आर्थिक क्षेत्र में ‘प्रिंसिपल ऑफ 4 एम’ अर्थात Man, Money, Material and Management बड़ा कारगर काम करता है। इस प्रिंसिपल की कसौटी पर उत्तर प्रदेश पहले दिन से खरा उतरने की क्षमता रखता था ,पर इसे ठीक से ‘मैनेज’ नहीं किया गया। उसी का परिणाम था कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की पूर्व […]
श्रेणी: विशेष संपादकीय
शुद्र को लेकर हमारे देश में अक्सर चर्चा होती रहती है और उनकी दयनीय स्थिति के लिए मनु महाराज को दोषी बताया जाता रहता है। मनु को जातिवाद का जनक भी कहा जाता है। जबकि सच यह नहीं है मनु वर्ण व्यवस्था के समर्थक है। यह वर्ण व्यवस्था पूरे संसार में आज भी ज्यों की […]
पूजा यादव भोपाल, मप्र मध्य प्रदेश में 85 हजार आशा, उषा और इनके कामों में सहयोग करने और निगरानी करने वाली आशा पर्यवेक्षक हैं, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं में काम करती हैं, लेकिन न तो इन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त है और न ही […]
डॉ. दीपक आचार्य प्रजातंत्र में समाज और जीवन के हर पहलू में गण और तंत्र दोनों ही एक-दूसरे के लिए हैं। गण को तंत्र के प्रति श्रद्धावान, वफादार और विश्वासु होना चाहिए। इसी प्रकार तंत्र को भी गण के प्रति जवाबदेह एवं संवेदशील होना चाहिए। दोनों के मध्य आपसी भरोसे और पारस्परिक सहयोग भावना जितनी […]
साबरमती के लाल तूने कर दिया कमाल। दिला दी आजादी तूने बिना खड़ग और ढाल।। परंतु सच्चाई कुछ और कहती है कि मांगे से मिलते नहीं तख्तो ताज और राज। इतिहास इस बात का साक्षी है कि मांगने पर तो न तो रावण ने सीता को वापस किया और ना श्री कृष्ण जैसे महान नीतिज्ञ […]
गुजरात में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। ऐसे में हम सब के लिए यह कोतवाल और जिज्ञासा का विषय बन रहा है कि क्या इस बार भी इस प्रदेश में भाजपा निरंतर अपनी सरकार बनाने में सफल होगी या फिर उसका स्थान आप या कांग्रेस लेने जा रही है […]
प्रधानमंत्री बनने की लालसा में किसी नेता को इतना बेइज्जत होते नहीं देखा। और सुशासन की बात करने वाले नितीश कुमार को इतनी बेइज्जती बर्दाश्त करनी पड़ रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर बिहार के महगठबंधन की सरकार की ढीली गांठ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बेबसी की कहानी बयां कर […]
गाजियाबाद ( ब्यूरो डेस्क) लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी इस समय भाजपा की ओर से ही नहीं विपक्ष की ओर से भी शुरू हो चुकी है। विपक्ष भरसक प्रयास कर रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देने के लिए उसके पास उनके मुकाबले का कोई एक नेता चेहरा बनकर सामने आए और उसका सपना […]
आपका अपना समाचार पत्र ‘उगता भारत’ अपने 12 वर्ष पूर्ण कर 13 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 12 वर्ष का यह काल कई उतार-चढ़ावों को लेकर आया, परंतु पाठकों का सतत प्यार और आशीर्वाद हमको प्राप्त होता रहा, उसके फलस्वरूप यह समय कब गुजर गया, पता ही नहीं चला। किसी भी समाचार पत्र […]
असहिष्णुता के प्रति सहिष्णु होना आत्महत्या के समान है। विश्व मानचित्र पर भारत का अस्तित्व केवल इसलिए सुरक्षित है कि इसने किसी भी प्रकार की असहिष्णुता को सहिष्णुता के नाम पर कभी स्वीकार नहीं किया। जब-जब और देश के जिस जिस क्षेत्र में हिंदू कमजोर होकर असहिष्णुता के प्रति सहिष्णु हुआ , तब – तब […]