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एक दयालु नागरिक बनिए

दयालु होना अपने और दूसरों के भी जीवन को अर्थपूर्ण बनाने का एक महत्वपूर्ण गुण है। पियेरो फेरूबी के अनुसार दयालुता का अर्थ है ”कम प्रयत्न” करना। क्योंकि हमें नकारात्मक व्यवहार और नाराजग़ी, जलन, शंका और धोखेबाजी के बंधन से आजाद करती है। बेहतर मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और खुशी अधिक सकारात्मक सोच से आती है, और दयालुता एक सकारात्मक मानसिक अवस्था है। वैसे दयालुता देने और खुलेपन का नाम है जो हमें भलाई की भावना और खुद से जुड़ाव का अहसास करवाती है। जिससे हमारी मानसिक अवस्था और स्वास्थ्य बेहतर बनते हैं। अत: दयालुता सभी के लिए गहराई से चिंतित होना या ध्यान रखना है। दयालु होना हमें बेहतर ढंग से बातचीत करने, अधिक संवेदनशील बनने और लोगों के जीवन में एक आशावादी प्रभाव डालने योग्य बनाता है। दयालुता का स्रोत आपके अंदर ही गहराई में है, और जहां कुछ लोग नैसर्गिक रूप से दयालु होते हैं, वहीं कोई भी अपनी पसंद से इसे विकसित कर सकता है। लियो बबौटा कहते हैं कि दयालुता एक ऐसी आदत है जिसे हर कोई विकसित कर सकता है। खुशी, आनंद, और कृतज्ञता दयालुता के हृदय में रहते हैं, ये आपको संसार में अच्छाई सिखाते हैं। दयालुता आपको चुनौतियों, निराशा और क्रूरता से पार पाने की सामथ्र्य प्रदान करता है, और लगातार मानवता में विश्वास बनाये रखने के लिए निरंतर प्रेरित करता हैै। 

कैसें बने दयालु नागरिक 
1. किसी के लिए रोज एक दयापूर्ण कार्य करें, दिन की शुरूआत में ही सचेत निर्णय करें कि वह दयापूर्ण कार्य क्या होगा और दिन के दौरान उसे करने का समय निकालें।
2. जरूरतमंदों के पास स्वयं मदद के लिए जाना और पीड़ा का निदान करने की पहल करना करूणाशीलता के बड़े कृत्य हैं। ”सबके प्रति दयालु बनें, सिर्फ जरूरतमंदों के लिए ही नहीं”।
3. किसी के प्रति आलोचनात्मक होने में अपना समय खर्च करने की अपेक्षा सकारात्मक और करूणामय बनने पर काम करें।
4. स्वयं को दोषी ठहराने और पछताने या खुद की दूसरों से तुलना करने की बजाय अपनी गलतियों से सीखें। स्वयं के प्रति करूणाशील प्रतिक्रियाओं की सहायता से ही आप दूसरे लोगों की जरूरत को करूणाशीलता से देख सकेंगे।
5. विनम्र बनें, विनम्रता लोगों का ध्यान आकर्षित करने और अपनी बात रखने का एक दयापूर्ण तरीक है।
6. हमेशा दूसरों को उनके द्वारा की गई मदद के लिए धन्यवाद कहना न भूलें। जो सच में दयालु हैं वे आसानी से आभार व्यक्त कर पाते हैं। 
7. जानवरों से प्रेम और पालतू जानवरों की देखभाल दयालुता का क्रियान्वयन है। हम उस संसार के प्रति दयावान बनें जो हमें पालन करके हमें बनाये रखता है। 
8. एक जानवर को गोद लें। उसका लालन-पोषण करें, आपका दयाभाव एक अन्य जीव के आपके जीवन में प्रवेश से पुरूस्कृत होगा जो आपके लिए खुशियां और आनंद लेकर आयेगा।
9. अपने द्वारा देखभाल किये जा रही प्रजाति का समान करें। मानव जानवरों के मालिक नहीं होते, बल्कि हमारा उनसे उनकी भलाई करने और ध्यान रखने का रिश्ता होता है।
10. अपने आसपास के समुदाय को साथ लेकर स्थानीय पर्यावरण के कुछ हिस्से को पुर्नस्थापित करने का प्रयास करें। प्रकृति से प्रेम करें तथा अपने इस प्रकृति प्रेम से दूसरों को भी अवगत करायें।
11. हमेशा मुस्करा कर दूसरों का स्वागत करें। लोगों की ओर देखकर मुस्कराने से वे सुखद महसूस करते हैं और आप अधिक सुगम्य दिखते हैं। जो दयालु होने का एक और तरीका है।
12. दान करने की आदत बनाना अपनी दया को दूसरों तक पहुंचाने का सबसे अच्छा तरीका है। कोई भी ऐसी वस्तु जो आपको लगता है कि आपसे अधिक किसी दूसरे के काम आ सकती है, उसे दान करने में जरा भी देर न करें।
13. किसी की मदद यह सोचकर कदापि न करें कि बदले में वह कल आपकी मदद भी करेगा।
स्वप्निल चतुर्वेदी

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