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संपादकीय

नेपाल में वामपंथियों की जीत

नेपाल की राजशाही भारत समर्थक थी। उसका यह स्वरूप चीन को पसंद नहीं था। जब राजशाही को वहां मौत की नींद सुलाया गया तो उस समय मानो नेपाल को भारत के विरूद्घ खड़ा करने की तैयारियां आरम्भ हो गयीं थी। चीन भारत में नक्सलवादी आन्दोलन को उभारने में भी सहायक रहा है। जिससे कि भारत […]

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संपादकीय

तिब्बत से लेकर नेपाल तक

1947 से पूर्व भारत जब अपना स्वतंत्रता संग्राम लड़ रहा था, तब चीन की जनता का नैतिक समर्थन भारत के साथ था। उसे भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के साथ सहानुभूति थी। 1949 में जब चीन में कम्युनिस्ट क्रांति हुई तो भारत ने भी उस क्रांति का स्वागत किया था। सोवियत रूस और उसके सहयोगी देशों […]

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संपादकीय

‘नेपाल पर मोदी का मौन’

नेपाल हमारा सर्वाधिक विश्वसनीय साथी रहा है। आजकल यह देश अपनी परंपरागत ‘हिंदू राष्ट्र’ की छवि को नीलाम कर एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने की तैयारी कर चुका है। इसने अपने नये संविधान में अपनी यह इच्छा प्रकट कर दी है कि अब उसे ‘हिंदू राष्ट्र’ ना समझा जाए और एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में […]

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राजनीति

आखिर क्यों धधक रहा ‘हिन्दू राष्ट्र’ नेपाल?

अवधेश कुमार नेपाल हिंसा में झुलस रहा है। भारत से लगे मधेस इलाकों में आंदोलन के हिंसक होने के बाद लागू कफ्र्यू तक से अंतर नहीं आया। लोगों की जानें जा रही हैं, लेकिन उनका सडक़ों पर आना रुका नहीं है। उनकी नाकेबंदी के चलते भारत से सामान की आपूर्ति बाधित हो रही है। विचित्र […]

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देश विदेश

नेपाल की धर्मनिरपेक्षता पर सवालिया निशान

विश्व का एक मात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल अब धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य  हो गया है.तकरीबन सात साल के जद्दोजहद के बाद नेपाल में भी राजतंत्र के  पतन के बाद गणतंत्र का उदय हुआ है.239 साल पुराना राजवंश 2008 में खत्म कर दिया गया था.तब से ही नेपाल को इस दिन का बेसब्री से इंतजार था.नए संविधान […]

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