Categories
राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

हिमाचल राजभवन में राष्ट्रनीति की गूंज

हिमाचल राजभवन में राष्ट्रनीति की गूंजहमारा मानना है कि भारत को ‘विश्वगुरू’ बनाने का हमारा संवैधानिक लक्ष्य तभी पूर्ण हो सकता है जबकि हमारे राजभवनों में तपे हुए संत प्रकृति के और दार्शनिक बुद्घि के राजनेता विराजमान होंगे। राजभवनों में यदि निकृष्ट चिंतन के लोगों को भेजा जाएगा तो उनसे भारतीयता का भला होने वाला […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

लोकतंत्र के हत्यारे बने राजभवन, भाग-3

सन् 2000 में बिहार में ही राज्यपाल विनोद चंद्र पांडेय ने अति उत्साह का परिचय देते हुए नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया। बाद में विधायकों का जुगाड़ पूरा न होने पर सत्ता की सुंदरी ने नीतीश कुमार को ठेंगा दिखा दिया और पुन: राबड़ी ही ‘रबड़ी’ का स्वाद चखने लगीं। राज्यपाल का […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र राजनीति संपादकीय

लोकतंत्र के हत्यारे बने राजभवन, भाग-2

राजस्थान के राजभवन की घटना इसके पश्चात दूसरी बार लोकतंत्र की हत्या का यह ढंग राजस्थान के राजभवन में सन् 1967 में दोहराया गया। उस समय राजस्थान के राज्यपाल डा. संपूर्णानंद थे। उनके समय में राजस्थान में यह स्थिति आयी कि चुनावों में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से कुछ पीछे रह गयी। तब ऐसी परिस्थितियों में […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र राजनीति संपादकीय

लोकतंत्र के हत्यारे बने राजभवन

केन्द्र में राष्ट्रपति और प्रांतों में राज्यपाल के पद का सृजन हमारे संविधान निर्माताओं ने इस भावना से किया था कि ये दोनों पद राजनीति की कीचड़ से ऊपर रहेंगे। राजनीति राजभवन से बाहर रहेगी। राजभवन से राजनीति कभी नहीं की जाएगी। राजभवन एक न्याय मंदिर होगा। जिसकी ओर सभी की दृष्टि न्याय पाने की […]

Exit mobile version