लालकिले पर फहरा था खालिस्तानी झंडा 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान किसान प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल किया। कई स्थानों पर पुलिस के साथ टकराव के बाद तथाकथित किसानों ने लाल किले पर धावा बोल दिया और इसकी प्राचीर पर एक पीले रंग का झंडा फहरा दिया। लोगों का कहना […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
[…एक वर्ष पूर्व की पोस्ट] ___________ ये तथ्य कितने लोगों को पता है कि मुग़ल शासकों ने जहां भारतबर्ष के हर प्रदेश को रौंदा वहीं पूर्वोत्तर भारत के वीरों ने उनके अपवित्र कदमों को कभी भी अपने धरती पर चढ़ने नहीं दिया ? अहोम राजाओं ने 500 बर्षों तक आक्रमणों से इसकी रक्षा की। महाप्रतापी […]
🔱🔔 राष्ट्र के समक्ष चुनौति 🔱🔔 भारत राष्ट्र के आमजन को समग्रता के साथ यह स्वीकारना होगा कि स्वतंत्रता प्राप्ति पश्चात जम्मू कश्मीर राज्य में अलगाववादी, आतंकवादी और कट्टरवाद की जो समस्या है वह केवल केंद्र सरकार एवं कश्मीर के विस्थापित पंडितों के पुनर्वास की समस्या नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत वासियों के स्वाभिमान के समक्ष […]
नवीन कुमार पांडे देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐसे दृश्य देखना हर देशवासी के लिए अपमानजनक और पीड़ादायक है। संयुक्त किसान मोर्चे ने बाद में बयान जारी करके पूरे मामले पर लीपापोती करने की कोशिश की। 72वें गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन ने जो रूप दिखाया, वह किसी […]
अरुण उपाध्याय मूल नामों से प्राचीन इतिहास और परंपरा का पता चलता है। जैसे काशी क्षेत्र की पूर्वी सीमा (सोन-गंगा संगम) पर स्थित स्थानों के नाम उसी क्रम में हैं जैसे जगन्नाथ पुरी के निकट के क्षेत्र। विश्वनाथ और जगन्नाथ धाम में अधिक अन्तर नहीं है। उत्तर भारत में अधिक नाम बदलने से यह लुप्त […]
अंकित सिंह दोनों ही दल इस बात को लेकर राजी हो गए हैं कि पिछले चुनाव में जो जहां पर जीता था वह सीट उसी दल के पास रहेगी। ऐसे में इस बात की उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में वाम दलों और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर भी मुहर […]
नदीम राजनीति क्या इतनी बुरी चीज है? जेहन में यह सवाल इसलिए आया कि हमने जब तब अपने शीर्ष नेताओं को यह कहते हुए सुना है कि ‘इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।’ कई बार तो ऐसा लगा कि हो सकता है राजनीति गंदी ही होती हो, तभी तो हमारे नेता लोग किसी गंभीर […]
___________________________________ महान इतिहासकार विल ड्यूराँ ने अपना पूरा जीवन लगाकर वृहत ग्यारह भारी-भरकम खंडों में “स्टोरी ऑफ सिविलाइजेशन” लिखी था। उसके प्रथम खंड में भारत संबंधी इतिहास के अंत में उन्होंने अत्यंत मार्मिक निष्कर्ष दिए थे। वह हरेक भारत-प्रेमी के पढ़ने योग्य है। हजार वर्ष पहले भारत विश्व का सबसे धनी और समृद्ध देश था। […]
(श्री आचार्य शिव पूजन सिंह कुशवाहा) सूर्य किरण से नाना प्रकार के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। वाष्प स्नान से जो लाभ होता है वही लाभ धूप स्नान से होता है। धूप स्नान से रोम कूप खुल जाते हैं और शरीर से पर्याप्त मात्रा में पसीना निकलता है और शरीर के अन्दर का दूषित पदार्थ […]
अनिरुद्ध जोशी अंग्रेजी इतिहास में डेमोक्रेसी शब्द सबसे पहली बार हिरोडोटस (Herodotus) नाम के ग्रीक व्यक्ति द्वारा उपयोग किया गया था। परंतु कहा जाता है कि सबसे पहले 507-508 ईसा पूर्व एथेंस में डेमोक्रेसी की जो शुरुआत हुई उसके पीछे क्लेशिथेंस (cleisthenes) नाम के व्यक्ति का हाथ था। एथेंस में पहले महिलाओं को नहीं पुरुषों […]