माई एहों पूत जण जेंहो दुर्गादास भारतीय इतिहास में वीर शिरोमणि दुर्गादास के नाम को कभी परिचय की आवश्यकता नहीं रही. मारवाड़ के इस वीरपुत्र और मातृभूमि पर अपने सम्पूर्ण जीवन को न्यौछावर कर देने वाले जुझारू यौद्धा को केवल मारवाड़ की धरती और सम्पूर्ण देश में फैले राठौर बंधू ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण हिंदू […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
राजा दाहिर सेन के राज्यारोहण के समय की परिस्थितियां समुद्र और पर्वतों ने भारत के लिए बड़ी सुरक्षात्मक परिस्थितियां पैदा की हैं। तीन ओर से समुद्र और एक ओर से पर्वत ने भारतीय उपमहाद्वीप को घेर रखा है । जिससे हमारे देश को प्राकृतिक सुरक्षा उपलब्ध हो जाती है । पाकिस्तान और अफगानिस्तान की ओर […]
अशोक मधुप घटना है अमेरिका के ओहायो स्टेट के डेटन स्थित एयर फोर्स के म्यूजियम की। मैं उन प्लेन के सामने खड़ा था, जिन्होंने एक झटके में जापान को तबाह कर दिया था। 6 अगस्त 1945 की सुबह हिरोशिमा पर “लिटिल बाय” नामका परमाणु बम डाला। बचपन से हम राक्षस−दानव और दैत्यों के बारे […]
हमारे जिन क्रांतिकारियों ने भारत के विषय में और भारतीय स्वाधीनता के विषय में इतने ऊंचे विचार रखे उन्हीं के कारण आज हम स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं। आज हम स्वतंत्र होकर सोच सकते हैं और स्वतंत्र होकर लिख सकते हैं। जिनके बलिदानों ने हमें आजादी की ये नेमत दी है, उनके विषय […]
साहित्य समाज का दर्पण होता है। जैसा समाज होता है वैसा ही साहित्य दिखाई देता है। यह बात पूरी तरह सही है । जब हमारा देश पराधीननता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था और उनसे मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहा था, तब हमारे देश का साहित्य और साहित्यकार भी देश की संघर्ष की उस […]
देश अपने 75 वें स्वतंत्रता दिवस के रंग में रंग गया है। सचमुच यह पावन पर्व हमें अपने स्वतंत्रता सैनानियों और अमर बलिदानियों के उद्यम और पुरूषार्थ का स्मरण कराकर अपने देश के प्रति समर्पित भाव से जीने के लिए प्रेरित करता है। भारत की संस्कृति की महानता का राज ही यह है कि […]
महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की, तथा कितने गुरुकुलों की स्थापना की और कितने शास्त्रार्थ किए यह सब लेख यह उपस्थित है। ( महर्षि स्वामी दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापनाएं कब और कहां कहां की गई ) दीवान बहादुर हरबिलास शारदा द्वारा रचित,विश्व गुरु स्वामी दयानंद का जीवन चरित्र एवं उनकी शिक्षाएं […]
सब लोगों को मारता हुआ भी नहीं मारता, यह बात आज के कानून विदों के लिए या विधि विशेषज्ञों के लिए समझ में न आने वाली एक रहस्यमयी पहेली है। पर इसे हमारे वीर योद्धाओं ने भारतीय स्वाधीनता और संस्कृति की रक्षा के अपने प्रण का निर्वाह करते समय पूर्णतया अपनी नजरों के […]
सिंध की धरती पर सदैव अजेय रहने वाले हिन्दुओं को बुद्धों के विश्वासघात के कारण पहली हार मुहम्मद बिन कासिम से राजा दाहिर को मिली। अपने पिता की हार और अपने राज्य की तबाही का बदला राजा दाहिर की वीर बेटियों ने उसी के बादशाह से अपने ही सेनापति को मरवा कर लिया था। राजा […]
#डॉविवेकआर्य मेरे कई मित्रों ने यह शंका मेरे समक्ष रखी हैं की उनके सामने दिन प्रतिदिन वाल्मीकि रामायण में से कई श्लोक आते हैं जिनसे यह सिद्ध होता हैं की श्री राम जी मांसाहारी थे? इस शंका का समाधान होना अत्यंत आवश्यक हैं क्योंकि श्री राम के साथ भारतीय जनमानस की आस्था जुड़ी हैं। […]