हमारे देश में प्रजातंत्र की मजबूत जड़ों के होने की बात अक्सर कही जाती है, पर जब हम उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीति की वर्तमान दुर्दशा के चित्रों को बार-बार घटित होते देखते हैं, तो यह विश्वास नहीं होता कि भारत में प्रजातंत्र की गहरी जड़ें हैं। उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों को कुछ […]
महीना: जनवरी 2017
निरंजन परिहार लालू यादव भले ही देश को याद दिला रहे हो कि 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किसी चौराहे का इंतजाम कर लीजिए। लेकिन सवाल न तो किसी चौराहे का है और ना ही प्रधानमंत्री द्वारा गोवा से देश को दिए संदेश में उनके 50 दिन में सब कुछ ठीक हो […]
बाल मुकुंद ओझा आम आदमी आजकल सर्वत्र चर्चा में है। राजनीतिक दलों के लिए आम आदमी शब्द की अपनी व्याख्या है। नेता लोग गाहे-बगाहे आम आदमी पर भाषण झाड़ते रहते हैं। चुनाव के दिनों में आम आदमी सबका प्रिय हो जाता है, सबको उसकी फिक्र सताने लगती है! सत्तारूढ़ दल जहां आम आदमी के विकास […]
राजनीति कैसे-कैसे खेल कराती है और कैसे आदमी अपने ही बनाये-बुने मकडज़ाल में फंसकर रह जाता है-इसका जीता जागता उदाहरण मुलायम सिंह यादव हैं। एक समय था जब नेताजी भारत की राजनीति को प्रभावित करते थे और दिल्ली दरबार उनके आदेश की प्रतीक्षा किया करता था, आज वही व्यक्ति निढाल, बेहाल, थका मादा सा और […]
देश के वरिष्ठ नेताओं में से गिने जाने वाले और अक्सर आये दिन नये नये खुलासे करने वाले भाजपा के सीनियर नेता सुब्रमनियम स्वामी ने खुलासा महात्मा गांधी की हत्या को लेकर किया है, सन 1948 में हुयी महात्मा गांधी की हत्या पर सुब्रमनियम स्वामी का कहना है कि महात्मा गांधी की हत्या एक गहरी […]
कुछ ऐसे तथ्य भी होते हैं जो हमारे तर्क से परे होते हैं और उन्हें खोजने की आवश्यकता होती है। वास्तव में मृत्यु के बारे में हम जैसा सोचते हैं वह उससे भिन्न पदार्थ है। जैसा हम जानते हैं कि इस संसार में हर किसी के लिए मृत्यु आवश्यक है हम फिर भी इस बात […]
क्षितीश वेदालंकार अन्य प्राणधारी जीवों से मनुष्य को अलग करने वाला कोई तत्व है, तो वह बुद्घितत्व ही है। इसीलिए गायत्री मंत्र में अन्य किसी पदार्थ की प्राप्ति की कामना न करके, ‘धियो योन: प्रचोदयात्’ कहकर केवल बुद्घि को ही सन्मार्ग पर प्रेरित करने की प्रार्थना की गयी है। ऋषियों ने अपने बुद्घिबल से धर्म […]
जगमोहन सिंह राजपूत कोई भी सभ्य समाज अपने बच्चों के पढऩे और बढऩे में कभी बाधा बनने का विचार भी मन में नहीं ला सकता है। आज हर समाज अपने बच्चों के भविष्य को अपने से बेहतर बनाने के लिए शिक्षा संस्थाएं स्थापित करता है, वहां अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित करता है और बच्चों को […]
दयालु होना अपने और दूसरों के भी जीवन को अर्थपूर्ण बनाने का एक महत्वपूर्ण गुण है। पियेरो फेरूबी के अनुसार दयालुता का अर्थ है ”कम प्रयत्न” करना। क्योंकि हमें नकारात्मक व्यवहार और नाराजग़ी, जलन, शंका और धोखेबाजी के बंधन से आजाद करती है। बेहतर मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और खुशी अधिक सकारात्मक सोच से आती है, और […]
बसपा सुप्रीमों मायावती को पल-पल बदलती यूपी की सियासत तस्वीर ने हैरान-परेशान कर रखा है। एक पल उन्हें सत्ता बेहद करीब नजर आती है तो दूसरे ही पल उन्हें सत्ता की चाबी दूर नजर आने लगती है। वह विरोधियों के हर कदम पर नजर रखे हैं। सपा-कांगे्रस के अन्य छोटे-छोटे दलों को साथ लेकर महागठबंधन […]