18 अप्रैल/बलिदान-दिवस दामोदर हरि चाफेकर उस बलिदानी परिवार के अग्रज थे, जिसके तीनों पुष्पों ने स्वयं को भारत माँ की अस्मिता की रक्षा के लिए बलिदान कर दिया। उनका जन्म 25 जून, 1869 को पुणे में प्रख्यात कथावाचक श्री हरि विनायक पन्त के घर में हुआ था। दामोदर के बाद 1873 में बालकृष्ण और […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
ललित गर्ग वंचितो, शोषितों और समाज में हाशिए पड़े हुए लोगों के उत्थान के लिए उन्होंने कई कल्याणकारी कार्य किए और समाज में अलग-थलग रह रहे लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया। वे सशक्त, संतुलित, जातिवाद एवं रूढ़ि-आडम्बरमुक्त भारत निर्माण के पुरोधा थे। उनकी मानवीय संवदेनाओं ने केवल दलितों, […]
महाभारत लेखन की विचारणीय बातें :— राजा भोज ने अपने “संजीवनी” नामक ऐतिहासिक ग्रन्थ में लिखा है कि, वेदव्यास जी ने चार सहस्त्र चार सौ श्लोक में ‘जय’ ग्रन्थ की रचना की, जिसके रचयिता (वक्ता) स्वयं वेद व्यास जी व श्रोता वैशम्पायन थे | उनके शिष्य वैशम्पायन ने पांच सहस्र छः सौ श्लोक जोड़कर दस […]
चंद्रशेखर, पूर्व प्रधानमंत्री 1980 में लोकसभा का चुनाव हुआ। बाबू जगजीवन राम पार्टी के नेता थे। जनता पार्टी के टूटने से लोगों का उससे मोहभंग हुआ और इंदिरा गांधी की वापसी निश्चित थी। बाबू जगजीवन राम को नेता बनाने के मोरारजी भाई खिलाफ थे। मैं भी उनके नाम से सहमत नहीं था। चुनाव के […]
संजीव सिंह हम सभी ने इतिहास पढ़ा है कि मुगल सल्तनत की स्थापना 1526 में ज़हीर-उद-दीन मुहम्मद बाबर ने की थी। अगले दो शताब्दियों तक भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों पर मुगलों का शासन रहा। आम धारणा यह है कि बाबर को भारत आने का निमंत्रण भेजा गया था और यह कार्य मेवाड़ के […]
दादा बस्तीराम आर्योपदेशक लेखक :- स्वामी ओमानन्द सरस्वती पुस्तक :- देश भक्तों के बलिदान प्रस्तुति :- अमित सिवाहा [यह लेख वयोवृद्ध पूजनीय पंडित बस्तीराम जी का है जिसे मैंने भालोठ ग्राम में उनके पास 2 दिन बैठकर लिखा था कुछ लोगों का कहना है कि पंडित जी सन् 57 के युद्ध के समय 17 […]
प्रथम क्रूसयुद्ध मजहबी उन्माद व्यक्ति के मन मस्तिष्क में गहरा अंधकार कर देता है। क्योंकि यह सबसे पहले विवेक के दीपक को बुझाता है । जैसे चोर घर में प्रवेश करने से पहले प्रकाश के स्त्रोत को बंद करता है वैसा ही कार्य मजहब व्यक्ति के मन मस्तिष्क पर अविवेक की चादर डालकर करता […]
भारत की संविधान के निर्माता डॉ. अंबेडकर इस संविधान को जला देना चाहते थे? अभिरूप दाम जिस समय यह लिखा जा रहा है, उस समय भारतीय संसद में मानो बमबारी हो रही है। ना-ना, किसी विधेयक या अध्यादेश पर हंगामा नहीं हो रहा है।ये सब उस किताब को लेकर हो रहा है जिससे हमारे […]
लेखकः- डाॅ. सुरेन्द्र कुमार (मनुस्मृति भाष्यकार) श्री भीमराव रामजी अम्बेडकर को डॉ. अम्बेडकर बनाने में आर्यसमाज और आर्यसमाज द्वारा प्रचारित वर्णव्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान है। जन्मगत जातिवाद के विरुद्ध समरसता और समान-अधिकार का वातावरण निर्मित करने वाले और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए सुविधा-सहायता उपलब्ध कराने वाले वही लोग थे जो आर्य समाज से […]
क्रूसेड युद्ध अर्थात धार्मिक युद्ध मजहब के नाम पर ईसाइयों, यहूदियों और मुसलमानों के बीच एक से एक बढ़कर खूनी संघर्ष हुए हैं। जिनमें मानवता का भारी अहित हुआ है । लाखों लोगों को इन युद्धों में या तो अपने प्राण गंवाने पड़े या फिर विस्थापित होने के लिए विवश होना पड़ा। बड़ी संख्या में […]