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साक्षात्‍कार

पी.एम. मोदी के नाम खुला पत्र

महर्षि दयानंद की ये उपेक्षा क्यों श्रद्घेय प्रधानमंत्री जी,राष्ट्र की  चेतना को झंकृत कर चेतना में से निकलकर चेतना में ही समाहित हो जाने वाले, स्वाधीनता दिवस की पावन बेला पर लालकिले की प्राचीर से दिये गये अपने अनुपम और अद्वितीय संबोधन के लिए बधाई स्वीकारें। सारा देश आपके साहस और वक्तृत्व शैली की मुक्तकंठ […]

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राजनीति

मोदी बोले:इदं राष्ट्राय: इदन्न मम्

राकेश कुमार आर्यदेश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 68वें स्वाधीनता दिवस की पावन बेला पर लालकिले की प्राचीर से मर्दानी, वरदानी और बलिदानी भाषा बोलकर देश को गदगद कर दिया, उनके ओज को देखकर ‘शत्रु’ अपनी चाल भूल गया।सुरक्षात्मक भाव को तिलांजलि दे अपने आक्रामक स्वभाव के लिए जाने-जाने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने […]

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राजनीति

‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘मेड इन इंडिया’ की दृष्टि का वाहक बनें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईआईटी) से कहा कि वह आम लोगों को दैनिक जीवन में होने वाली परेशानियों के अभिनव समाधान निकाले। प्रधानमंत्री, राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित आईआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नस के अध्‍यक्षों और निदेशकों के सम्‍मेलन को संबोधित कर रहे थे। ‘’विज्ञान सर्वव्‍यापी है, प्रौद्योगिकी स्‍थानीय होनी चाहिए’’ यह कहते […]

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राजनीति

वाह रे राष्ट्रपति … आपने दिल की बात कह दी ….

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन में भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों के अध्यक्षों, बोर्ड ऑफ गवर्नेंस और निदेशकों के एक दिवसीय सम्मेलन का उद्धाटन किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर आईआईटी को राष्ट्र का ज्ञान नेता बताते हुए उनसे यह पता लगाने का अनुरोध किया कि शिक्षा की गुणवत्ता को कैसे सुधारा जा सकता […]

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राजनीति

लालकिले की प्राचीर से हमारे अब तक के प्रधानमंत्री

भारत अपना 68वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह दिवस हमारे हजारों, लाखों शहीदों और क्रांतिकारियों की बलिदानी गाथा की पावन स्मृतियों को संजोकर लाता है। हर देशवासी इस दिन अपने उन नाम अनाम असंख्य बलिदानियों का पावन स्मरण कर उन्हें अपने श्रद्घासुमन अर्पित करता है। पूरे देश की ओर से देश का प्रधानमंत्री लालकिले […]

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संपादकीय

समय की पुकार यही है

मौलाना अबूल कलाम आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण नेता रहे। वह नेहरू, गांधी और पटेल की तिक्कड़ी में से नेहरू के अधिक निकट थे, गांधीजी को पसंद करते थे, और पटेल को समझने का प्रयास करते थे। उन्होंने भारत के स्वाधीनता संग्राम को लेकर एक पुस्तक लिखी, जिसका नाम था-‘आजादी की […]

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बिखरे मोती

बिखरे मोती भाग-62

अनीति नीति सी लगै, जब होता निकट विनाशगतांक से आगे….वाणी का संयम कठिन,परिमित ही तू बोल।वाणी तप के कारनै,बढ़ै मनुज का मोल ।। 708 ।। अच्छी वाणी मनुज का,करती विविध कल्याण।वाणी गर होवै बुरी,तो ले लेती है प्राण ।। 709 ।। कुल्हाड़े से काटन वृक्ष तो,पुन: हरा हो जाए।बुरे वचन के घाव तै,हृदय उभर नही […]

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साक्षात्‍कार

इतिहास सकारात्मक लोगों के रचनात्मक कृत्यों का प्रचारक है

इतिहास सकारात्मक लोगों के रचनात्मक कृत्यों का प्रचारक है:प्रो. राजेन्द्र सिंहजब उन लोगों पर नजर दौड़ाई जाती है जो आजाद भारत में भी किसी कठोर हृदयी तानाशाह की सी गुलामी का अनुभव कर रहे हैं, और उस तानाशाह के क्रूर कारावास में देश के धर्म, संस्कृति और इतिहास को असीम यातनाओं के बीच कैद पड़ा […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

अल्तमश के काल में धधकती रही सर्वत्र क्रांति की ज्वाला

क्या कहते हैं विदेशी विद्वान हमारे विषय मेंभारतीयों के विषय में प्रो. मैक्समूलर ने लिखा है:-‘‘मुस्लिम शासन के अत्याचार और वीभत्सता के वर्णन पढक़र मैं यही कह सकता हूं कि मुझे आश्चर्य है कि इतना सब होने पर भी हिंदुओं के चरित्र में उनके स्वाभाविक सदगुण एवं सच्चाई बनी रही।’’यहां मैक्समूलर ने मुस्लिम अत्याचारों की […]

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विशेष संपादकीय

‘बेड़ी और वीणा’ के सुर फिर से एक बना दो

बहादुरशाह जफर का शेर है :- जिसे देखा हाकिमे वक्त ने, कहा ये तो काबिलेदार है। कहीं ये सितम भी सुने भला दिये फांसी लाखों को बेगुनाह।।दार का अर्थ फांसी होता है। सचमुच परतंत्रता के उस काल में हमारे देशवासियों के प्रति विदेशी शासकों की ऐसी ही मानसिकता बन चुकी थी। देशभक्ति उस समय एक […]

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