* Dr DK Garg पौराणिक कथा:- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सप्तऋषि की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के मस्तिष्क से हुई है। कहावत है कि हरिद्वार में एक स्थान ऐसा हैं, जहाँ पर सप्त ऋषियों ने एक साथ तपस्या की थी। जब गंगा नदी बहती हुई आ रही थीं तो यहाँ सात ऋषि गहन तपस्या में लीन […]
श्रेणी: आज का चिंतन
लेखक अशोक चौधरी मेरठ। सम्पूर्ण भारत वर्ष में गजब का हर्षोल्लास भगवान राम के मंदिर अयोध्या में बनने को लेकर छाया हुआ है।भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 22 जनवरी को इस अवसर पर सहभागिता कर रहे हैं।यह प्रसन्नता कितने लम्बे संघर्ष के बाद प्राप्त हो रही है।इस ओर बरबस ही ध्यान चला जाता […]
* 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के श्री राम मंदिर में होने वाले “प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव” का आप लोग जो सोशल मीडिया आदि में विरोध कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि “यह वेद विरुद्ध है पाखंड है।” हां, यह सत्य है कि यह पाखंड है, वेद विरुद्ध है। परंतु यह कार्य वेद विरुद्ध […]
=========== हम इस पृथिवी पर रहते हैं। यह पृथिवी हमारे सौर मण्डल का एक ग्रह है। ऐसे अनन्त सौर्य मण्डल इस ब्रह्माण्ड में हैं। इस सृष्टि व ब्रह्माण्ड को किसने बनाया है? इसका समुचित उत्तर विश्व के वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। वेद और वैदिक धर्म के अनुयायी ऋषि-मुनि व वैदिक साहित्य के अध्येता […]
प्रश्न — हमने सुना है, आत्मा की पहचान के कुछ लक्षण न्याय दर्शन में बताए हैं। हम जानना चाहते हैं कि, उनमें से कौन से गुण स्वाभाविक हैं, और कौन से नैमित्तिक हैं? उत्तर — न्याय दर्शन के अध्याय 1,आह्निक 1, सूत्र 10 के अनुसार आत्मा में 6 लक्षण बताए गए हैं । इच्छा द्वेष […]
डॉ विवेक आर्य राजा जनक ब्रह्म विद्या में पारंगत विद्वान माने जाते थे। दूर दूर से लोग उनके पास धर्म सम्बन्धी जिज्ञासा का समाधान करने आते थे। एक बार एक महात्मा व्यक्ति उनसे मिलने आये। उन्होंने चंचल मन के पाश से छूटने का उपाय पूछा। राजा जनक अपने स्थान से उठे और एक वृक्ष को […]
देवोदानाद्वा दिपनाद्वा द्योतनाद्वा द्युस्थानो भवतीति देवता | यो देवः सा देवता || तो आप लोगों ने यह देख लिया देवता की परिभाषा क्या है | देवता कोई आकाश से नहीं गिरते और न ही जमीन के अन्दर से निकलते, ये देवत्व के गुण जिनमे हों उन्हें देवता कहा जाता है | मेरे जीवन में इन […]
क्योंकि, आर्य समाज ये नहीं मानता कि, श्रीकृष्ण माखन चोर थे, गौएँ चुराते थे , गोपियों संग रास रचाते थे, राधा संग प्रेम प्रसंग में लिप्त थे, कुब्जा दासी से समागम किए थे और ईश्वर का अवतार थे । बल्कि ये मानता है कि, वे जन्म से लेकर ४८ वर्ष तक ब्रह्मचारी थे, एक रुक्मणी […]
आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी हैं राम हमारे यू पी में हैं श्याम हमारे यू पी मे दशरथ मख भूमि है यू पी में शांता सृंगीनारी यू पी में। सृंगी ऋषि आश्रम यू पी में भरत नंदी ग्राम है यू पी में। विंध्याचल देवी यू पी में पाटन देवी भी यू पी में। शिव की […]
पवन वर्मा – विभूति फीचर्स भारतीय साहित्य में तुलसी के राम लोकनायकों की उस गौरवमयी परम्परा के अद्भुत और अलौकिक रूप है जिनकी प्रेरणा में आबद्घ भारतीय जनमानस उनकी भक्ति में रसलीन हो जाता है। गोस्वामी तुलसीदास की सर्वश्रेष्ठ रचना ‘रामचरित मानस’ है इसमें भारतीय जीवनधारा का सर्वांगीण चित्रण है। इसमें बाल्यावस्था में ही राम […]