संसार में दो प्रकार का ज्ञान मिलता है-एक है नैसर्गिक ज्ञान और दूसरा है नैमित्तिक ज्ञान। नैसर्गिक (निसर्ग अर्थात प्रकृति इसी शब्द से अंग्रेजी का ‘नेचर’ शब्द बना है) ज्ञानान्तर्गत आहार, निद्रा, भय और मैथुन आते हैं, जबकि नैमित्तिक ज्ञानान्तर्गत संसार के प्राणियों के संसर्ग और संपर्क में आने से मिलने वाला ज्ञान सम्मिलित है। […]
महीना: अगस्त 2014
रविन्द्र कुमार द्विवेदी लोकसभा चुनाव में अपार सफलता पाने के बाद अब भाजपा संगठन को मजबूत करने में लगी है। उत्तर प्रदेश के 73 सांसदों को जुटाने वाले नायक अमित शाह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि चमचागिरी और गणेश परिक्रमा करने वाले लोगों का संगठन में कोई जगह […]
मनुष्यों की पूरी की पूरी प्रजाति आजकल दो भागों में बँटी हुई दिखती है। एक वे हैं जो काम करने वाले हैं, इन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं रहती, जो काम मिला, जो दिया गया उसे चुपचाप कर लिया और मस्त। ऎसे लोगों का प्रतिशत हालांकि घटता जा रहा है तथापि इन्हीं लोगों के पुण्य […]
मिडिया से क्यों है मोदी की दूरी, जानिए सच सोची समझी इस रणनीति के बारे मेंमोदी द्वारा मिडिया से दुरी रखने के कारण २७५ खबरिया चेनल घाटे की ओर बढ़ने लग गए हैं. मोदी को पीएम बने दो महीने हो गए हैं . अब मोदी अपनी बात कहने के लिए सोशल मिडिया को ज्यादा तरजीह […]
यह एक ही वृक्ष पर प्रतिवर्ष पुनः नवीन होती है तथा यह वृक्षों के ऊपर फैलती है , भूमि से इसका कोई सम्बन्ध नहीं रहता अतः आकाशबेल आदि नामों से भी पुकारी जाती है | अमरबेल एक परोपजीवी और पराश्रयी लता है , जो रज्जु [रस्सी ] की भांति बेर , साल , करौंदे आदि […]
संजय कुमार शंखपुष्पी (डिप्रेशन/ मंदबुद्धि/ हकलाना/ सीजोफ़्रेनिया/ पढ़ाई या काम मे मन न लगना की 100% सफल ओषधि)वैज्ञानिक नाम -कन्वॉल्व्यूलस प्लूरीकॉलिस शंख के समान आकृति वाले श्वेत पुष्प होने से इसे शंखपुष्पी कहते हैं । इसे क्षीर पुष्प (दूध के समान सफेद फूल वाले) मांगल्य कुसुमा (जिसके दर्शन से मंगल माना जाता हो) भी कहते […]
श्रीनिवास एडवोकेेटदादरी। तहसील दादरी सूबे की एक मात्र ऐसी तहसील है जो सबसे अधिक राजस्व प्रदेश के खजाने के लिए देती है, लेकिन विकास के नाम पर यहां विनाश ने जिस प्रकार पांव पसारे हैं उससे प्रशासन की लापरवाही तो स्पष्टï झलकती ही है साथ ही भविष्य की एक भयावह तस्वीर भी उभर कर सामने […]
एक समाचार पत्र में एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था के नये सत्र में प्रवेश लेने हेतु संस्था का विज्ञापन छपा है जिस पर ऊपर की ओर एक लडक़ी का चित्र विज्ञापन के अंदाज में छपा है। देखने से ही लगता है कि इस लडक़ी को केवल आकर्षण के लिए बैठा दिया गया है, उसका शिक्षा, शिक्षा-जगत […]
उगता भारत चिंतन बात उस समय की है कि जम्मू-कश्मीर में लागू दो विधान, दो प्रधान और दो निशान की राष्ट्रघाती व्यवस्था के समूलोच्छेदन के लिए श्यामाप्रसाद मुखर्जी कश्मीर जाने की तैयारी कर रहे थे, और उनके व पंडित नेहरू के मध्य हुए पत्राचार से यह स्पष्ट हो गया था कि नेहरू अपनी जिद को […]
ईसबगोल का मूल उत्त्पत्ति स्थान ईरान है और यहीं से इसका भारत में आयात किया जाता है | इसका उल्लेख प्राचीन वैद्यक शास्त्रों व निघण्टुओं में अल्प मात्रा में पाया जाता है| 10वीं शताब्दी पूर्व के अरबी और ईरान के अलहवीं और इब्नसीना नामक हकीमों ने अपने ग्रंथों में औषधि द्रव्य के रूप में ईसबगोल […]