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इतिहास के पन्नों से

भामाशाह की जयंती 29 अप्रैल पर विशेष : क्या वास्तव में भामाशाह ने महाराणा प्रताप को कोई दान दिया था ?

महाराणा वंश के इतिहास के साथ भामाशाह का नाम बड़े सम्मान के साथ जुड़ा है। जनसामान्य में धारणा है कि महान व्यक्तित्व के स्वामी भामाशाह ने जब महाराणा प्रताप के पास कुछ भी नहीं रहा था, तब उन्हें अपना सारा खजाना देकर उनकी आर्थिक सहायता की थी। आइए , इस पर विचार करते हैं कि […]

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समाज

प्लास्टिक सामग्रियां छीन रही हैं बसोर समुदाय का पुश्तैनी धंधा

पूजा यादव भोपाल मध्यप्रदेश में बसोर समुदाय के लोग अपना पुश्तैनी काम बांस से डलिया, छबड़ी, सूपा, पंखा, टपरी, टपरा, कुर्सी, झूला, झटकेड़ा, फर्नीचर,फूलदान और टोपली आदि बनाना छोड़कर मजदूरी करने लगे हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इनके बनाये बांस की ईको फ्रेंडली सामग्रियों की जगह तेजी से प्लास्टिक की बनी सामग्रियों ने ले लिया है. […]

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विविधा

बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर विकास मंजूर नहीं

हरीश कुमार पुंछ, जम्मू तकनीक के विकास ने भले ही इंसानों के काम को आसान कर दिया है, लेकिन कई बार इसके कुछ नकारात्मक परिणाम भी सामने आये हैं. आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस मशीनों ने ऊंची ऊंची इमारतों को बनाना आसान कर दिया है, लेकिन इससे निकलने वाले धुंए और गुबार ने न केवल पर्यावरण […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आर्यसमाज के भूषण पण्डित गुरुदत्तजी के अद्भुत जीवन का कारण क्या था?

-राज्यरत्न आत्माराम अमृतसरी प्रेषक- प्रियांशु सेठ , डॉ० विवेक आर्य महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के सच्चे भक्त विद्यानिधि, तर्कवाचस्पति, मुनिवर, पण्डित गुरुदत्त जी विद्यार्थी, एम०ए० का जन्म २६ अप्रैल सन् १८६४ ई० को मुलतान नगर में और देहान्त २६ वर्ष की आयु में लाहौर नगर में १९ मार्च सन् १८९० ई० को हुआ था। […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत के 50 वैज्ञानिक ऋषि अध्याय – 22 संसार के पहले कवि महर्षि वाल्मीकि

संसार के सबसे पहले कवि महर्षि वाल्मीकि हैं। जिन्होंने रामायण जैसा ग्रंथ लिखकर अपने नाम को अमर किया। वैसे तो परमपिता परमेश्वर की वेद वाणी भी काव्यमय है, पर उस काव्यात्मक धारा को संसार में सबसे पहले आगे बढ़ाने का कार्य महर्षि वाल्मीकि ने किया। उन्हें किसी जाति विशेष से सिद्ध करके देखना उनके साथ […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत में दम तोड़ता वामपंथी आंदोलन

राकेश सैन चुनाव आयोग की नई घोषणा अनुसार, वामपंथी दलों से राष्ट्रीय दर्जा छिन गया है और वे क्षेत्रीय पार्टी बन गए। किसी समय बंगाल, त्रिपुरा व केरल में एकछत्र शासक, पंजाब जैसे कई राज्यों में प्रभावशाली दल रहे वामपंथी आज केवल केरल तक सिमट कर रह गए और राष्ट्रीय स्तर पर इनका मत प्रतिशत […]

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मुद्दा

निकाय चुनाव में विपक्ष की फूट का लाभ मिल सकता है भाजपा को

अजय कुमार राष्ट्रीय लोकदल का वजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा है। यही कारण है कि रालोद उम्मीदवार पश्चिमी उप्र की निकायों में अपने उम्मीदवार घोषित करने की बात कह रहे हैं। रालोद का मानना है कि यहां सपा को अपने उम्मीदवार घोषित नहीं करने चाहिए थे। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में सब कुछ […]

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इतिहास के पन्नों से

जब क्रांतिकारी कवि दिनकर ने मंदिर में की थी अपनी मौत की कामना

अनन्या मिश्रा रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिन्दी के कवि, लेखक और निबन्धकार थे। दिनकर आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि थे। स्वतंत्रता के पहले उनकी पहचान एक विद्रोही कवि के तौर पर थी। लेकिन देश की आजादी के बाद उनकी पहचान ‘राष्ट्रकवि’ के तौर पर होने लगी। उनकी कविताओं में ओज, विद्रोह, आक्रोश और […]

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संपादकीय

भारत के गौरवशाली इतिहास को प्रस्तुत करने वाली फिल्म के 28 अप्रैल को जारी होने के अवसर पर : ‘पोन्नियिन सेल्वन 2’ अर्थात भारत की गौरव गाथा को प्रकट करने वाली फिल्म

पोन्नियिन सेल्वन पार्ट – 1 की सफलता के पश्चात अब पोन्नियिन सेल्वन 2 ,28 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। भारत की गौरव गाथा को प्रस्तुत करने वाली यह मूवी निश्चित रूप से नई पीढ़ी को अपने अतीत के बारे में बहुत कुछ समझाने में सफल होगी। पार्ट – 1 के माध्यम से […]

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महत्वपूर्ण लेख

धार्मिक कट्टरता का जमकर विरोध करते रहे तारिक फतह

अशोक मधुप अलविदा तारिक फतेह साहब। इस संक्रमण काल में तो आपकी बहुत जरूरत थी। आपका ऐसे समय में जाना समाज, भारत और भारतवाद का बड़ा नुकसान है। खुद को सच्चा हिन्दुस्तानी मानने वाले लेखक तारिक फतेह विभाजन की विडम्बनाओं पर निरंतर पांच दशकों तक मुखर रहे। वे सदा धार्मिक कट्टरता का विरोध करते रहे। […]

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