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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सरफरोशी की तमन्ना…….. के गायक महान क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल : जन्म दिवस 11 जून पर विशेष

राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ भारतीय क्रांतिकारी स्वाधीनता आंदोलन के एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके नाम से ही क्रांति की मचलन अनुभव होने लगती है। जब वे स्वयं और उनके साथी क्रांति के माध्यम से देश को स्वाधीन करने के महान कार्य में लगे हुए थे तब पूरा देश अपने इन महान क्रांतिकारियों के पीछे खड़ा था। […]

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भारतीय राजनीति के चाणक्य थे एम करुणानिधि

अनन्या मिश्रा दक्षिण भारत की राजनीति में अलग मुकाम बनाने वाले एम करुणानिधि का आज ही के दिन यानी की 3 जून को जन्म हुआ था। बता दें कि करुणानिधि ने अपने राजनीतिक कॅरियर में 13 चुनावों में कभी हार का सामना नहीं किया। दक्षिण भारत की राजनीति में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख […]

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जेब आपातकाल के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस ने दी थी इंदिरा गांधी को मात

अनन्या मिश्रा मजदूर नेता से राजनीति के शीर्ष नेता तक का सफर तय करने वाले जॉर्ज फर्नाडीस का 3 जून को जन्म हुआ था। जॉर्ड फर्नाडीस ने मजदूर नेता बन अपने राजनीतिक सफर को शुरू किया था। उनको जनता से प्यार और सम्मान दोनों मिला था। जॉर्ज फर्नाडीस ने मजदूर नेता से राजनीति के शीर्ष […]

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राष्ट्र और धर्म की जीवंत प्रतिमा बन गई थी अहिल्याबाई होलकर

अनन्या मिश्रा आज के समय में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं। न सिर्फ आज बल्कि पुराने समय में भी कई ऐसी महिलाएं ऐसी रहीं, जिन्होंने अपने कार्यों से इतिहास में अपना दर्ज कराया है। ऐसी ही एक महिला अहिल्या बाई होल्कर थीं। जीवन में आने वाली परेशानियों से किस […]

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गुरु अर्जुन देव की शहादत के बाद शुरू हुई बलिदान की परंपरा, जहांगीर ने दी थीं कड़ी यातनाएं

अनन्या मिश्रा गुरु अर्जुन देव साहिब सिखों के पांचवे गुरु थे। बता दें कि वह हर धर्म और समुदाय को समान रुप से मानते थे। आज ही के यानी की 30 मई को गुरु अर्जुन देव का शहादत दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने अपनी गुरु परंपरा का सदैव पालन किया और गलत चीजों के […]

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हल्दीघाटी युद्ध के बाद के 10 वर्ष का गौरवशाली इतिहास

दीपक बंसल इतिहास से जो पन्ने हटा दिए गए हैं उन्हें वापस संकलित करना ही होगा क्यूंकि वही हिन्दू रेजिस्टेंस और शौर्य के प्रतीक हैं.. इतिहास में तो ये भी नहीं पढ़ाया गया है कि हल्दीघाटी युद्ध में जब महाराणा प्रताप ने कुंवर मानसिंह के हाथी पर जब प्रहार किया तो शाही फौज पांच छह […]

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भारतीय धर्म ग्रंथो के प्रति दुष्प्रचार* भाग 4

भारतीय धर्म ग्रंथो के प्रति दुष्प्रचार भाग 4 प्रस्तुति Dr D K Garg श्रीराम का हिरण को मारना, क्या प्रभु श्रीराम मांस का सेवन करते थे? दुष्प्रचार: लोग यह भ्रम फैलाते हैं कि श्रीराम एक क्षत्रिय होने के नाते मांस का सेवन करते थे। इसीलिए तो माता सीता ने उन्हें हिरण मारकर लाने के लिए […]

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कबीर साहब और सामाजिक समरसता***

भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में ख्याति प्राप्त ऋषि, मुनि, साधु, संत, तत्व ज्ञानी, सत्य शोधक समाज सुधारक, धर्म प्रचारक, वीर योद्धा, कवि एवं साहित्यकार से प्रेरणा लेने तथा उनका स्मरण करने की महान परंपरा रही है। संत परंपरा एवं साहित्य जगत में सर्वोच्च स्थान एवं ख्याति प्राप्त कबीर साहब के जन्म मरण के 450 साल […]

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देश का विभाजन और सावरकर…. अध्याय 4, भारत में इस्लामिक सांप्रदायिकता और अंग्रेजी सरकार

भारत में इस्लामिक सांप्रदायिकता और अंग्रेजी सरकार हिमांशु कुमार नामक गांधीवादी लेखक अपने उपरोक्त लेख में आगे लिखते हैं कि ‘याद रखिये मुस्लिम लीग का गठन हिन्दुओं के खिलाफ नहीं हुआ था। आप मुझे मुस्लिम लीग का कोई स्टेटमेंट हिन्दुओं के खिलाफ दिखा दीजिये, वहीं दूसरी तरफ हिन्दू महासभा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का गठन […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

देश विभाजन और सावरकर, अध्याय 3 सर सैयद अहमद खान का द्विराष्ट्रवाद

14 मार्च 1888 को मेरठ में दिए गए अपने भड़काऊ भाषण में सर सैयद अहमद खान ने स्पष्ट कर दिया था कि हिंदू-मुस्लिम मिलकर इस देश पर शासन नहीं कर सकते । अपने भाषण में उन्होंने कहा- “सबसे पहला प्रश्न यह है कि इस देश की सत्ता किसके हाथ में आनेवाली है ? मान लीजिए, […]

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