राष्ट्रीय संगोष्ठी * इतिहास विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय , उदयपुर (राजस्थान) द्वारा “1857 की क्रांति के अज्ञात और भूले- बिसरे नायक” नामक विषय पर 26-27 अगस्त 2022 को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। आधुनिक भारत के इतिहास में 1857 की क्रांति ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध एक अभूतपूर्व युद्ध घोष था। […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
उगता भारत ब्यूरो इतिहास इस बात का साक्षी है कि देश, धर्म और समाज की सेवा में अपना जीवन अर्पण करने वालों के मन पर ऐसे संस्कार उनकी माताओं ने ही डाले हैं. भारत के स्वाधीनता संग्राम में हंसते हुए फांसी चढ़ने वाले वीरों में भगत सिंह का नाम प्रमुख है. उस वीर की माता […]
उगता भारत ब्यूरो चौधरी चरण सिंह जी की पुण्यतिथि पर विशेष खालिस्तान जिंदाबाद , दल खालसा और शिरोमणि अकाली दल जिंदाबाद ( हमारे साथ जो अड़़े सो चढ़े , सिख होमलैंड जिंदाबाद ) जहां सिखों का खून बहे , वहां केसरी निशान बहे , हमारा धर्म करो या मरो। जो हमारी मांगों का विरोध करेगा […]
स्वतंत्रता वीर सावरकर दूरदर्शी क्रांतिकारी थे । भारत को स्वतंत्रता मिलने के उपरांत चीन, पाकिस्तान जैसे आसपास के देशों की स्थिति को देखते हुए भारत की सुरक्षा की दृष्टि से विदेश नीति क्या होनी चाहिए, इस विषय में उन्होंने सजगता से विचार प्रस्तुत किए थे । देश की सीमा सुरक्षित रहने के लिए भारतीय युवकों […]
डॉ. पवन सिंह मलिक सावरकर दुनिया के अकेले स्वातंत्र्य योद्धा थे जिन्हें दो-दो आजीवन कारावास की सजा मिली, सजा को पूरा किया और फिर से राष्ट्र जीवन में सक्रिय हो गए। वे विश्व के ऐसे पहले लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को दो-दो देशों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर […]
28 मई को वीर सावरकर जयंती पर कॉग्रेसी राज की बात है। मणिशंकर अय्यर ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए अण्डेमान स्थित सेलुलर जेल से वीर सावरकर के स्मृति चिन्हों को हटवा दिया। यहाँ तक उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी मांगने के नाम पर गद्दार तक कहा था। भारत देश की विडंबना देखिये जिन […]
आज वीर सावरकर की जन्म जयंती है.. लेकिन सावरकर जैसे वीरों की मृत्यु उनके जन्मोत्सव से ज्यादा शानदार दिलचस्प होती है| ऐसे में हम अपना कर्तव्य समझते हैं उनकी जन्म जयंती पर सावरकर जैसे वीर की गौरवशाली मृत्यु का वर्णन ना करे तो यह उनके साथ नाइंसाफी होगी… जन्म से तो सभी साधारण होते हैं […]
सत्याग्रह के प्रथम पथिक ‘पथिक’ ही हो सकते थे यहां, भला उनके समान वीर योद्धा हमको मिलता है कहां ? जब तक जिये संसार में सम्मान पूर्वक ही जिए, सर्वत्र ‘विजय’ ही मिली, कदम रख दिए थे जहां।। विजयसिंह ‘पथिक’ भारतीय स्वाधीनता संग्राम के काल में सत्याग्रह का सबसे पहले प्रयोग करने वाले सफल राजनेता […]
उगता भारत ब्यूरो (17 मई को बलिदान दिवस के अवसर पर विशेष रूप से प्रकाशित) एटा-कासगंज जिले के एक महान क्रांतिकारी को आसपास के जिले वाले लोग भी नही जानते.. अंडमान की सेलुलर जेल में लगी ये प्रतिमा एटा के #महावीर_सिंह जी की है , ये भारत के एक महान क्रांतिकारी थे. उनका जन्म 16 […]
डा. राधेश्याम द्विवेदी बुद्ध का शाब्दिक अर्थ है,जागृत होना, सतर्क होना तथाजितेन्द्रिय होना। वस्तुतः बुद्ध एक व्यक्ति विशेष का परिचायक न होकर स्थितिविशेष का परिचायक है। वर्तमान समय में बुद्ध शब्द का व्यापकप्रयोग राजकुमार सिद्धार्थ के परिव्राजक रूप के लिए किया जाता हैजो सत्य नहीं है। सनातन धर्म की प्रवृत्ति प्रारम्भ से ही बड़ी उदार […]