जब चौधरीचरण सिंह ने आर्यसमाज के सिद्धान्त की लाज रखो घटना उस समय की है जब भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति स्वानामधन्य घनश्याम दास बिड़ला का देहावसान हो गया था और दिल्ली नाग एक परिषद् ने उनकी स्मृति में एक शोक सभा का आयोजन पिक्की हाल , नई दिल्ली में किया था। इस अवसर पर कुछ […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
अरब का रहा है वैदिक स्वरूप मोहम्मद साहब का जन्म से पूर्व सारे अरब जगत को वैदिक मान्यताएं प्रभावित करती थीं। उन्हीं के अनुसार सामाजिक और धार्मिक व्यवहार चलता था । यद्यपि यह सही है कि इस वैदिक हिन्दू धर्म में भी उस समय घुन लग चुका था। अरब के समाज की स्थिति उस समय […]
छह जुलाई, 1901 को कोलकाता में श्री आशुतोष मुखर्जी एवं योगमाया देवी के घर में जन्मे डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को दो कारणों से सदा याद किया जाता है। पहला तो यह कि वे योग्य पिता के योग्य पुत्र थे। श्री आशुतोष मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के संस्थापक उपकुलपति थे।1924 में उनके देहान्त के बाद केवल […]
उफ! यह कृतघ्नता!! लेखक: राजेशार्य आट्टा, (पानीपत) –चंद्रशेखर आजाद से पहले भगतसिंह आदि के दल का नेतृत्व करते थे- अमर बलिदानी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल। चंद्रशेखर आजाद बिस्मिल के आस्तिक देशभक्ति पूर्ण व आर्यसमाजी विचारों से बहुत प्रभावित थे। काकोरी कांड में गिरफ्तार होने पर जेल में बंद बिस्मिल को स्वार्थी संसार की असलियत का कटु […]
१. हिन्दू काफ़िर सम्मान के योग्य नहीं-”मुसलमानों के लिए हिन्दू काफ़िर हैं, और एक काफ़िर सम्मान के योग्य नहीं है। वह निम्न कुल में जन्मा होता है, और उसकी कोई सामाजिक स्थिति नहीं होती। इसलिए जिस देश में क़ाफिरों का शासनहो, वह मुसलमानों के लिए दार-उल-हर्ब है ऐसी सति में यह साबित करने के […]
जन्म दिवस 11 जून पर विशेष राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ भारतीय क्रांतिकारी स्वाधीनता आंदोलन के एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके नाम से ही क्रांति की मचलन अनुभव होने लगती है। जब वे स्वयं और उनके साथी क्रांति के माध्यम से देश को स्वाधीन करने के महान कार्य में लगे हुए थे तब पूरा देश अपने इन […]
सुखा भारती श्री गुरू अर्जुन देव जी की शहीदी के पश्चात् यह बात स्पष्ट हो गई थी, कि शांतमई यत्नों का युग पलट चुका है। अब गुरूदेव के सामने दो रास्ते थे या तो वे हथियारबंद ढंग से संघर्ष की राह अपनाएँ या फिर सारे प्रयास बंद कर अच्छे दिनों के आने का इन्तज़ार करें। […]
30 मई/बलिदान-दिवस पर शत शत नमन हिन्दू धर्म और भारत की रक्षा के लिए यों तो अनेक वीरों एवं महान् आत्माओं ने अपने प्राण अर्पण किये हैं; पर उनमें भी सिख गुरुओं के बलिदान का उदाहरण मिलना कठिन है। पाँचवे गुरु श्री अर्जुनदेव जी ने जिस प्रकार आत्मार्पण किया, उससे हिन्दू समाज में अतीव […]
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 वीर सावरकर कौन थे जिन्हें आज सभी हिंदू विरोधी और देशनिरपेक्ष कोस रहे हैं और क्यों? ये २५ बातें पढ़कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो उठेगा। इसको पढ़े बिना आज़ादी का ज्ञान अधूरा है! आइए जानते हैं एक ऐसे महान क्रांतिकारी के बारे में जिनका नाम इतिहास के पन्नों से मिटा दिया गया। […]
हमारा यह लेख अब से 7 वर्ष पूर्व उगता भारत में प्रकाशित हुआ था जो आज भी उतना ही समसामयिक है। इसलिए आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत है:- बात 10 मई 1957 की है। सारा देश 1857 की क्रांति की शताब्दी मना रहा था। दिल्ली में रामलीला मैदान में तब एक भव्य कार्यक्रम हुआ था। हिंदू […]