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पर्व – त्यौहार

आलोक देवता आओ

* संजय पंकज सूर्य चंद्र की किरणें आओ! आओ गगन धरा पर आओ! आओ नवरस नवलय आओ! आओ दिग्दिगंत पर आओ! जगमग जग को कर जाओ! आलोक देवता आओ !! हर आंगन में मन प्रांगण में उजड़े उजड़े वन कानन में, बहुरंगे फूल खिलाओ! आलोक देवता आओ! तम गहरा है गम ठहरा है कदम-कदम निर्मम […]

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पर्व – त्यौहार

दिया जलाए जलते रहना

* संजय पंकज रात अंधेरी दिया जलाए साथी तुम चलते रहना! दूर गगन में सूरज डूबा दिन का संबल टूट गया पनघट से घट लेकर लौटा जल में ही जल छूट गया दिल में अपने दर्द दबाए यादों में ढलते रहना! नहीं धरा से बढ़कर कोई जो थामे आधार बने लहर लहर से अपने चूमे […]

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आतंकवाद

आर्यन खान और हमारा समाज

#डॉविवेकआर्य आर्यन खान को जमानत मिल गई। बॉलीवुड की दीवाली एक हफ़्ता पहले ही आ गई। चाटुकार मीडिया अब आर्यन खान को एक पीड़ित के रूप में पेश करे तो समझना कि शाहरुख़ खान की मार्केटिंग एजेंसी ने अपना होमवर्क करना शुरू कर दिया है। करे भी क्यों नहीं? आखिर आर्यन को भी फिल्मी सितारा […]

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महान आर्य संन्यासी स्वामी श्रद्धानन्द”

ओ३म् वैदिक धर्म एवं संस्कृति के उन्नयन में स्वामी श्रद्धानन्द जी का महान योगदान है। उन्होंने अपना सारा जीवन इस कार्य के लिए समर्पित किया था। वैदिक धर्म के सभी सिद्धान्तों को उन्होंने अपने जीवन में धारण किया था। देश भक्ति से सराबोर वह विश्व की प्रथम धर्म-संस्कृति के मूल आधार ईश्वरीय ज्ञान ‘‘वेद” के […]

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कविता

दीप राग बज उठे

<img src=”https://www.ugtabharat.com/wp-content/uploads/2021/10/IMG-20211030-WA0015-300×198.jpg” alt=”” width=”300″ height=”198″ class=”alignright size-medium wp-image-45881″ /> * संजय पंकज एक दीप द्वार पर एक दीप देहरी! दीप दीप जल गए रौशनी हरी हरी! दूर – दूर भूमि यह दीखती कि झूमती कि केंद्र की कील पर मंद – मंद घूमती तान – तान मधुरिमा ज्योति-लय विभावरी! आंख आंख नूर से कोहिनूर बन […]

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कृषि जगत

कीमतें एमएसपी से गिरेंगी भी और मुक्त बाजार भी आएगा ही

परिवर्तन प्रकृति का अनिवार्य नियम है। उदाहरण के तौर पर बिहार में “एल्युमीनियम का कटोरा थमा देना” का मजाक चलता है। हमेशा से ऐसा नहीं था। जब 1807 में सर हम्फ्री डेवी ने एल्युमीनियम की वैज्ञानिक नियमों के आधार पर परिकल्पना की तब तक एलेक्ट्रोलायसिस नाम की विधि का किसी को पता ही नहीं था। […]

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जजमानी व्यवस्था बनाम बाजार

जजमानी व्यवस्था बनाम बाजार “मतोली कोंहार खांचा भर दियली, कोसा, घंटी, खिलौना, गुल्लक लिए दरवाजे  बइठे  हैं। बच्चों की रूचि बार बार घंटी बजाने और मिटटी के खिलौनों को देखने और छूने  में है। बीच बीच में मतोली डपट लगाते जा रहे हां हां गदेला लोगन खेलौना  जादा  छू छा जिनि करा टूटि जाये । […]

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आओ कुछ जाने स्वास्थ्य

सफेद शुगर अर्थात गेहूं का आटा

बहुत पुरानी बात नही है ये …… 1960 तक भारत मे गेहूं का आटा जिससे पूड़ियाँ बनती थीं , साल में बमुश्किल एकाध बार जब कभी कोई शादी बियाह य्या काज प्रयोजन होता तो पूड़ियाँ बनती थीं ……. अंग्रेजों के मानसिक गुलाम ही गेहूं की रोटी खाते थे ……. शेष भारत , आम जन सब […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

चौधरी कुम्भाराम आर्य पुण्यतिथि विशेष..|

अंग्रेजी काल मे गुलामी व शोषण की एक श्रृंखला होती थी।अंग्रेजों के गुलाम देशी राजा और देशी राजाओं के गुलाम जागीरदार/सामंत।अंत मे सामंतों के गुलाम किसान-कामगार।शोषण की इस श्रृंखला में सबसे निचले पायदान वाला पिसता है क्योंकि ऊपर वाले सारे परजीवी बनकर मेहनतकशों की पूंजी लूटते है। 10मई 1914 को पटियाला में भैराराम सुंडा व […]

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महत्वपूर्ण लेख

बीजेपी दशकों तक रहेगी मजबूत, मोदी की ताकत का अंदाजा नहीं लगा पा रहे राहुल गाँधी’: प्रशांत किशोर

2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव से पहले ही चुनावी रणनीतिकार और इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) के प्रमुख प्रशांत किशोर के एक बयान ने सियासी गलियों में बड़ा धमाका किया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का दबदबा बना रहेगा, बीजेपी आने वाले कई दशकों तक राजनीति में मजबूत ताकत […]

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