अगले दिन कौरव सेना के सेनापति भीष्म जी ने राजा भगदत्त को घटोत्कच का सामना करने के लिए नियुक्त किया। उनकी आज्ञा को स्वीकार कर भगदत्त सिंहनाद करते हुए घटोत्कच की ओर बढ़ चला । भगदत्त के साथ पांडवों का उस दिन बड़ा भयानक संग्राम हुआ। युद्ध इतना भयंकर था कि एक बार पांडवों की […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
गोपाल कृष्ण गोखले गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, 1866 ई। को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक निर्धन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 1884 ई। में बी।ए। की परीक्षा पास करने के बाद वे 18 वर्ष की आयु में अध्यापक बने। आगे चलकर गोपाल कृष्ण गोखले फरग्यूसन कॉलेज पुणे के अध्यापक एवं प्राचार्य भी […]
25 जुलाई 2012 को 13 वें राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी ने शपथ ग्रहण की। वह एक विचारशील राजनीतिज्ञ थे। उनको देश की समस्याओं का गहरा ज्ञान था और 1984 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या की गई थी तो उस समय प्रणब मुखर्जी को देश का प्रधानमंत्री बनाने की भी […]
वीर सावरकर – मुझे शासन ने कोई उपाधि प्रदान नहीं की, मेरा जब्त किया हुआ मकान वापस नही किया इसलिए कुछ व्यक्ति दुखी हैं किन्तु मुझे कभी किसी उपाधि की अभिलाषा नहीं रही, तीन चतुर्थांश भारत स्वतंत्र हुआ देखकर ही हमने सबकुछ पा लिया। क्रांति की उपासना जिस समय पागलपन समझी जाती थी उस समय […]
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Devi Singh Patil) देश की बारहवीं राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल बनीं। जुलाई 2007 में भाजपा और अन्य सहयोगी दलों ने उपराष्ट्रपति भैंरो सिंह शेखावत को अपना संयुक्त प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों की प्रत्याशी प्रतिभा देवी सिंह के सामने चुनाव मैदान में उतारा। यद्यपि शेखावत ने […]
एक पुस्तक है..Low and Licentious Europeans . इसे बारीकी से पढ़ना चाहिए । यदि पढ़ कर समझ गये ..तो उपनिवेशवादी मानसिकता से थोड़ा निजात पा सकते हैं। आपने ध्यान दिया हैं कि ..साठ ,सत्तर वर्ष के ऊपर के बुजुर्ग भारतीय कुछ अधिक यूरोपियन कल्चर से प्रभावित रहते हैं ?? ऐसा क्यु हैं ?? यूरोप और […]
डा. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। ये ऐसे पहले राष्ट्रपति रहे हैं जिनका राजनीति से कभी दूर का भी संबंध नहीं रहा। ये भारत के उपराष्ट्रपति नहीं बने, अपितु सीधे ही राष्ट्रपति बनाये गये। 1998 के पोखरण विस्फोट में डा. कलाम का अविस्मरणीय योगदान था। इस परमाणु विस्फोट से भारत ने ऊंची […]
◘ “यह स्मरण रहे कि पंडित नेहरू कोई अपनी तरह के अकेले चरित्र नहीं थे; न ही नेहरूवाद कोई अपनी तरह की अकेली परिघटना है। जिन समाजों को पराजित होने का दुर्भाग्य सहना पड़ा और कुछ समय पराए शासन में रहना पड़ा, उन सभी समाजों में ऐसे कमजोर दिमाग लोग और दासवत चिंतन प्रक्रिया देखी […]
भारतीय गणराज्य के दसवें राष्ट्रपति के रूप में कोचेरियल रमण नारायणन आये। इनकी पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं थी। वे भारतीय विदेश सेवा के सदस्य थे। वे एक नौकरशाह से उपराष्ट्रपति और फिर उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बने थे। नौकरशाह से राष्ट्रपति बनने वाले वे पहले व्यक्ति थे। इसके बाद कलाम साहब राष्ट्रपति बने थे-उनकी भी कोई राजनीतिक […]
डा. शंकर दयाल शर्मा भारत के नौवें राष्ट्रपति बने। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जी.जी. स्वेल को भारी मतों से परास्त किया था। जी.जी. स्वेल को 1500 मत मिले थे जबकि डा. शर्मा को 2865 मत मिले थे। भाजपा जनता दल एवं अन्य क्षेत्रीय दल प्रो. जी.जी. स्वेल के साथ थे किंतु सी.पी. आई. (एम) तथा सी.पी.आई. […]