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राजनीति

विश्व शांति के लिए योग ही एक उपाय:मोदी

व्यूरो कार्यालय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में जाकर जिस प्रकार मीडिया में मोदी का ‘इंडिया फीवर’ चढ़ाने में सफलता हासिल की है, उससे हर भारतीय को गर्व और गौरव की अनुभूति हुई है। मोदी ने अमेरिका में जहां भी कदम रखा है, वहीं ‘मोदी-मोदी’ का शोर सुनने को मिला, जिससे लगा कि […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

गोवंश की हत्या के दोषियों का बहिष्कार करें

गोलोकवासी शिव कुमार गोयलकुछ दशक पूर्व एक वामपंथी लेखक ने गोरक्षा की मांग करने वालों को भ्रमित व दकियानूसी बताते हुए लेख में विचार व्यक्त किये थे कि केवल भारत के इने-गिने लोग ही गाय को पूजनीय बताते हैं जबकि वेदों तथा अन्य प्राचीन ग्रंथों में गोमांस खाये जाने का विवरण मिलता है।उस समय परम […]

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विविधा

देश में कैदियों के लिए कैसा है कानून?

केपी सिंह उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में व्यवस्था दी है कि उन विचाराधीन आरोपियों को तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए जिन्होंने अपने ऊपर लगे अभियोग की संभावित अधिकतम सजा का आधा समय बतौर आरोपी जेल में व्यतीत कर लिया है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि जिला न्यायिक सेवा प्राधिकरण से […]

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महत्वपूर्ण लेख

राष्ट्रीय समस्या आकलन में पातंजल दर्शन का योगदान

डॉ. मधुसूदन (एक) संकीर्ण दृष्टि का दोष: हम चाहते हैं; कि, राष्ट्र की प्रत्येक समस्या के समाधान में, हमारी इकाई को, हमारे प्रदेश को, हमारी भाषा को, लाभ पहुंचे। और जब ऐसा होता हुआ, नहीं दिखता, तो हम समस्या को हल करने में योगदान देने के बदले, समस्या के जिस गोवर्धन पर्वत को उठाना होता […]

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विविधा

प्रेम विवाह प्रेेम से धर्मांतरण कराने का साधन-लव जेहाद

बबुआ नारायण मिश्र विवाह मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण संस्कार है। धर्मशास्त्रों में इसके आठ प्रकार बताये गये हैं-ब्रह्म, दैव, आर्ष, प्राजापत्य, आसुर, गांधर्व, राक्षस तथा पैशाच। इनमें से प्रथम चार को प्रशस्त तथा शेष चार को अप्रशस्त की कोटि में रखा गया है। आजकल भारतीय समाज में गांधर्व विवाह की विशेष चर्चा है। गांधर्व […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

जहाँ गंदगी वहाँ वास्तुदोष

शुद्धता और प्रकाश ईश्वरीय और शुभ्र सकारात्मक माहौल के लक्षण हैं जबकि इसके विपरीत गंदगी और अंधकार नकारात्मकता के द्योतक हैं। हम ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय…’ को अपनाने वाली संस्कृति के अनुगामी हैं जहाँ तम अर्थात अंधकार को हटाकर या उस पर विजय पाकर ज्योति अर्थात आलोक पाने के की परंपरा रही है। मन-मस्तिष्क, तन और […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

वैचारिक तरंगों से ही है सृष्टि का व्यापार

जैसा मन होता है वैसा परिवेश सृजित होता है। इसलिए जीवन में हमेशा कल्पनाओं, लक्ष्यों और भावनाओं को इतना ऊँचा रखें कि इनके साकार हो जाने पर शाही और आनंदमय जीवन प्राप्त हो सके। जो हमारे मन में सूक्ष्म धरातल पर होता है वही कालान्तर में अनुकूलताएं और वैचारिक भावभूमि का सुदृढ़ आधार पाकर स्थूल […]

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विविधा

सितारे-हिन्द की हिन्दी, भाग-1

डॉ0 इन्द्रा देवी वाणी का वरदान प्राप्त होने पर मनुश्य ने पशुता से अपनी भिन्नता स्थापित कर ली। भाषा से मानवता के विकास की कुंजी उसके हाथ में आ गई। यद्यपि इससे पूर्व इंगित और चित्रादि को वह अभिव्यक्ति के लिए काम में लाता रहा है। मुद्रण यंत्र के आविष्कार से अनेक विषयों की पुस्तकें […]

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अन्य कविता

सपने

सपनों की दुनिया भी अजीब, सपने, सपने ही होते हैं।वास्तविकता से अलग हें, दुनिया की सैर कराते हैं।। जहां बंधन से, निर्बाध बने, हम स्वच्छंद विचरण करते हैं।जो बातें यहां असंभव हैं, सपने में सच हो जाती हैं।। कुछ सपने सच भी होते हैं, ऐसा विश्लेषक कहते हैं।नींद खुली, सब छूट गया, ये सपने रूला […]

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अन्य कविता

प्रभु की वाणी वेद

आओ हम सब पढ़े-पढ़ावें, प्रभु की वाणी वेद है।जिससे कट जाते हर संकट, मिट जाते उर भेद हैं॥ 1.वेद प्रभु की सच्ची पूँजी, वेद आन और बान है।वेद प्रभु की ज्ञान की कुंजी, वेद प्रभु की शान है।पढ़े-पढ़ायें, सुने-सुनायें, चले ढलें श्रुति वेद हैं॥जिससे कट जाते……… 2.वेद ही हर मानव को जग में,मानवता सिखलाते हैं।ॠषि-मुनि […]

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