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इतिहास के पन्नों से

महाभारत से कलिंग युद्ध तक गांधार प्रांत

जब अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, इंडोनेशिया, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, जावा, सुमात्रा, मालदीव और अन्य कई देश आर्यावर्त का एक अंग होते थे, उस समय इन सबके अपने-अपने राजा हुआ करते थे जो स्थानीय स्तर पर प्रजा की समस्याओं का निवारण किया करते थे। ये वैसे ही हुआ करते थे जैसे आज भारत […]

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इतिहास के पन्नों से

शम्बूक वध का सत्य ………क्या राम चन्द्र जी ने शम्बूक वध किया था?

मर्यादापुरुषोतम श्री रामचंद्र जी महाराज के जीवन को सदियों से आदर्श और पवित्र माना जाता हैं। कुछ विधर्मी और नास्तिकों द्वारा श्री रामचन्द्र जी महाराज पर शम्बूक नामक एक शुद्र का हत्यारा होने का अरोप लगाया जाता हैं। सत्य वही हैं जो तर्क शास्त्र की कसौटी पर खरा उतरे। हम यहाँ तर्कों से शम्बूक वध […]

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इतिहास के पन्नों से

ओ३म् “मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का आदर्श एवं प्रेरणादायक जीवन”

=========== आर्यावर्त वा भारतवर्ष में प्राचीन काल से अध्यात्म का प्रभाव रहा है। सृष्टि के आरम्भ में ही ईश्वर ने चार ऋषियों के माध्यम से वेदों का ज्ञान दिया था। हमारे उन ऋषियों व बाद में ऋषि परम्परा ने इस ज्ञान को सुरक्षित रखा जिस कारण आज भी वेदों की संहितायें व वेदों का सम्पूर्ण […]

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इतिहास के पन्नों से

जब ग्वालियर से अटल जी ने खाई मात

(राकेश अचल -विभूति फीचर्स) भारत की सियासत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का सम्मान जनक स्थान है।वे ऐसे नेताओं में से एक थे जिनके अपनी पार्टी के साथ साथ दूसरे दलों के नेताओं से भी बहुत अच्छे रिश्ते रहे।आज भी राजनीति मेंअटल जी का नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है ।अटल जी […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत के कर्ण*–भाग-2

डॉ डी के गर्ग 5.कर्ण को सूर्य पुत्र क्यों कहा? माता कुंती ने करूड़ ऋषि के आश्रम में विद्या अध्ययन किया था। श्वेत मुनि भी अपने समय के एक महान ऋषि हुए हैं। जिन दोनों के संयोग से कर्ण पैदा हुआ था। सामाजिक लोक लिहाज के कारण कुंती ने कर्ण को गंगा नदी के मार्ग […]

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अफगानिस्तान का हिंदू वैदिक अतीत भाग 2 – गांधार महाजनपद और रामराज्य

*मैक्समूलर* अपनी पुस्तक ‘हम भारत से क्या सीखें’ में लिखते हैं- यह निर्णीत हो चुका है कि हम सभी पूर्व से ही आए हैं। इतना ही नहीं हमारे जीवन की जितनी भी प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण बातें हैं, सबकी सब हमें पूर्व से ही मिली हैं। ऐसी स्थिति में जब भी हम पूर्व की ओर जाएँ […]

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इतिहास के पन्नों से

15 अप्रैल चंद्रगुप्त मौर्य जयंती पर विशेष- राष्ट्र निर्माता चंद्रगुप्त मौर्य का स्थान भारतीय इतिहास में सर्वश्रेष्ठ

-सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” चंद्रगुप्त मौर्य पहला शासक था, जिसने एक संगठित राज्य की नींव डाली। राष्ट्र निर्माता चंद्रगुप्त मौर्य का स्थान भारत के इतिहास में बहुत ऊंचा है। साधारण से परिवार में जन्म लेकर नेपोलियन की ही भांति चंद्रगुप्त भी अपने बाहुबल के पराक्रम से भारत का सम्राट बना। चंद्रगुप्त मौर्य को ठाठबाट तथा […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भीम मीम के अंतर्तत्व को समझें समाज बंधु 

प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार, राजभाषा 9425002270    डॉक्टर भीमराव रामजी अम्बेडकर यानि बाबा साहेब केवल किसी एक समुदाय या जाति विशेष में व्याप्त रूढ़ियों, कुरीतियों और बुराइयों हेतु ही चिंतित नहीं थे। बाबा साहेब। समूचे भारत के सभी वर्गों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु प्रयासरत रहते थे। इस नाते ही […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

अफगानिस्तान का हिन्दू वैदिक अतीत भाग 1 – राजा ययाति के वंशज और अफगानिस्तान

आज भारतवर्ष में ही नहीं, संसार में भी जितनी भर भी जातियाँ और उनके गोत्र पाए जाते हैं, वह सभी गोत्र हमारे प्राचीन ऋषियों के नामों पर पड़े हैं। इस सत्य और तथ्य को यदि भारत के वैदिक इतिहास के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह तथ्य पूर्णतः स्थापित और स्पष्ट हो जाएगा कि इस […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत का कर्ण* –भाग-1

* डॉ डी के गर्ग इस लेख ने कुल तीन भाग है,कृपया शेयर करे पौराणिक कथाये: महाभारत के कर्ण को दानवीर कर्ण के नाम से विख्यात किया गया है। कर्ण (साहित्य-काल) महाभारत (महाकाव्य) के महानायक है। वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत कर्ण और पांडवों के जीवन पर केन्द्रित हैद्य कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारियों में से […]

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