याद कीजिये, मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की पिछली सरकार की हिन्दू विरोधी नीतियों और कार्यक्रमों को। मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की सरकार ने भगवान राम के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया था, भगवान राम को काल्पनिक कहा था। सुप्रीम कोर्ट में एक हफलनामा दाखिल कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार कही थी कि राम […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
——————————————Indian freedom struggle was fought on two thought of School of Politics. One was Tilak thought of Politics which says freedom is our birthright. We will achieve it by any means. Another Gandhian thought of Politics. Which says we will achieve freedom through non-violence method. If it took thousand years to achieve the same no […]
केसी त्यागी आज 11 अक्टूबर (1902) जेपी का जन्मदिन है। गांधी के बाद देश की राजनीति में जितने और जिस तरह के प्रयोग जेपी ने किए, वैसे उदाहरण बहुत कम मिलते हैं। समतामूलक समाज, लोकतंत्र, नागरिक अधिकार, भ्रष्टाचार उन्मूलन और सभी प्रकार के शोषण और जुल्म-ज्यादती से मुक्त समाज का जिक्र होते ही जयप्रकाश याद […]
पुस्तक का नाम : सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा:भगवान श्रीराम लेखकीय निवेदन का शेष थाईलैंड का राज परिवार और श्री राम थाईलैंड के राज परिवार में आज तक भी लोग अपने नाम के साथ राम जोड़कर प्रसन्न होते हैं। वे समझते हैं कि जैसे श्रीराम ने दैवीय शक्तियों के माध्यम से शासन किया था […]
✍🏻 लेखक – प्रो० उमाकान्त उपाध्याय, एम० ए० प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ जब कभी भ्रान्त विचार चल पड़ते हैं तो उनके अवश्यम्भावी अनिष्टकारी परिणामों से बचना दुष्कर हो जाता है। इसी प्रकार का एक अशुद्ध भ्रान्त विचार यह है कि आर्यावर्त की सीमा उत्तर भारत तक ही है और आर्यावर्त की दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश […]
मौत को मौका बनाकर गरीब जनता के साथ खतरनाक विश्वासघात करने, उसके साथ भद्दा सामाजिक राजनीतिक मजाक करने का कांग्रेसी इतिहास 41 बरस पुराना है। 6 अक्टूबर को अपने कांग्रेसी मातम की राजनीतिक मजलिस करने लखीमपुर गयी राहुल प्रियंका भूपेश और चन्नी की कांग्रेसी चौकड़ी समेत पूरी कांग्रेसी फौज भूल गयी है या भूलने का […]
गांधी के विचार क्या थे ? १- हवन मे घी जलाए, यह तो हिंसा हुई।(हरिजन सेवक २०मई १९५० काका कालेकर संस्मरण। २-महाभारत के कृष्ण कभी भूमंडल पर नही हुए। (तेज ५ अक्टूबर १९२५) ३-दयानन्द ने सूक्ष्म मूर्ति पूजा चलाई है क्योंकि उन्होनें वेद को ईश्वरीय ज्ञान कहा है। वेद अक्षर है और सब सत्य विद्याओ […]
प्रभु कृपा और आप सब के आशीर्वाद से मेरी नई पुस्तक “सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा : भगवान श्री राम” प्रकाशित होकर आ गई है। आशा है आपका आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा। लेखकीय निवेदन श्री राम हमारे लिए एक ऐसा व्यक्तित्व है जिन्हें हम भारतवासियों ने बहुत समय से भगवान के रूप में माना और समझा […]
एक बार मैं मेरे मित्रों के साथ हिमाचल के पालमपुर से होकर ट्रेकिंग पर जा रहे थे, मार्ग में माँ भगवती ज्वालाजी का प्रसिद्ध मंदिर आता है, जोकि कांगड़ा नगर से ३० किलोमीटर दूर एक नदी के तट पर है। हमने सोचा चलो माँ भगवती के दर्शन करते हुए चलते हैं। मंदिर अति प्राचीन, और […]
-भगवान श्री राम के छोटे भाई श्री लक्ष्मण के लक्ष्मणपुर यानी लखनऊ को नवाबों की नगरी बताकर… इतिहास का सबसे बड़ा इस्लामिक प्रोपागेंडा चलाया गया -पूरा का पूरा पुराना लखनऊ इस्लामिक हमले के पूर्व के हिंदू राजाओं के द्वारा बसाया गया था… यहां के महल जिन्हें अब इमामबाड़े (जहां कभी कोई इमाम नहीं रहा) कहा […]