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इतिहास के पन्नों से

11 दिसम्बर/जन्म-दिवस कर्मठ कार्यकर्ता बालासाहब देवरस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यपद्धति के निर्माण एवं विकास में जिनकी प्रमुख भूमिका रही है, उनमें श्री मधुकर दत्तात्रेय देवरस का जन्म 11 दिसम्बर, 1915 को नागपुर में हुआ था। वे बालासाहब के नाम से अधिक परिचित हैं। वे ही आगे चलकर संघ के तृतीय सरसंघचालक बने। बालासाहब ने 1927 में शाखा जाना शुरू किया। […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास की कुछ कड़वी सच्चाईयां*

क्या आप जानते हैं कि 622 ई. से लेकर 634 ई. तक मात्र 12 वर्षों में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने इस्लाम की तलवार के बल पर मुसलमान बना दिया। 634 ईस्वी से लेकर 651 तक, यानी मात्र 16 वर्ष में सभी पारसियों को तलवारकी नोक पर इस्लाम का कलमा पढ़वा दिया गया। […]

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देश के मध्यकालीन इतिहास में खाप पंचायतों का स्वाधीनता आंदोलन भाग 2 हूण आक्रमण के विरुद्ध पंचायती सहायता

512 विक्रम में जब राजा स्कंद गुप्त की ओर से पंचायती संगठन के नाम पत्र लिखा गया तो उस समय खाप पंचायत के 500 नेता एकत्र हुए। जिनमें 500 सामंत भी एकत्रित हुए थे। दो लाख की सेना एकत्रित की गई थी और यह सारी सेना उस समय हूणों के विरुद्ध राजा को दे दी […]

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देश के मध्यकालीन इतिहास में खाप पंचायतों का स्वाधीनता आंदोलन भाग 1

श्री निहाल सिंह आर्य अध्यापक द्वारा लिखित ‘सर्वखाप पंचायत का राष्ट्रीय पराक्रम ( प्राचीन विशाल हरियाणा )’ नामक पुस्तक में विद्वान लेखक ने अनेक ऐसे ऐतिहासिक और छुपे हुए तथ्यों को स्पष्ट किया है जो आज की युवा पीढ़ी को विशेष रूप से जानने योग्य हैं। इस पुस्तक से हमको पता चलता है कि आज […]

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इतिहास में भुला दिया गया है रानी ताराबाई का योगदान

मराठा साम्राज्य (Maratha Empire) के वीर पुरुषों की कहानियां हम बचपन से पढ़ते-सुनते आ रहे हैं. भारत माता को विदेशी ताकतों के चंगुल से छुड़ाने के लिए इन वीर सपूतों न हंसते-हंसते प्राणों की आहुती दे दी थी. छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) हों, पेशवा बाजीराव (Pehswa Bajirao) हों या तानाजी मालुसरे (Tanhaji Malusare) […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

सिकंदर का वध एक हिंदू वीरांगना के द्वारा हुआ था

चौधरी चेतराम आर्य पहलवान द्वारा लिखवाई गई “मेरी पोथी नंबर 7 इंस्पेक्टर 334 ईसा पूर्व ‘ के माध्यम से उपरोक्त पुस्तक के पृष्ठ संख्या 74 पर उल्लेखित किया गया है कि जब सिकंदर का आक्रमण भारत पर हुआ तो उस समय दो लाख की संख्या में मल्ल योद्धा अपने आप ही एकत्र हो गए। इन […]

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इतिहास के पन्नों से

सावित्रीबाई और शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में कभी भी किसी औरत का नाच गाना नहीं हुआ। महिलाओं का हमेशा सम्मान किया जाता था चाहे वह दुश्मन की पत्नी भी क्यों ना हो सभी को अपनी माता और बहन के समान समझा जाता था। उनका साफ कहना था महिलाओं की गरिमा हमेशा बनाए रखनी चाहिए। बेशक वह […]

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इतिहास के पन्नों से

नाथूराम गोडसे जी अमर रहें !!* *अमर रहें, अमर रहें !!

🚩🚩🌹🙏🙏🌹🚩🚩 👇👇👇👇👇 ** “जस्टिस जी डी खोसला” वो “जज” थे, जिन्होंने “नाथूराम गोडसे” केस की सुनवाई की थी और नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा दी थी l गोडसे को फांसी पर चढ़ाने के बाद जज साहब, अपनी किताब “द मर्डर ऑफ महात्मा एन्ड अदर केसेज फ्रॉम ए जजेज़ डायरी” में पेज नंबर 305 -06 […]

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इतिहास के पन्नों से

जैसलमेर के राजा लूणकरण भाटी और अमीर अली

क्या आपने अमीर अली का नाम सुना है, राजस्थान के इतिहास में यह वह व्यक्ति है जिसके धोखे के कारण महिलाएं जौहर नहीं कर पाई और उन्हें तलवारो से काटना पड़ा, तो चलिए आज जैसलमेर के राजा लूणकरण को याद करते है, जो मित्रता के नाम पर राजस्थान के सबसे बड़े धोखे का शिकार हुए […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

8 वें अजूबे में शामिल हुआ भारतीय संस्कृति का प्रतीक अंकोरवाट

धर्म चिंतन और राष्ट्र चिंतन के केंद्र होने के कारण मंदिरों से प्राचीन काल से ही क्रांति का स्रोत प्रवाहित होता रहा है। यही कारण रहा कि जब सिकंदर का भारत पर आक्रमण हुआ तो क्रांति के इन केंद्रों से ऐसी धारा प्रवाहित हुई कि उसने चंद्रगुप्त और चाणक्य की जोड़ी के माध्यम से राष्ट्ररक्षा […]

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