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राजनीति संपादकीय

राहुल गांधी के परदादा

देश की पहली लोकसभा 13 मई 1952 को अस्तित्व में आयी थी। देश में स्वतन्त्रता के उपरान्त अपने संविधान के अनुसार तब पहली बार चुनाव सम्पन्न हुए थे। लोगों में चुनाव में मतदान के प्रति अतिउत्साह था। उन्हें लग रहा था कि मतदान के माध्यम से सही प्रतिनिधि चुनकर वह बहुत बड़ा कार्य करने के […]

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संपादकीय

राहुल की ताजपोशी कितनी उचित?

कांग्रेस अपने ‘युवराज’ राहुल गांधी की ताजपोशी अगले माह करने की घोषणा कर चुकी है। बहुत दिनों से यह कयास चल रहे थे कि राहुल गांधी की ताजपोशी शीघ्र ही होने वाली है। सोनिया गांधी इस समय अस्वस्थ चल रही हैं। इसलिए उनकी भी इच्छा थी कि यथाशीघ्र राहुल को वह अपने उत्तराधिकारी के रूप […]

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राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

मोदी सरकार के तीन वर्ष

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बने तीन वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। उनके लिए यह एकसुखद तथ्य है कि वह आज भी अपनी लोकप्रियता को वैसी ही बनाये हुए हैं जैसी सत्ता संभालते समय 2014 में थी। यह उनकी उपलब्धि भी कही जाएगी। दूसरे उनके लिए यह एक और प्रसन्नतादायक तथ्य है कि […]

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विशेष संपादकीय

राहुल गांधी का डर

राहुल गांधी के प्रति हमारी सहानुभूति है। वह एक सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के सबसे अधिक अनुभवहीन नेता है। उन्होंने राजनीति में अपना पर्दापण अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री के एक विधेयक के कागजों को सार्वजनिक रूप से फाडक़र अपनी जग हंसाई करते हुए किया था। तब देश के लोग ही नहीं अपितु कांग्रेसी भी […]

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राजनीति संपादकीय

कांग्रेसविहीन भारत बनाते राहुल गांधी

बहुत सी दुर्बलताओं के उपरांत भी कांग्रेस का गौरवपूर्ण इतिहास है। इसके गौरवपूर्ण पक्ष पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लालबहादुर शास्त्री और इन जैसी अनेकों प्रतिभाएं अपना डेरा डाले बैठी हैं, जिनको पढ़े बिना कांग्रेस का इतिहास किसी भी जिज्ञासु विद्यार्थी की समझ आ नहीं सकता। जिन लोगों ने कांग्रेस को केवल […]

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राजनीति संपादकीय

बापू चाचा की विरासत और राहुल गांधी

महाभारत में भीष्म पितामह युधिष्ठिर से कहते हैं :-”जो राजा सदा प्रजा के पालन में तत्पर रहता है, उसे कभी हानि नही उठानी पड़ती। भरत नंदन! तुम्हें तर्कशास्त्र और शब्दशास्त्र दोनों का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। गांधर्व शास्त्र (संगीत) और समस्त कलाओं का ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है। तुम्हें प्रतिदिन ब्राह्मण ग्रंथ, इतिहास, उपाख्यान तथा […]

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विशेष संपादकीय

‘राहुल गांधी : ‘मौज करन’ नही, ‘चलो चलिए देश नूं युद्घ करन’

बात 1912 की है। भारत का एक नवयुवक सैन्फ्रासिस्को पहुंचा। सैन्फ्रासिस्को में उन दिनों बाहर से आने वाले लोगों पर रोक-टोक होने लगी थी। इसलिए इमीग्रेशन अधिकारी ने उस भारतीय युवक से पूछा-‘‘तुम यहां क्यों आये हो?’’युवक ने कहा-‘‘मैं पढऩे के लिए आया हूं।’’अधिकारी ने पुन: पूछा-‘‘क्या भारतवर्ष में पढऩे की सुविधा नही है?’’युवक ने […]

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