अंग्रेजी सत्ता ध्वस्त करने वाली जिद का नाम था टंट्या भील लक्ष्मण सिंह मरकाम भारतीय इतिहास में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक टंट्या भील की जांबाजी का अमिट अध्याय है। उन्होंने भारत की माटी को अंग्रेजों से मुक्त कराने में अपना सर्वश्रेष्ठ बलिदान दिया। यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अंग्रेजी सत्ता को […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
जब भारतवर्ष सर्वत्र अज्ञानता, पाखंड ,अंधविश्वास और ढोंग की दलदल में फंसा हुआ था और विदेशी शासकों की गुलामी को भोगना भारतीय समाज के लिए अभिशाप बन गया था, तब स्वामी दयानंद जी महाराज का आगमन होना समकालीन इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है । स्वामी दयानंद जी महाराज ने अलसाये हुए भारतीय समाज को […]
राजा महेंद्र प्रताप का जन्म मुरसान के राजा बहादुर घनश्याम सिंह के यहाँ खड्ग सिंह के रूप में हुआ। बाद में उन्हें #हाथरस के राजा हरिनारायण सिंह ने गोद ले लिया व उनका नाम महेंद्र प्रताप रखा। उन्होने #निर्बल समाचार पत्र की स्थापना की व भारतीयों में स्वतन्त्रता के प्रति जागरूकता लाने का काम किया। […]
स्वामी श्रद्धानन्द जी के नेतृत्व में हिन्दू संगठन और दलितोद्धार के रूप में दो आंदोलन सन 1920 के दशक में चलाये गए। हिन्दुओं को संगठित करने और हिन्दुओं को तेजी से कम हो रही जनसंख्या को रोकने के लिए विधर्मी हो चुके हिन्दुओं की शुद्धि आवश्यक थी। स्वामी जी ने शुद्धि आंदोलन के रूप में […]
! दोपहर का समय और जगह चाँदनी चौक , दिल्ली लाल किले के सामने जब मुगलिया हुकूमत की क्रूरता देखने के लिए लोग इकट्ठे हुए पर बिल्कुल शांत बैठे थे -नौवें गुरू तेग बहादुर साहिब। लोगो का जमघट !! और सबकी सांसे अटकी हुई थी ! शर्त के मुताबिक अगर गुरु तेग बहादुर जी इस्लाम […]
#जयंती_दिवस 24 नवम्बर पर विशेष:- दीनबंधु चौधरी छोटूराम जैसा किसान हितैषी आज तक नहीं हुआ। चौधरी साहब ने अपना जीवन किसानों के हित के लिए जिया। किसान चाहे किसी भी मजहब या जाति का रहा हो, उनके लिए वह अपना था। उन्होंने अपने प्रेरणास्रोत ऋषि दयानंद के वाक्य ‘किसान राजाओं का राजा होता है।’ को […]
जब भारतवर्ष सर्वत्र अज्ञानता, पाखंड ,अंधविश्वास और ढोंग की दलदल में फंसा हुआ था और विदेशी शासकों की गुलामी को भोगना भारतीय समाज के लिए अभिशाप बन गया था, तब स्वामी दयानंद जी महाराज का आगमन होना समकालीन इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है । स्वामी दयानंद जी महाराज ने अलसाये हुए भारतीय समाज को […]
भारतीय राष्ट्रवाद और धन सिंह गुर्जर कोतवाल जीते रहे वे देश हित किया देश हित बलिदान भी। थी हर सांस उनकी देश हित थे वे देश के स्वाभिमान भी।। हमारे जितने भी महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी हुए वे सबके सब भारतीय स्वाधीनता और संस्कृति के ध्वजवाहक और रक्षक थे। इन महान क्रांतिकारियों में धन सिंह […]
15 नवंबर / पुण्यतिथि शिक्षाधर्मी महात्मा हंसराज डीएवी शिक्षण संस्थान ने देश भर में एक अलग पहचान बनाई है इसका पूरा श्रेय महात्मा हंसराज को जाता है, जिनका योगदान भारतीय समाज में अमूल्य है। इन्होंने शिक्षा और दर्शन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। विलक्षण प्रतिभा के धनी लाला हंसराज की आरंभिक शिक्षा गांव […]
#डॉविवेकआर्य अतीत पर: 1. अतीत को देखते रहना व्यर्थ है, जबतक उस अतीत पर गर्व करने योग्य भविष्य के निर्माण के लिये कार्य न किया जाय. अधिकार पर: 2. व्यक्ति को सोचने का पूरा अधिकार है, पर उसे सोचे हुए को भाषा में या कार्यरूप में व्यक्त करने की बात हो तो वह अधिकार शर्तों […]