Categories
कविता

पीपल पत्ता हिल रहा , बात कहे अनमोल।

दोहे गाड़ी में मैं चल रहा, मन में बड़ा गुमान। तन की गाड़ी कीमती, नहीं सका पहचान।। 1।। पीपल पत्ता हिल रहा , बात कहे अनमोल। क्षणभंगुर जीवन तेरा, बात हिय में तोल।। 2।। इंसाफ तराजू तोल कर, जो करता इंसाफ । असली मुंशिफ है वही रखता पाक हिसाब।। 3।। भ्रष्टाचारी जेल में, मांग रहे […]

Categories
कविता

हर घर में दीप जलाएंगे ………

आओ मिलकर दीप जलाएं, और मनाएं दिवाली। शुभ पर्व हमारा सबका है,आओ सजाएं हम थाली।। हजारों वर्ष के संघर्षों की, करनी गाथा याद हमें। शौर्य और पराक्रम का, फिर से करना नाद हमें।। लाखों दिए बलिदान आज हम उनको याद करेंगे सब। दीप जलाएंगे हर घर में, उत्साहित परिवेश करेंगे सब।। आज हमारे घर में […]

Categories
कविता

मात पिता का मिलना सचमुच…..

मात पिता का मिलना सचमुच सौभाग्य हमारा होता है। हमारे शुभकर्मों के पीछे संस्कार उन्हीं का होता है।। अच्छे मात-पिता मिल जाना सहज सुलभ नहीं होता है। कोटि-कोटि जन्मों का समझो पुण्य उदित तब होता है।। अपने आप तपें भट्टी में , पर कष्ट नहीं अनुभव करते। जीवन हमारा कुंदन बनता , व्यंग्य नहीं हम […]

Categories
कविता

यज्ञ जीवन हमारा,यज्ञ श्रैष्ठतम कर्म है

साहित्यिक सचेतना मंच के अन्तर्गत पटल पर विषय:-संलग्न चित्र आधारित काव्य संरचना प्रस्तुत है :- (रचयिता:-आचार्य डा०श्वेत केतु शर्मा बरेली) यज्ञ ही जीवन हमारा,यज्ञ ही श्रेष्ठतम कर्म है, यज्ञ ही मानव कल्याण का,जीवन पाराहार है। यज्ञ से प्रशस्त होता,मोक्ष मार्ग का आनन्द है, जीवन को सुखद आनंदित कराता,यज्ञ-यज्ञ है। (२) शान्ति सुखद मंगलकारी सकारात्मक सोच […]

Categories
कविता

आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी लें !

🌻कुहरे में डूबी हैं सुबह , जी भर के जी लें, आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी लें ! मिल-बैठ सुनें ज़रा आओ , मौसम की आहट, ठण्डे हैं पड़ गए रिश्ते , भर दें गरमाहट, मौका हैं चलो दें निकाल , कटुता की कीलें, आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी […]

Categories
कविता

जब आयेगा वर्ष नया…….

जब आयेगा वर्ष नया, तब करूंगा तेरा अभिनंदन। नई छटा तब बिखरेगी हर कण बोलेगा अभिनंदन ।। नहीं नयापन कहीं दीखता , सब ओर अंधेरा छाया है। ठिठुरन अभी रक्त में सबके , मन भी नही हरसाया है।। जब कली मुस्कान बखेरेगी, सूरज में होगी गरमाहट। उत्साह से मन प्रफुल्लित होगा , दूर भगेगी घबराहट […]

Categories
कविता

सोच सको तो सोचो

गिलगित बाल्तिस्तान हमारा है हमको लौटाओ। वरना जबरन ले लेंगे मत रोओ मत चिल्लाओ।। खून सने कातिल कुत्तों से जनता नहीं डरेगी। दे दो वरना तेरी छाती पर ये पाँव धरेगी।। तेरी मेरी जनता कहने की ना कर नादानी। याद करो आका जिन्ना की बातें पुन: पुरानी।। देश बाँटकर जाते जाते उसने यही कहा था- […]

Categories
कविता

रखो धैर्य विश्वास जानकी हर मुश्किल का हल होगा

रखो धैर्य विश्वास जानकी हर मुश्किल का हल होगा, सोने का मृग नहीं चुनो तुम; इसमें निश्चय छल होगा, सपनों में जो सोच रही हो उसके लिए प्रयास रखो, उम्मीदों को मत छोड़ो और पंखों पर विश्वास रखो, जिसकी चाहत है तुमको वो पास तेरे कुंदन आएगा, महकायेगा जो तन मन; निश्चय वो चंदन आएगा, […]

Categories
कविता

भारतवर्ष बगीचा

रचना : स्व0 श्री रामस्वरूप आजाद (शिष्य स्वामी भीष्म जी) भारतवर्ष बगीचे के अब ना रहे माली।। ज्योतिष और व्याकरण गणित की खो दई ताली।। ऋषि मुनि इस भूमण्डल को तक पर तोल गए। म्हारे पुरखा पृथ्वी और अम्बर में डोल गए।। हर वस्तु की शक्ति को वेदों में खोल गए। सारी दुनिया से मुंह […]

Categories
कविता

किसीने पूछा कि ख्वाब क्या है??…

किसीने पूछा कि ख्वाब क्या है??… बस वही जो रातों को सोने ना दे…! किसी ने पूछा कि आराम क्या है??… बस वही जो माँ के आंचल में सोने से मिले…! किसी ने पूछा कि सुकून क्या है??… बस वही जो नन्हे से बच्चे की आँखों में दिखे…! किसी ने पूछा कि ख्वाइशें क्या है??… […]

Exit mobile version