दिनांक 30 दिसंबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में सर्वप्रथम तिरंगा फहराया था। ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ( जिन्हें कांग्रेस ने चाचा नेहरू के रूप में प्रचारित किया है ) ने एक पत्र प्रेषित किया था। जिसमें लिखा था कि “मुझे […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
हिन्दू धर्मरक्षक महाराजा सूरजमल के बलिदान की अमर गाथा “दिल्ली के बादशाह नवाब नजीबुद्दौला के दरबार में एक सुखपाल नाम का ब्राह्मण काम करता था। एक दिन उसकी लड़की अपने पिता को खाना देने महल में चली गयी। मुग़ल बादशाह उसके रूप पर मोहित हो गया। और ब्राह्मण से अपनी लड़की कि शादी उससे करने […]
========= महाभारत का युद्ध पांच हजार वर्ष से कुछ वर्ष पहले हुआ था। महाभारत युद्ध के बाद भारत ज्ञान-विज्ञान सहित देश की अखण्डता व स्थिरता की दृष्टि से पतन को प्राप्त होता रहा। महाभारत काल के कुछ ही समय बाद ऋषि जैमिनी पर आकर देश से ऋषि परम्परा समाप्त हो गई थी। ऋषि परम्परा का […]
सरदार उधम सिंह भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन की विचारधारा के एक महत्वपूर्ण किरदार हैं। उनके बारे में कई प्रकार की भ्रांत धारणाएं समाज में प्रचलित रही हैं। हमने भी बचपन में उनके बारे में एक कविता सुनी थी। जिसका भावार्थ था कि उधम सिंह नाम का एक होनहार देशभक्त बच्चा 7 वर्ष की अवस्था में अपनी […]
प्रस्तुति – ‘अवत्सार’ स्वामी दयानन्द सरस्वती के समय वेदविषयक प्रचलित मान्यता के परिप्रेक्ष्य में यह जानना आवश्यक है कि उन्होंने वेदों का जो स्वरूप जनता एवं विद्वानों के समक्ष उपस्थापित किया, उसका परिज्ञान उन्हें कहाँ से और कैसे प्राप्त हुआ ? बाल्यावस्था में उन्होंने घर में केवल शुक्लयजुर्वेद की माध्यन्दिनसंहिता कण्ठस्थ की थी। यह बात […]
डा. बद्रीनारायण तिवारी- विनायक फीचर्स ”भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता-जागता राष्ट्र पुरुष है, हिमालय इसका मस्तक है, गौरी शंकर शिखा है। किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे है। विन्ध्याचल कटि है, नर्मदा करधनी है। पूर्वी और पश्चिमी घाट, दो विशाल जंघाएं हैं। कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है। पावस […]
अगर स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे अब्दुल राशिद को ~महात्मा~ गांधी अपना भाई कहते हैं, तो स्वामी श्रद्धानंद के समर्थक भी क्यों न गांधी के हत्यारे नाथुराम गोडसे को अपना भाई कहने लग जाएं?_ स्वामी श्रद्धानंद जी , लाला लाजपत राय जी और महात्मा हंसराज इन तीनो आर्य नेताओं ने धर्म परिवर्तन करने वाले हिन्दुओं को […]
आज फिर सरदार पटेल की याद आ रही है [पुण्यतिथि पर शत शत नमन] लेखक :- पंडित प्रकाशवीर शास्त्री प्रस्तुति :- अमित सिवाहा सरदार पटेल के काम करने और निर्णय लेने के ढंग से लोग अच्छी तरह परिचित हो गए थे । कभी कोई बात उनके मुख से निकल गई तो समझिये वह पत्थर की […]
========================================= स्वामी श्रद्धानंद , इस नाम का स्मरण होते ही मस्तिष्क में ऊँचा कद, चेहरे पर गंभीरता, वाणी में दृढ़ता लिए एक महामानव का नाम स्मरण हो जाता हैं जिन्हें जाति निर्माता कहूँ या फिर अमर शहीद कहूँ या फिर त्याग और तपस्या की मूर्ति कहूँ या मार्ग दर्शक कहूँ या फिर दलितौद्धारक कहूँ। स्वामी […]
अंग्रेजी सत्ता ध्वस्त करने वाली जिद का नाम था टंट्या भील लक्ष्मण सिंह मरकाम भारतीय इतिहास में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक टंट्या भील की जांबाजी का अमिट अध्याय है। उन्होंने भारत की माटी को अंग्रेजों से मुक्त कराने में अपना सर्वश्रेष्ठ बलिदान दिया। यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अंग्रेजी सत्ता को […]