बंगला उपन्यासकार शरद चंद्र के जीवन पर ‘आवारा मसीहा’ जैसी कालजयी रचना लिखने वाले हिन्दी कथाकार श्री विष्णु प्रभाकर का जन्म 21 जून, 1912 को मीरापुर (मुजफ्फरनगर, उ.प्र.) में हुआ था। उनका प्रारम्भिक जीवन हरियाणा के हिसार नगर में व्यतीत हुआ। वहां से ही उन्होंने 1929 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद […]
महीना: जून 2021
गतांक से आगे … प्रस्थानत्रयी नाम बौद्वों के त्रिपिटक नाम की नकल है।जिस प्रकार बौद्धों के तीन प्रकार के साहित्य को त्रिपिटक कहते हैं, उसी प्रकार वेदान्त से सम्बन्ध रखने वाले तीनों प्रकार के साहित्य को प्रस्थानत्रयी कहते हैं और जिस प्रकार आसुर धर्म हटाने के लिए त्रिपिटक की योजना हुई थी, उसी तरह […]
कई धनी घरों मे देखा कि एक विचित्र सी सुनहरी गुड़िया रखी है। पूछने पर पता चला कि ये लाफिंग बुद्धा है। इसको घर मे रखने से सुख और समृद्धि आती है। धन की टोकरी उठाए, मोटे पेट वाला गोल मटोल सुनहरे रंग का पुतला- क्या सच में महात्माबुद्ध है? किसी तरह वह बुध्द सा […]
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• 🛡️ 18 जून बलिदान दिवस 🛡️ ➡️ 18 जून. 1576 को हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर की सेनाओं के मध्य घमासान युद्ध मचा हुआ था। युद्ध जीतने को जान की बाजी लगी हुई। वीरों की तलवारों के वार से सैनिकों के कटे सिर से खून बहकर हल्दीघाटी रक्त तलैया में तब्दील हो गई। […]
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून पर विशेष * संजय पंकज मनुष्य,प्रकृति,सृष्टि और परमात्मा के बीच एक निरंतरता का जो अटूट संबंध है उस संबंध को संवेदनशीलता के साथ जानने समझने और अनुभूत करने के लिए योग सबसे बड़ा माध्यम है। योग केवल कर्म का कौशल ही नहीं धर्म का यथार्थ बोध और मर्म का साक्षात्कार […]
मृत्युभोज पाप है इसलिए बन्द करो, शादी में खर्च करना पाप है इसलिए कोर्ट मैरिज करो लेकिन हनीमून बहुत बड़ा पुण्य है इसको मनाने विदेश जाओ पैसा लुटाओ क्योंकि हनीमून से हजारों गरीबों का पेट भरता है। मतलब परिवार, रिश्तेदार, गाँव-समाज, पड़ोसी गाँव के परिचित व्यक्ति, पिताजी के हितैषी और व्यवहारियों को एकजुट करना, […]
〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ प्राचीनकाल में जब मंदिर बनाए जाते थे तो वास्तु और खगोल विज्ञान का ध्यान रखा जाता था। इसके अलावा राजा-महाराजा अपना खजाना छुपाकर इसके ऊपर मंदिर बना देते थे और खजाने तक पहुंचने के लिए अलग से रास्ते बनाते थे। इसके अलावा भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जिनका संबंध न तो […]
पुनर्जन्म -सहदेव समर्पित 1 सृष्टि के जड़ पदार्थों में भी पुनर्जन्म है। यथा- पानी गर्म होकर भाप बन जाता है। वह ऊपर जाकर बादल के रूप में बरसता हुआ पुनः पृथ्वी पर आ जाता है। अधिक शीतलता पाकर वही बर्फ का रूप ले लेता है। अर्थात् सृष्टि के आरम्भ से अब तक पानी की एक […]
ओ३म् =========== मनुष्य के जीवन के दो यथार्थ हैं पहला कि उसका जन्म हुआ है और दूसरा कि उसकी मृत्यु अवश्य होगी। मनुष्य को जन्म कौन देता है? इसका सरल उत्तर यह है कि माता-पिता मनुष्य को जन्म देते हैं। यह उत्तर सत्य है परन्तु अपूर्ण भी है। माता-पिता तभी जन्म देते हैं जबकि ईश्वर […]
अशोक मधुप आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 2005 में आपदा प्रबधंन प्राधिकरण बनाया। प्रदेशों में इसकी शाखाएं विकसित की गईं। इसका उद्देश्य आपदा प्रबंध के लिए अलग से पूरा तंत्र बनाना था। कुछ प्रदेशों में जनपद में इसके कार्यालय खोलकर वालंटियर बनाने का काम किया गया। हाल ही में देश को दो […]