Categories
प्रमुख समाचार/संपादकीय संपादकीय

हमें राजनीति सापेक्ष बनना होगा

हमारे देश में प्रजातंत्र की मजबूत जड़ों के होने की बात अक्सर कही जाती है, पर जब हम उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीति की वर्तमान दुर्दशा के चित्रों को बार-बार घटित होते देखते हैं, तो यह विश्वास नहीं होता कि भारत में प्रजातंत्र की गहरी जड़ें हैं। उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों को कुछ […]

Categories
आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख

कंगाली के पचास दिन और देश का विश्वास

निरंजन परिहार लालू यादव भले ही देश को याद दिला रहे हो कि 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किसी चौराहे का इंतजाम कर लीजिए। लेकिन सवाल न तो किसी चौराहे का है और ना ही प्रधानमंत्री द्वारा गोवा से देश को दिए संदेश में उनके 50 दिन में सब कुछ ठीक हो […]

Categories
राजनीति

आम आदमी को लेकर हो रही राजनीति

बाल मुकुंद ओझा आम आदमी आजकल सर्वत्र चर्चा में है। राजनीतिक दलों के लिए आम आदमी शब्द की अपनी व्याख्या है। नेता लोग गाहे-बगाहे आम आदमी पर भाषण झाड़ते रहते हैं। चुनाव के दिनों में आम आदमी सबका प्रिय हो जाता है, सबको उसकी फिक्र सताने लगती है! सत्तारूढ़ दल जहां आम आदमी के विकास […]

Categories
संपादकीय

कभी ‘कठोर’ कभी ‘मुलायम’

राजनीति कैसे-कैसे खेल कराती है और कैसे आदमी अपने ही बनाये-बुने मकडज़ाल में फंसकर रह जाता है-इसका जीता जागता उदाहरण मुलायम सिंह यादव हैं। एक समय था जब नेताजी भारत की राजनीति को प्रभावित करते थे और दिल्ली दरबार उनके आदेश की प्रतीक्षा किया करता था, आज वही व्यक्ति निढाल, बेहाल, थका मादा सा और […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

महात्मा गाँधी की हत्या की पुन: जांच आवश्यक

देश के वरिष्ठ नेताओं में से गिने जाने वाले और अक्सर आये दिन नये नये खुलासे करने वाले भाजपा के सीनियर नेता सुब्रमनियम स्वामी ने खुलासा महात्मा गांधी की हत्या को लेकर किया है, सन 1948 में हुयी महात्मा गांधी की हत्या पर सुब्रमनियम स्वामी का कहना है कि महात्मा गांधी की हत्या एक गहरी […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

मृत्यु क्या है? भाग-1

कुछ ऐसे तथ्य भी होते हैं जो हमारे तर्क से परे होते हैं और उन्हें खोजने की आवश्यकता होती है। वास्तव में मृत्यु के बारे में हम जैसा सोचते हैं वह उससे भिन्न पदार्थ है। जैसा हम जानते हैं कि इस संसार में हर किसी के लिए मृत्यु आवश्यक है हम फिर भी इस बात […]

Categories
स्वर्णिम इतिहास

स्वातंत्र्य संघर्ष की दोनों धाराओं के जनक ऋषि दयानंद

क्षितीश वेदालंकार अन्य प्राणधारी जीवों से मनुष्य को अलग करने वाला कोई तत्व है, तो वह बुद्घितत्व ही है। इसीलिए गायत्री मंत्र में अन्य किसी पदार्थ की प्राप्ति की कामना न करके, ‘धियो योन: प्रचोदयात्’ कहकर केवल बुद्घि को ही सन्मार्ग पर प्रेरित करने की प्रार्थना की गयी है। ऋषियों ने अपने बुद्घिबल से धर्म […]

Categories
शिक्षा/रोजगार

भारत में शिक्षा पर हो रहा है दोतरफा हमला

जगमोहन सिंह राजपूत कोई भी सभ्य समाज अपने बच्चों के पढऩे और बढऩे में कभी बाधा बनने का विचार भी मन में नहीं ला सकता है। आज हर समाज अपने बच्चों के भविष्य को अपने से बेहतर बनाने के लिए शिक्षा संस्थाएं स्थापित करता है, वहां अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित करता है और बच्चों को […]

Categories
समाज

एक दयालु नागरिक बनिए

दयालु होना अपने और दूसरों के भी जीवन को अर्थपूर्ण बनाने का एक महत्वपूर्ण गुण है। पियेरो फेरूबी के अनुसार दयालुता का अर्थ है ”कम प्रयत्न” करना। क्योंकि हमें नकारात्मक व्यवहार और नाराजग़ी, जलन, शंका और धोखेबाजी के बंधन से आजाद करती है। बेहतर मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और खुशी अधिक सकारात्मक सोच से आती है, और […]

Categories
राजनीति

माया की नजर, मोदी-महागठबंधन और मुसलमान पर

बसपा सुप्रीमों मायावती को पल-पल बदलती यूपी की सियासत तस्वीर ने हैरान-परेशान कर रखा है। एक पल उन्हें सत्ता बेहद करीब नजर आती है तो दूसरे ही पल उन्हें सत्ता की चाबी दूर नजर आने लगती है। वह विरोधियों के हर कदम पर नजर रखे हैं। सपा-कांगे्रस के अन्य छोटे-छोटे दलों को साथ लेकर महागठबंधन […]

Exit mobile version