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मुद्दा

जवाबदेह औरत ही क्यों बने?

पूजा गोस्वामी रौलियाना, उत्तराखंड समाज में औरतों को हमेशा से ही बंधनों में बांधकर रखा गया है. जिससे कि अगर उसके साथ किसी भी प्रकार की कोई हिंसा होती है तो वह अपने लिए न्याय के लिए लड़ने से भी डरती है क्योंकि अगर वह कुछ कहती है तो समाज ही उसे गलत ठहरा कर […]

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आज का चिंतन भारतीय संस्कृति

16 संस्कार और भारत की वैश्विक संस्कृति, भाग 4

7 — अन्नप्राशन संस्कार जब बालक 6 माह का हो जाए तो उसे पहली बार अन्न ग्रहण कराया जाना चाहिए । शास्त्रों की व्यवस्था है कि इस अवसर पर भी यज्ञ करना चाहिए । जिससे पहली बार अन्न ग्रहण करने वाले बालक के हृदय और मस्तिष्क में यज्ञ की परोपकारी भावना विकसित हो। उसका एक […]

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इतिहास के पन्नों से

क्रूर सम्राट #अकबर तथाकथित महान शासक #अकबर ने बेहोशी की अवस्था में #मुग़लों को हराने वाले एकमात्र हिंदू राजा #हेमू की हत्या कर दी थी।

#original #history #with SUMAN & Rajasthan Diary हेमचन्द का जन्म मेवात स्थित रिवाड़ी मे बेहद गरीब परिवार में हुआ था। हेमू का पारिवारिक पेशा पुरोहिताई का था परन्तु 12 वीं शताब्दी के बाद भारत में इस्लाम के स्थापित होने के होते ही मुस्लिम बादशाहों ने हिन्दुओं के धार्मिक आयोज़नो पर रोक लगा दी औऱ इससे […]

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आज का चिंतन

सारा आर्य जगत् दयानन्द के जन्म संवत् को ही अमान्य कर बैठा!

** “शान्तिधर्मी” के फरवरी, २०२३ के अंक में विक्रमी संवत् २०७९ और दयानन्दाब्द १९९ अंकित है। इसके आगे “शान्तिधर्मी” के मई, २०२३ के अंक में विक्रमी संवत् २०८० और दयानन्दाब्द २०० अंकित है। इससे प्रकट होता है कि यह पत्र दयानन्द का जन्मदिन १२ फरवरी को मानता है। “वानप्रस्थ साधक आश्रम, रोज़ड़” का २०२३ ई. […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

इतिहास के झरोखे में भाग 1 शुद्धि समाचार और स्वामी चिदानंद के कारावास का विस्मृत इतिहास

स्वामी श्रद्धानन्द जी के नेतृत्व में हिन्दू संगठन और दलितोद्धार के रूप में दो आंदोलन सन 1920 के दशक में चलाये गए। हिन्दुओं को संगठित करने और हिन्दुओं को तेजी से कम हो रही जनसंख्या को रोकने के लिए विधर्मी हो चुके हिन्दुओं की शुद्धि आवश्यक थी। स्वामी जी ने शुद्धि आंदोलन के रूप में […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – १४ क मंकि मुनि की कहानी

( भीष्म ने युधिष्ठिर के लिए प्राचीन काल के अनेक ऐतिहासिक प्रसंगों और संवादों को बड़ी सहज और सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया। ऐसा करने के पीछे उनका उद्देश्य केवल एक ही था कि उनका प्रिय धर्मराज युधिष्ठिर प्रजा पर शासन करते हुए धर्म, न्याय और नीति के अनुसार आचरण करे। यद्यपि […]

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स्वास्थ्य

एक दवा मिशन पर गैंग अटैक हो रहा है न्यायालय श्रीमान!!

प्रवीण गुगनानी आयुर्वेद हमारे ऋग्वेद का भाग है। यह तीन हज़ार वर्षों से पचास हज़ार वर्षों तक की प्राचीन व युगों से प्रमाणित पद्धति मानी गई है। विश्व की सबसे प्राचीन सनातन सभ्यता ने जिस चिकित्सा आधार पर अपनी लाखों करोड़ों पीढ़ियाँ गुज़ार दी; सबसे पहले तो उसे चुनौती देनें वालों पर आपको स्वयं ही […]

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शिक्षा/रोजगार

बालिका शिक्षा के प्रति उदासीनता विकास में बाधक है

सिमरन सहनी मुजफ्फरपुर, बिहार हम वैश्विक स्तर पर सुपर पावर बनने की होड़ में हैं. लेकिन लैंगिक असमानता आज भी हमारे समक्ष चुनौतियों के रूप में मौजूद है. यहां तक कि देश में कामकाजी शहरी महिलाएं भी लैंगिक पूर्वाग्रह व असमानता का शिकार बन रही हैं जबकि देश की प्रगति में महिला श्रमबल का बहुत […]

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उगता भारत न्यूज़

भारत को आजाद कराने में रहा था धन सिंह कोतवाल का प्रमुख योगदान : स्वामी कर्मवीर जी महाराज

मेरठ । विगत 27 नवंबर को 1857 के क्रांतिनायक शहीद धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा धनसिंह कोतवाल के जन्मोत्सव कार्यक्रम पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अप्लाइड साइंस सभागार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में किया गया। इस अवसर पर अनेक विद्वानों, समाजसेवी और विभिन्न संगठनों के नेता उपस्थित हुए। जिन्होंने 1857 की […]

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भारतीय संस्कृति

16 संस्कार और भारतीय संस्कृति ,भाग 3

5 नामकरण संस्कार बच्चे के नामकरण संस्कार के बारे में हमारे विद्वानों की मान्यता रही कि नाम सार्थक होने चाहिए। जिससे बच्चे में जीवन भर एक भाव बना रहे कि तुझे अपने नाम को सार्थक करना है । हमारे यहां पर विष्णु , महेश , ब्रहम , ब्रह्मदेव , ज्ञानानन्द , रामानन्द , शिवानन्द जैसे […]

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