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धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति

मनुष्य को इस सृष्टि के कर्त्ता और पालक ईश्वर के उपकारों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए

ओ३म् ============ मनुष्य मननशील प्राणी है। इसका शरीर उसने स्वयं उत्पन्न किया नहीं है। माता पिता से इसे जन्म मिलता है। माता पिता भी अल्पज्ञ एवं अल्प शक्ति वाले मनुष्य होते हैं। सभी मनुष्य व महापुरुष अल्पज्ञ ही होते हैं। कोई भी मनुष्य व इतर प्राणियों के शरीर को बनाना नहीं जानता। मनुष्य से भिन्न […]

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धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति

अपने देश और देशवासियों से प्रेम न करने वाला व्यक्ति सच्चा धार्मिक नहीं होता

ओ३म् ========= संसार में जितने मनुष्य हैं व अतीत में हुए हैं वह सब किसी देश विशेष में जन्में थे। उनसे पूर्व उनके माता-पिता व पूर्वज वहां रहते थे। जन्म लेने वाली सन्तान का कर्तव्य होता है कि वह अपने जन्म देने वाले माता-पिता का आदर व सत्कार करे। मातृ देवो भव, पितृ देवो भव […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक व्यवस्था और भारतीय राजनीति

माता भूमि: पुत्रोऽहं पृथिव्या: और भारत की राजनीति भारत की धर्मनिरपेक्ष राजनीति ने वेद और वैदिक संस्कृति को अछूत बनाकर रख दिया है । संविधान भी वेद की छाया से दूर रखने का हरसंभव प्रयास किया गया है। जिससे पता चलता है कि भारत की संविधान सभा में भी ऐसे लोग नहीं थे जो वेद […]

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भारतीय संस्कृति

गौ हमारी माता है ऐसे संस्कार बच्चों को बचपन से ही देने आरंभ करने चाहिए

प्रस्तुति – वेद प्रकाश वैदिक गोरक्षा की बात सबलोग कर रहे हैं, लेकिन जबतक गोमाता के प्रति दृष्टि पशुतावाली ही रहेगी, तब तक गोमाता की रक्षा कैसे हो सकेगी? आज भी स्कूल में बच्चे को सिखाया जाता है : “काऊ मीन्स गाय”। गाय क्या है? “The cow is a useful domestic animal.” (“गाय एक उपयोगी […]

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इतिहास के पन्नों से पर्यावरण भारतीय संस्कृति

भारतीय सभ्यता व संस्कृति में शौचालयों का इतिहास

विश्व इतिहास में सबसे पहले वर्ष 2000 बी.सी. में भारत के पश्चिमोत्तर क्षेत्रा (इसमें वर्तमान पाकिस्तान भी शामिल है) में सिंधु घाटी सभ्यता में सीवर तंत्रा के अवशेष पाए गए। इन शौचालयों में मल को पानी द्वारा बहा दिया जाने की व्यवस्था थी। इन्हें ढंकी हुई नालियों से जोड़ा हुआ था। इस कालखंड में विश्व […]

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भारतीय संस्कृति

भारत में भूमि व राष्ट्र की अवधारणा

प्रो.लल्लन प्रसाद भारतीय जीवन दर्शन में पृथ्वी को मां की संज्ञा दी गयी है। रत्नगर्भा, वसुन्धरा ही जल, वायु, जीवन की पोषक है, पेड़, पौधे जंगल, पहाड़, फल, फूल, पशु-पक्षी, धन-धान्य की जननी है, हम सबकी मां है, कौटिल्य अर्थशास्त्र में मनुष्यों से युक्त भूमि को अर्थ कहा गया है। भूमि को प्राप्त करने और […]

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भारतीय संस्कृति

प्राचीन भारत में सुरक्षा संबंधी नीति

प्रवीण कुमार द्विवेदी सुरक्षा एक ऐसी अवस्था का नाम है जिसके रहने पर ही कोई भी कार्य सम्पादित हो सकता है। इसका तात्पर्य अच्छी प्रकार से रक्षा है। भौतिक और मानसिक दोनों अवस्थाओं की सम्यक् रक्षा ही वास्तव में सुरक्षा पद को चरितार्थ करती है। यह कार्य कठिन है; क्योंकि जो रक्षक होता है, (उसके […]

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भारतीय संस्कृति

मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र जी महाराज के जीवन के कुछ रोचक और प्रेरक प्रसंग

पूनम नेगी एक रोचक पौराणिक कथानक है। कहा जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में जब ब्रह्मा जी ने मनुष्य की रचना की तो धरती पर उसे अनेक अभाव, अशक्ति और कष्ट की अनुभूति हुई। पीडि़त मनुष्य पितामह ब्रह्मा के पास गये और अपनी व्यथा कही। इस पर ब्रह्माजी ने उन्हें यज्ञ करने का सुझाव […]

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उगता भारत न्यूज़ भारतीय संस्कृति

द्वारिका सिंह आर्य की शोक सभा हुई संपन्न

बलिया। ( विशेष संवाददाता ) आर्य जगत् के सुप्रसिद्ध युवा वैदिक विद्वान् एवं आर्य प्रतिनिधि सभा बलिया के प्रधान आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक के पिता श्री द्वारिका सिंह आर्य का आकस्मिक निधन 4 फरवरी 2021 दिन गुरुवार को दोपहर 1:00 हो गया था। श्री द्वारिका सिंह वेद प्रचार सेवा समिति और आर्य समाज सहतवार के […]

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भारतीय संस्कृति

वैलेंटाइन डे और भारत की परंपरा

बालमुकुंद आखिर वैलंटाइन डे आ पहुंचा। यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है। यह ल्यूपरसेलिया नामक एक प्राचीन रोमन त्योहार है, जो 14 वीं शताब्दी तक आते-आते प्रेम की अभिव्यक्ति के दिन में बदल गया। यहां वह अब इतना प्रचलित हो चला है कि संस्कृति के रक्षकों को पहरेदारी करनी पड़ती है। लेकिन भारत में […]

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