Categories
देश विदेश

विश्व में वृद्धों की बढ़ती आबादी और युवाओं की घटती आबादी चिंता का विषय

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा चीन की जनगणना की हालिया रिपोर्ट भी कम चिंतनीय नहीं है। चीन ने बढ़ती जनसंख्या के कारण 1979 में एक बच्चे की नीति अपनाई और इसका परिणाम यह रहा कि जनसंख्या पर तो नियंत्रण हो गया पर अब चीन के सामने दोहरा संकट उत्पन्न हो गया है। दुनिया के कुछ देश […]

Categories
राजनीति

ईस्ट इंडिया कम्पनी की तरह आज टि्वटर और व्हाट्सएप जैसी कम्पनियां भारत की अखंडता-संप्रभुता के लिये ‘खतरा’

संजय सक्सेना देश में आग लगाने वाली पोस्ट डालने वालों का नाम हमें-आपको तो क्या सरकार को भी नहीं बताएंगीं क्योंकि इनकी नजर में देश में आग लगाना अभिव्यक्ति की आजादी है। देशद्रोही ताकतों को पकड़वाने में मदद की बजाए यह उनके बारे में जानकारी छिपाने का काम करती हैं। विदेशी सोशल मीडिया कंपनी टि्वटर […]

Categories
आतंकवाद

क्या कश्मीर वाली ‘आग’ में अब लक्ष्यदीप को झुलसाने की तैयारी हो रही है ?

अपने देश में किसी और क्षेत्र में काम तेजी से हों या न हों, राजनीति के क्षेत्र में बहुत तेजी से होते हैं। इसी परंपरा की रक्षा के उद्देश्य से केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में प्रस्तावित प्रशासनिक सुधारों पर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हुई। इस बात पर भी किसी को आश्चर्य नहीं कि यह राजनीति मात्र […]

Categories
इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

वैदिक साहित्य के प्रमुख प्राचीन ग्रंथ मनुस्मृति का महत्व

ओ३म् ============ समस्त वैदिक साहित्य में मनुस्मृति का गौरवपूर्ण स्थान है। मनुस्मृति के विषय में महर्षि दयानन्द जी ने अपने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ में कहा है कि यह मनुस्मृति सृष्टि की आदि मे उत्पन्न हुई है। मनुस्मृति से अधिकांश वैदिक मान्यताओं का प्रकाश होता है। प्राचीन काल में विद्यमान मनुस्मृति वेदानुकूल ग्रन्थ था जो समाज के […]

Categories
आज का चिंतन

ईश्वर का सत्य स्वरूप हमें ऋषि दयानंद के ग्रंथों से प्राप्त होता है

ओ३म् ========= संसार में ईश्वर की सत्ता में विश्वास रखने वाले और न रखने वाले दोनों प्रकार के मनुष्य निवास करते हैं। किसी कवि ने तो यहां तक कह दिया है कि ‘खुदा के बन्दों को देखकर खुदा से मुनकिर हुई है दुनिया, कि जिसके बन्दे ऐसे हैं वह कोई अच्छा खुदा नहीं।’ आज के […]

Categories
स्वर्णिम इतिहास

वैदिक काल में तोप और बंदूक के अस्तित्व के प्रमाण

वैदिक काल में तोप व बन्दूक लेखक- वैदिक गवेषक आचार्य शिवपूजनसिंहजी कुशवाहा ‘पथिक’, विद्यावाचस्पति, साहित्यालंकार, सिद्धान्तवाचस्पति प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ वैदिक काल में आर्यों की सभ्यता अत्यन्त उन्नति के शिखर पर थी। वेदों में सम्पूर्ण विज्ञानों का मूल प्राप्त होता है। वैदिक काल में ‘तोप’ व ‘बन्दूक’ का प्रचार था कि नहीं? देखिये इस विषय में […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

तपस्विनी राजमाता अहिल्याबाई होलकर

31 मई/जन्म-दिवस भारत में जिन महिलाओं का जीवन आदर्श, वीरता, त्याग तथा देशभक्ति के लिए सदा याद किया जाता है, उनमें रानी अहल्याबाई होल्कर का नाम प्रमुख है। उनका जन्म 31 मई, 1725 को ग्राम छौंदी (अहमदनगर, महाराष्ट्र) में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था। इनके पिता श्री मनकोजी राव शिन्दे परम शिवभक्त थे। […]

Categories
आओ कुछ जाने

साईं बाबा यानी नए जमाने के नए भगवान

नए जमाने के भगवान हिंदुओं को हर कुछ साल मे नए भगवान कि जरूरत पड़ती है। चमत्कार के पीछे पागल होकर भागते हैं। निर्मल बाबा, राधे माँ, राम रहीम, रामपाल और न जाने कितने चमत्कारिक नौटंकीबाज इस तरह हमे मूर्ख बनाते हैं। गुजरात मे इसाइयों ने उंटेश्वरी माता का मन्दिर बना दिया और उसमे अविवाहित […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

“उगता भारत वेबीनार- 1” में लिया गया निर्णय : भारत के इतिहास के दोबारा लिखे जाने पर दिया जाए जोर

अजय आर्य नई दिल्ली। उगता भारत ट्रस्ट की ओर से ‘उगता भारत वैबिनार -1 में निर्णय लिया गया कि भारत के इतिहास के हिंदू अतीत को गौरवमयी ढंग से लिखे जाने पर बल दिया जाए। वैबिनार का शुभारंभ करते हुए ‘उगता भारत’ के चेयरमैन देवेंद्रसिंह आर्य ने कहा कि भारत के इतिहास में महाराणा प्रताप […]

Categories
विविधा

क्या है संविधान?

वैद्य गुरुदत्त (लेखक प्रसिद्ध साहित्यकार एवं राजनीतिक विचारक हैं।) संविधान भले लोगों के समाज में और उस द्वारा निर्मित राज्य में एक समझौता होता है। इसका अधर्माचरण करने वाले लोगों से कोई संबध नहीं होता है। अधर्माचरण (अपराध) के लिए दण्ड विधान की कल्पना की गई है। जो लोग हृदय से धर्म की स्थापना चाहते […]

Exit mobile version