🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 वीर सावरकर कौन थे जिन्हें आज सभी हिंदू विरोधी और देशनिरपेक्ष कोस रहे हैं और क्यों? ये २५ बातें पढ़कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो उठेगा। इसको पढ़े बिना आज़ादी का ज्ञान अधूरा है! आइए जानते हैं एक ऐसे महान क्रांतिकारी के बारे में जिनका नाम इतिहास के पन्नों से मिटा दिया गया। […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
हमारा यह लेख अब से 7 वर्ष पूर्व उगता भारत में प्रकाशित हुआ था जो आज भी उतना ही समसामयिक है। इसलिए आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत है:- बात 10 मई 1957 की है। सारा देश 1857 की क्रांति की शताब्दी मना रहा था। दिल्ली में रामलीला मैदान में तब एक भव्य कार्यक्रम हुआ था। हिंदू […]
भारत को अजेय शक्ति बनाने के लिए “हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है और राष्ट्रीयत्व ही हिंदुत्व है’ के उद्द्घोषक स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर आज तन से हमारे मध्य नहीं हैं। लेकिन उनकी संघर्षमय प्रेरणादायी अविस्मरणीय मातृभूमि के प्रति समर्पित गाथा युगों युगों तक भारतभक्तों का मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी। मुख्यतः हम उनकी पुण्य जन्म […]
—— लोगों को आश्चर्य होता है ,जब गाँधी हत्याकांड मे सम्मिलत होने के षडयन्त्र से जस्टिस आत्मचरन ने सावरकर को ससम्मान बरी करते हुए अपने निर्णय में लिखा, २० जनवरी १९४८ से ३० जनवरी १९४८ के बीच दिल्ली में क्या हुआ, उसकी जानकारी सावरकर को नही थी। इसलिए उनको पूर्ण दोशमुक्त किया जाता है। इसके […]
राठौर विजय सिंह भारत की भूमि पर अनेक योद्धाओं और महायोद्धाओं ने जन्म लिया है। अपने दुश्मन को धूल चटाकर विजयश्री हासिल करने वाले इन योद्धाओं ने कभी अपने प्राणों की परवाह नहीं की। उस महान यौद्धा का नाम है वीर दुर्गादास राठौड़..वीर दुर्गादास राठौड़ भारतीय इतिहास मे एक बहुत ही अविस्मरणीय नाम है। समय […]
राठौड़ विजय सिंह महाराजा गंगा सिंह जी ने राजा लालसिंह के घर तीसरी संतान के रूप जन्म लिया था। जिनके बड़े भाई डूँगरसिंह जी थे। महाराजा गंगासिंह जी जन्म 3 अक्टुबर 1880 में हुआ था महाराजा गंगा सिह जी के जन्म के समय ही देश अंग्रेजों सत्ता के आधीन हो चुका था और गुलामी की […]
• कौन था हरीसिंह नलवा (1791-1837) ? • डॉ. सूर्यदेव शर्मा (एम.ए., डी.लिट्.) हिन्दू धर्म और जाति की रक्षा के लिए जिन महापुरुषों ने अपने प्राण और सर्वस्व की बाजी लगा कर हिन्दू जाति के नाम को ऊँचा किया है, उनमें छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, गुरु गोविन्दसिंह और वीर बन्दा वैरागी के साथ सरदार हरी […]
लेखक :-स्वामी ओमानन्द सरस्वती प्रस्तुति :- अमित सिवाहा महर्षि दयानन्द के प्रियतम शिष्य श्री श्याम जी कृष्ण वर्मा काठियावाड़ राज्य के थे। ये संस्कृत भाषा के धुरन्धर विद्वान थे। महर्षि दयानन्द जी से अष्टाध्यायी संस्कृत व्याकरण को पढ़ा था। महर्षि दयानन्द ने विदेशों में वैदिक धर्म के प्रचारार्थ हो लन्दन भेजा था। महर्षि दयानन्द के […]
सौरभ द्विवेदी गोपाल कृष्ण गोखले, जिन्होंने सबसे पहले एक सरकारी बिल के विरोध में लेजिस्लेटिव काउंसिल से वॉक आउट किया।एक ऐसा नेता, जिसके सादगी से भरे और आंकड़ों से दुरुस्त बजट भाषणों के बारे में पढ़ने के लिए लोग अखबार का इंतजार करते थे। ऐसा नेता, जिसे गांधी और जिन्ना, दोनों ही अपना राजनीतिक गुरु […]
15 मई/जन्म-दिवस पर शत शत नमन। स्वतन्त्रता संग्राम के समय उत्तर भारत में क्रान्तिकारियों की दो त्रिमूर्तियाँ बहुत प्रसिद्ध हुईं। पहली चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल तथा अशफाक उल्ला खाँ की थी, जबकि दूसरी भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु की थी। इनमें से सुखदेव का जन्म मुहल्ला नौघरा लुधियाना शहर पंजाब में में 15 मई, 1907 […]