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अन्य कविता

प्यारी बेटी

हर बार कुर्बान हो जाती है बेटियॉघर की चारदीवारो में पिस जाती है बेटियॉ।। रीति-रिवाजो में बंध जाती है बेटियॉघुट-घुट कर जी जाती है बेटियॉ।। सभी संस्कार निभाती है बेटियॉपरिवार के वंश को चलाती है बेटियॉ।। हर दुख को सहन कर जाती है बेटियॉकितने ही अत्याचार हो सह जाती है बेटियॉ।। बिन कहे समझ जाती […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-32

गतांक से आगे….. ज्योतिष द्वारा स्थिर किया हुआ वेदों का समय अब तक दो आक्षेपों का उत्तर देते हुए दिखलाया गया है कि मिश्र की सभ्यता वेदों से पुरानी नही है और न वेदों में कोई ऐतिहासिक वर्णन ही है। उक्त दोनों आक्षेपों का जिनसे वेदों की आयु कायम की जाती है, संशोधन हो गया। […]

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