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विशेष संपादकीय संपादकीय

‘पत्थरबाजो! भारत छोड़ो,’ भाग-3

(14) कांगड़ा-यहां पर पिछले 18000 वर्ष के इतिहास के कालखण्ड में 1620 से 1810 तक मुस्लिम शासन रहा अर्थात कुल 190 वर्ष तक यहां मुस्लिम शासन और 1856 ई. से 1947 तक कुल 90-91 वर्ष तक ब्रिटिश शासन रहा। शेष अवधि में अपनी स्वतंत्रता और अस्मिता को बचाये रखने में यह क्षेत्र भी सफल रहा। […]

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संपादकीय

छद्म धर्मनिरपेक्षता के साये में चलते इतिहास के कुछ झूठ

भारत में छद्म धर्मनिरपेक्षियों का एकमात्र उद्देश्य इस देश में साम्राज्यवाद को बढ़ावा देना है। यह बढ़ावा देने की प्रवृत्ति उनके हिन्दू विरोध को देखने से स्पष्ट हो जाती है। इस हिन्दू विरोध की प्रवृत्ति के कारण इतिहास के कई झूठ ऐसे हैं जो इस देश में पहले तो विदेशियों के द्वारा गढ़े गये और […]

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मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

‘पत्थरबाजो! भारत छोड़ो,’ भाग-2

एक शोधपूर्ण प्रशंसनीय ग्रंथ मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा ‘भारत हजारों वर्षों की पराधीनता एक औपनिवेशिक भ्रमजाल’ में बड़े शोधपूर्ण ढंग से हमें बताया गया है कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर मुस्लिम और ब्रिटिश शासन की अवधि कितने समय तक रही? इस सारणी को देखकर हमें पता चलता है कि भारत के हिंदू […]

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संपादकीय

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-6

बांग्लादेश से हो रही मुस्लिमों की घुसपैठ पर जब पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने यहां जाकर उनके कान ऐंठ दिये हैं, इसलिए तब से चुप है। साम्यवादियों को अंधे की भांति दो नैनों के रूप में मुस्लिम मतों की भूख रही है। इनके समक्ष उनके लिए राष्ट्रहित गौण है। यही स्थिति कांग्रेस की […]

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मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

‘पत्थरबाजो! भारत छोड़ो,’ भाग-1

पूरे देश से इस समय एक आवाज उठ रही है कि ‘कश्मीर के पत्थरबाजो! भारत छोड़ो।’ इस आवाज को पूर्णत: न्यायसंगत एवं उचित कहा जाएगा। 1942 की अगस्त में जब गांधीजी ने अंग्र्रेजों के विरूद्घ ‘अंग्रेजो! भारत छोड़ो’ की आवाज लगायी थी तो उसके पीछे भी इस राष्ट्र के मचलते हुए चिंतन का यही पहलू […]

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संपादकीय

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-5

सत्ता में लिप्त सभी दल हमने जनता पार्टी को सत्ता को सत्ता सौंपी, चरण सिंह के लोकदल को सत्ता सौंपी, वीपीसिंह के जनता दल को सत्ता सौंपी, राष्ट्रवाद की प्रहरी बनी भाजपा को सत्ता सौंपी और आज साम्यवादियों के सहयोग से चल रही कांग्रेसी सरकार को पुन: सत्ता सौंप दी है, लेकिन शासन का ढंग […]

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मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

भारत को जातियों में बांटने वाले मक्कार इतिहासकार

सहारनपुर दंगों के मर्म को समझने के लिए अपने इतिहास के इस सच को भी समझना होगा। भारत में आर्यों को विदेशी बताने वालों ने ही यहां गोरे-काले अथवा आर्य-द्राविड़ का भेद उत्पन्न किया। जिससे यह बात सिद्घ हो सके कि भारत में तो प्राचीन काल से ही गोरे-काले का भेद रहा है और यहां […]

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संपादकीय

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-4

‘अधिकतम’ का उपाय सोचें इस प्रकार यह ‘न्यूनतम’ शब्द नई समस्याओं को उत्पन्न करने वाला शब्द है। इसके स्थान पर ‘अधिकतम’ शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए। जिसका अर्थ हो कि सभी दल ऐसे उन सभी बिंदुओं पर कार्य करेंगे जिनके आधार पर उन्होंने जनता से मत मांगा था। जिस दल के जितने अधिक सांसद […]

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संपादकीय

राष्ट्रघाती मुस्लिम तुष्टिकरण-भाग-3

विपक्षी नेताओं ने भी आदर्श छोड़े इसके पश्चात सन 1989 ई. में वी.पी. सिंह ने इसी गठबंधन के पूर्व परीक्षित प्रयोग का पुन: परीक्षण किया। किंतु इसका परिणाम भी न केवल वही हुआ अपितु शीघ्र ही वीपीसिंह को पद त्याग करना पड़ा। महाराजा वी.पी. सिंह 2 दिसंबर सन 1989 ई. से 10 नवंबर सन 1990 […]

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राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

मोदी सरकार के तीन वर्ष

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बने तीन वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। उनके लिए यह एकसुखद तथ्य है कि वह आज भी अपनी लोकप्रियता को वैसी ही बनाये हुए हैं जैसी सत्ता संभालते समय 2014 में थी। यह उनकी उपलब्धि भी कही जाएगी। दूसरे उनके लिए यह एक और प्रसन्नतादायक तथ्य है कि […]

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