने से नई हरित क्रांति की शुरूआत हुई है। परंपरागत के साथ ही जनपद व आसपास के जिलों के किसान औद्यानिक खेती को अपनाकर किसान आय को दोगुनी ही नहीं तीन से चार गुना कर रहे हैं। आज प्रदेश का किसान खुशहाल हो रहा हेै। जिन दलों की सरकारों ने चीनी मिलों का भठठा बैठा दिया वह दल व नेता आज कविताएं लिखकर व टिवटर पर अपनी चिड़िया उड़़कार किसानाे के सबसे बड़े हितैषी बनने का नाटक कर रहे हैं व एक प्रकार से किसान आंदोलन के बटाईदार बन गये हैं। इन दलों की सरकारों ने तो चीनी मिलों को तो बेंच ही डाला था। बसपा नेत्री मायावती की सरकार तो चीनी मिलाे के लिए सबसे बड़ी खलानायक साबित हुयी थीं तथा सभी चीनी मिलोें को लगभग बेंच ही डाला था जिससे गन्ना किसान तड़प कर रह गये थे । अब योगी सरकार में चीनी मिलें एक बार फिर चालू हो रही हैं। योगी सरकार ने 45 लाख गन्ना किसानों का रिकार्ड भुगतान किया है। पहली बार गन्ना किसानों की सुविधा हेतु वेब पोर्टल तथा मोबाइल एप भी शुरू किया गया है। आज प्रदेष में गन्ना किसान खुशहाली की ओर अग्रसर हैं तथा चीनी मिलें भी पूरी तरह से चल रही है। चीनी मिलों की संख्या 116 से बढ़कर 120 हो गई हैं। किसानाे को अब किराये पर आधुनिक कृषि यंत्र मिलने लग गये हैं। प्रदेश में पहली बार किसान समृद्धि आयोग का गठन किया गया है और डीबीटी से कृषि अनुदान देने वाला पहला राज्य भी बन गया है। किसानों को टैक्टर से लेकर कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक की छूट मिल रही है। पिछले साढे तीन सालों में जितना काम सरकार ने किसानों के लिए किया है उससे खेती आसान हो गई हैै। पहले अब मंडियों में किसानों के लिए कोई सुविधा नहीें होती थी लेकिन अब किसानों को मडी में हर प्रकार की सुविधा मिल रही है। आवास से लेकर जल तक की सभी व्यवस्था अब मंडियों मे उपलब्ध है।
किसान कल्याण मिशन अभियान किसानों के हित में अब तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू हुआ है यह जनजागरूकता अभियान है। यह एक अभिनव प्रयोग है। इस अभियान के माध्यम से किसानों के बीच जो लोग झूठ फैला रहे हैं वह लोग अवश्य ही बेनकाब होेंगे तथा अगर यह मिशन सही दिशा में चला तो इसका लाभ भाजपा को ही मिलेगा। अभी हाल ही में जहां -जहां पंचायत चुनाव हुए हैं वहां पर बीजेपी को ही अपार सफलता मिली है। पंचायत चुनावों की सरगर्मी को ध्यान से देखा जाये तो उप्र एक बहुत बड़ा राज्य है तथा सभी दलों ने केवल गांव ,गरीब और किसान पर ही ध्यान केंद्रित किया हुआ है। इसलिए किसानों के बीच बीजेपी सरकार का यह मिशन एक अभिनव प्रयोग साबित हो सकता है।
कोरोना महामारी के संकट काल में भी किसान मजबूत योद्धा की तरह जुटे रहे तथा सरकार की ओर से भी बीज व खाद आदि का मजबूती से प्रबंध किया गया। प्रदेष सरकार ने इतना काम किया है कि इसका असर खेताे में दिखलायी पड़ रहा है और प्रदेश में खुशहाली का वातावरण है। यही खुशहाली और विकास का वातावरण विरोधियों को पसंद नहीं आ रहा और साजिशें रचने में लगे रहते हैं। 15 दिवसीय किसान कल्याण मिशन से प्रदेश का किसान और उन्नति करेगा तथा आत्मनिर्भर बनेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई अवसरों पर स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। किसानों के हितोें से कोई समझौता नहीं किया जायेगा।

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