रावण के राष्ट्र में नीति थी, धर्म नहीं था ।नीति भी अधर्म की नीति थी। यदि उसके साथ धर्म भी होता तो निश्चित था कि रावण की पताका संसार में सबसे ऊंची कहलाती। आज संसार में प्रत्येक मनुष्य यह कह देता है कि वह तो पाखंडी है, लेकिन पाखंड कहते किसको हैं ? इसको देखें […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
16 जुलाई 1987 को आर वेंकट रमण भारत के 8वें राष्ट्रपति चुने गये। 25 जुलाई 1987 को सवा 11 बजे मुख्य न्यायाधीश आर. एस. पाठक ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। आर वेंकट रमण के पास भी अपना लंबा राजनीतिक अनुभव था। वह रक्षामंत्री, उद्योगमंत्री, गृहमंत्री का अतिरिक्त प्रभार केन्द्र में संभाल चुके […]
अयोध्या हिंदुओं और उससे उद्भृत बौद्धों, जैनियों और सिक्खों का सबसे प्राचीन नगर रहा है। वह सात पवित्र (सप्त तीर्थ पुरियों) में एक है। अथर्ववेद में इसे ईशपुरी कहा गया है। इसके वैभव की तुलना स्वर्ग से की गई है। इसका निर्माण भगवान राम के जन्म से बहुत पहले हो चुका था। अयोध्या में भगवान […]
🙏 वर्ष 2023 की दीपावली का सनातन धर्म के लिए विशेष महत्व है, क्योंकि इस वर्ष मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण पूर्ण होने जा रहा है। वैसे तो दीपों का त्यौहार समूचे विश्व में मनाया जाता है। मान्यता है यह जगमग दीप ज्योति का पर्व बुराई पर […]
भारत के सातवें राष्ट्रपति के रूप में ज्ञानी जैलसिंह का नाम है। ये पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके थे। इंदिरा गांधी ने सत्ता में पुन: वापसी के पश्चात इन्हें देश का गृहमंत्री बनाया था। 11 जून 1982 को इन्हें इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। 22 जून 1982 को इन्होंने गृहमंत्री के […]
भारत के राष्ट्रपति के चुनाव को रोमांचक बनाने वाले भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी थे। 1969 में वो वी.वी गिरि से बहुत कम अंतर से हारे थे। तब उस चुनाव ने बड़ा रोमांच पैदा किया था। अब 1977 का काल था। इंदिरा गांधी चुनाव हार गयीं थीं। जबकि फखरूद्दीन अली अहमद स्वर्ग सिधार […]
शासन अविधि ( 1795-1797) लेखन ::सुरज सम्राट तुकोजीराव होलकर हमेशा अपने काका सूबेदार मल्हार राव होलकर के साथ युद्ध क्षेत्रों में सहायक रहे थे मल्हार राव होलकर की मृत्यु के पश्चात मातेश्वरी अहिल्याबाई ने उनको अपना सेनापति बनाया था वह मातोश्री अहिल्याबाई होल्कर व पेशवा के हमेशा विश्वस्त स्वामी भक्त बने रहे इनका जन्म सन् […]
एक नया और खंडित राष्ट्र अगस्त 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो उसके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ थीं। बँटवारे की वजह से 80 लाख शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आ गए थे। इन लोगों के लिए रहने का इंतजाम करना और उन्हें रोजगार देना जरूरी था। इसके बाद रियासतों की समस्या थी। तकरीबन 500 रियासतें […]
* महान शूरवीर योद्धा हरि सिंह नलवा ने जब पठानों को अपने शौर्य से रौंद डाला तो वह एक दिन अपनी मां से बोला – मां मेंने तेरे दूध को सफल कर दिया, मैं तेरे ऋण से उऋण हुआ।माँ मुस्कराई । हरि सिंह ने जब पुनः कहा- मां मेरे योग्य कोई सेवा बताइए तो मां […]
भारत के पांचवें राष्ट्रपति के रूप में फखरूद्दीन अली अहमद का नाम है। इन्होंने 24 अगस्त 1974 को शपथ ग्रहण की। डा. जाकिर हुसैन के पश्चात ये दूसरे ऐसे अल्पसंख्यक नेता थे जो राष्ट्रपति बने। निर्वाचन का परिणाम 20 अगस्त 1974 को ही आ गया था। इन्हें निर्वाचन में 80 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त […]