आतंकवादी राहू और केतु ने ग्रस लिया सौरमंडल के नियन्ता को सूर्य और चन्द्र को जिनसे होते दिन और रात जिनसे निकलती तारों की बारात जिनके बूते उगता जीवन का अंकुर पशु पक्षी मानव कीट पतंग वनस्पति जीवाणु गरमी जाड़ा व बरसातl निवेदन किये, जोड़ा हाथ पड़े पांव, रोये – गिड़गिडा़ये उनको उनके भी पतन […]
![](https://i0.wp.com/www.ugtabharat.com/wp-content/uploads/2024/03/images-52.jpeg?fit=347%2C280&ssl=1)