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राजनीति

नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा

 नरेन्द्र मोदी अमेरिका हो आयें हैं । अमेरिकी के उनके दौरे की चर्चा इसलिये भी ज़्यादा हो रही थी क्योंकि २००५ में जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो अमेरिका ने उन्हें वीज़ा देने से इन्कार कर दिया था । अब २०१४ में अमेरिका उन्हें आतुरता से निमंत्रित ही नहीं कर रहा था बल्कि वहाँ […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-33

गतांक से आगे….. ये मिनट बढक़र दो हजार वर्ष में एक मास के बराबर हो जाते हैं। परिणाम यह होता है कि हर दो हजार वर्ष में वसंत सम्पात नाक्षत्र वर्ष से एक महीना पीछे हो जाता है। इसी कारण से कृत्तिकाकाल मृगशीर्षकाल और पुनर्वसुकाल से संबंध रखने वाले तीनों पंचांगों का वर्णन किया गया […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

वो काम छोड़ें जिनसे पछतावा हो

हमारे हर कर्म को करने से पहले या हमारे जीवन की कोई सी अच्छी-बुरी घटना होने से पूर्व हमारी आत्मा को उसके स्पष्ट संकेत प्राप्त हो जाते हैं और वह कम से कम दो बार हमें इस बारे में कभी स्पष्ट तो कभी प्रतीकात्मक रूप से इसके बारे में संकेत देती ही है। यह अलग […]

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भारतीय संस्कृति

माता हमारे पिता के सपनों के अनुसार ही हमारी निर्माता है

(‘उगता भारत’ के प्रेरणास्रोत पूज्य महाशय राजेन्द्र सिंह आर्य जी की 103वीं जयंती 5 अक्टूबर 2014 और पूज्या श्रीमती सत्यवती आर्या जी की 89वीं जयंती 8 अक्टूबर 2014 के अवसर पर, विशेष रूप से तैयार यह आलेख आज के समाज में माता पिता के प्रति हमारे दृष्टिकोण में आ रहे परिवर्तन को ठीक करने में […]

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स्वर्णिम इतिहास

एक विस्मृत हिन्दू सम्राट – महाराजा हेमचन्द्र विक्रमादित्य

-विनोद बंसल सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य, भारतीय इतिहास के उन चुनिन्दा लोगों में से हैं जिन्होंने इतिहास की धारा मोड़कर रख दी। वे पृथ्वीराज चैहान (1179-1192) के बाद इस्लामी शासनकाल के मध्य दिल्ली के सम्भवतः एकमात्र हिन्दू सम्राट हुए जो विद्युत की भांति चमके और दैदीप्यमान हुए। उन्होंने अलवर (राजस्थान) के बिल्कुल साधारण से घर में […]

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राजनीति

राजनीति में कहां बची है नैतिकता?

शिवकुमार गोयल वास्तव में आज भारत का गणतंत्र दल-दल में धंसता दिखाई देता है। स्वाधीनता के बाद भारत यदि सबसे अधिक किसी क्षेत्र में संकट ग्रस्त है तो वह है नैतिक मूल्यों का संकट। अपने महान आध्यात्मिक व नैतिक मूल्यों, उच्चादर्शों जैसे सदगुणों के कारण जगतगुरू के रूप में विख्यात रहा भारत आज तेजी से […]

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अन्य स्वास्थ्य

आयुर्वेद के मुताबिक किस-किस चीज को साथ नहीं खाना चाहिए और क्यों

दूध के साथ दही लें या नहीं? दूध और दही दोनों की तासीर अलग होती है। दही एक खमीर वाली चीज है। दोनों को मिक्स करने से बिना खमीर वाला खाना (दूध) खराब हो जाता है। साथ ही, एसिडिटी बढ़ती है और गैस, अपच व उलटी हो सकती है। इसी तरह दूध के साथ अगर […]

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आज का चिंतन

तहे दिल से स्वीकारें ईश्वरीय प्रवाह को

जीवन निर्वाह की दो-तीन धाराएँ हैं जिन पर चलते हुए हम पूरी जिंदगी गुजार दिया करते हैं। एक वे हैं जो अपने हुनर और दक्षता के अनुरूप कर्मयोग में रमे रहते हैं और हर घटना-दुर्घटना और हलचल को भगवान का प्रसाद मानकर चलते हैं। दूसरी किस्मों के लोग जो कुछ कर रहे हैं वह सभी […]

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विशेष संपादकीय

वैज्ञानिकों का हार्दिक अभिनंदन

एक ऐसी खुशी जो हमें कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक एक होने की गौरवपूर्ण अनुभूति कराने की क्षमता रखने में समर्थ हो तो उस खुशी में ही झलकता है हमारे भीतर का छिपा हुआ राष्ट्र्रवाद और छिपी हुई राष्ट्रीयता। मंगलयान की सफलता पर 24 सितंबर को जब देश के प्रधानमंत्री मोदी ने […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

अर्थहीन हो गया है रावण दहन

लगता नहीं कि आज के मौजूदा माहौल में रावण दहन अर्थहीन हो गया है, औचित्य खो चुका है और जिस संदेश को देने के लिए रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन होता रहा है, प्रतीकात्मक लंका को जलायी जाती रही है, वह संदेश स्वीकारने का साहस अब किसी में बचा ही नहीं है। […]

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