एक के बाद एक लगातार हमले कर विदेशी मुस्लिमों ने भारत के उत्तर में अपनी जड़ंे जमा ली थीं। अलाउद्दीन खिलजी ने मलिक काफूर को एक बड़ी सेना देकर दक्षिण भारत जीतने के लिए भेजा। 1306 से 1315 ई. तक इसने दक्षिण में भारी विनाश किया। ऐसी विकट परिस्थिति में हरिहर और बुक्का राय नामक […]
लेखक: विवेक आर्य
यीशु और बाइबिल में दृढ विश्वास रखने वाली मदर टेरेसा खुद कई बार अपने आँखों एवं दिल का आपरेशन करवाया. हार्ट अटैक के कारण ही 5 सितंबर 1997 के दिन मदर टैरेसा की मृत्यु हुई थी. रोमन कैथोलिक में किसी को सन्त घोषित करना हो तो उसकी पहली शर्तें होती है, उपरोक्त व्यक्ति के नाम […]
#डॉ_विवेक_आर्य हिन्दू इतिहास के सबसे बड़े गौ-भक्तों के नाम के जगह लिखे जायें तो शिवाजी महाराज का नाम विशेष रूप से स्मरणीय है। गौ भक्त शिवाजी महाराज के लिए गाय सदैव पूजनीय रही थी। वह हमेशा बोलते थे कि गाय हिन्दू धर्म की शान है। जो भी इसको मात्र पशु समझ रहा है वह अज्ञानी […]
आज 26 जुलाई को कारगिल विजय की वर्षगांठ है। कितने भारतीय बच्चों को फिल्म वालों के नाम या क्रिकेटर के नाम पता हैं? कितने बच्चों ने स्कूल में गांधी या नेहरू का नाम पढा है ? कितने बच्चों ने सैम मानकेशा का नाम सुना है? कितने बच्चों को पता है कि विश्व का सबसे बड़ा […]
1857 का स्वात्नत्र्य समर ₹400 आजाद हिन्द फौज की कहानी ₹350 मँगवाने के लिए 7015591564 पर Whatsapp करे। ————– 1857 का स्वात्नत्र्य समर लाला हरदयाल, भगत सिंह व सुभाषचंद्र जैसे तीन-तीन दिग्गज क्रांतिकारी जिस ग्रंथ को प्रकाशक के रूप में मिले हों; उस ग्रंथ की महानता दर्शाने का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता […]
आर्य समाज के इतिहास में 1909 के पटियाला अभियोग की अपनी ही महता हैं। आर्यों के तप, बलिदान और त्याग की परीक्षा पटियाला अभियोग के समय हुई थी जिसमें सोने के समान आचरण वाले आर्य कुंदन बनकर निकले थे, जिसमें महात्मा मुंशीराम ने अपने विरोधियों के भी दिल जीत लिए थे। पटियाला अभियोग के समान […]
क्या थे भगतसिंह? भगतसिंह के प्रेरणास्रोत: सरदार अर्जुन सिंह डॉ0 विवेक आर्य इस लेख को पढ़ने वाले ज्यादातर वे पाठक हैं जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया। यह हमारा सौभाग्य है कि हम जिस देश में जन्मे हैं, उसे आज कोई गुलाम भारत नहीं कहता, उपनिवेश नहीं कहता- बल्कि संसार के एक मजबूत स्वतंत्र राष्ट्र […]
19 जुलाई/इतिहास-स्मृति जलियांवाला के प्रतिशोधी ऊधमसिंह ऊधमसिंह का जन्म ग्राम सुनाम ( जिला संगरूर, पंजाब) में 26 दिसम्बर, 1899 को सरदार टहलसिंह के घर में हुआ था। मात्र दो वर्ष की अवस्था में ही इनकी माँ का और सात साल का होने पर पिता का देहान्त हो गया। ऐसी अवस्था में किसी परिवारजन ने इनकी […]
#डॉ_विवेक_आर्य सावन मास श्रावण का परिवर्तित नाम है। इस मास की वैदिक महत्ता ऋषि मुनियों के समय से प्रचलित है।विक्रमी संवत के अनुसार श्रावण पांचवा मास है। प्राचीन काल में श्रवण मास को जीवन का अभिन्न अंग समझा जाता था। कालांतर में विदेशी संस्कृति के प्रचार से जनमानस इसे भूल गया है। श्रावणी पर्व के […]
जब कोई आर्य बंधू हमारे भाइयों के ये बताने की कोशिश करता हैं की हमारे ज्यादातर ग्रंथों में मिलावट की गई है, तो वो वेदों पर भी ऊँगली उठाते हैं की अगर सभी में मिलावट की गई है तो वेदों में भी किसी ने मिलावट की होगी। मैं उन्हें बताना चाहता हूँ की हमारे ने […]