कई बार देश में ऐसा लगता है कि जैसे सर्वोच्च न्यायालय कि देश को चला रहा है। जब सरकारें और सारा प्रशासनिक तंत्र कहीं समस्याओं से बचते हुए या दूर भागता दिखाई देता है तो सर्वोच्च न्यायालय अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभाते हुए कहीं ऐसे आदेश निर्देश जारी करता है जो देश की डगमग होती […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
आशीष कुमार देश की सबसे पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों के हाथ की कठपुतली बनती जा रही है जो सिर्फ इशारों पर नाच सकती है, विरोध नहीं कर सकती। इस बात को समझने के लिए आपको सबसे पहले क्रोनोलॉजी समझनी पड़ेगी। बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और बीजेपी वहां एक मजबूत […]
इंडिया साइंस वायर प्रोफेसर राव ने 1960 में अपने कॅरियर की शुरुआत की और उसके बाद से भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। छुपे हुए प्राकृतिक संसाधनों की खोज करने में उनकी दूर-संवेदी तकनीकें बहुत उपयोगी सिद्ध हुईं। भारत में अंतरिक्ष विज्ञान ने बहुत प्रगति कर […]
चक्रवर्ती सम्राट कनिष्क गुर्जर वंश से थे। कुषाण (कसाना) राजवंश 25 ई. से 380 ई. तक यह न केवल गुर्जर जाति का बल्कि भारतीय इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण राजवंश है। इस वंश के कई सम्राट हुए हैं लेकिन यदि अकेले कनिष्क सम्राट की ही बात करें तो उनका साम्राज्य दक्षिणी चीन और रूस से लेकर […]
अजय कुमार आज की सियासत में सत्तापक्ष और विपक्ष की राजनीतिक सोच में जमीन-आसमान का अंतर होना स्वाभाविक है, लेकिन बात जब योगी के केन्द्र से रिश्तों की कि जाए तो यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यूपी में ‘डंबल इंजन’ की सरकार मजबूती के साथ चल रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार […]
राकेश सैन स्वतन्त्रता पर राज्य मानहानि, न्यायालय-अवमान, सदाचार, राज्य की सुरक्षा, विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध, अपराध-उद्दीपन, लोक व्यवस्था, देश की प्रभुता और अखण्डता को ध्यान में रख कर युक्तियुक्त प्रतिबन्ध लगाया जा सकता है। लोकतंत्र के दो रूप कहे जा सकते हैं, एक दण्डात्मक व दूसरा गुणात्मक। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन […]
डॉ. जीतराम भट्ट कुछ लोगों का कहना है कि संस्कृत केवल पूजा-पाठ की ही भाषा है। किन्तु यह सत्य नहीं है। संस्कृत-साहित्य के केवल पॉच प्रतिशत में धर्म की चर्चा है। बाकी में तो दर्शन, न्याय, विज्ञान, व्याकरण, साहित्य आदि विषयों का प्रतिपादन हुआ है। संस्कृत पूर्ण रूप से समृद्ध भाषा है। ग्रीक और […]
अजय कुमार पहले सामाजिक नेताओं की हुंकार पर लोग सड़क पर आ जाते थे, लेकिन इनके दामन पर किसी तरह का कोई दाग नहीं लगा। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आंदोंलन का स्वरूप ही बदल गया है। अब आंदोलन के आसपास का नजारा ‘पिकनिक स्पॉट’ और फाइव स्टार होटलों जैसा नजर आता है। देश […]
लेखक गजेंद्र आर्य राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता जलालपुर अनूप शहर +91-9783897511 7 मार्च महाप्रयाण दिवस पर विशेष : “पंडित गोविंद बल्लभ पंत प्रथम मुख्यमंत्री (संयुक्त प्रांत) पूर्व गृह मंत्री भारत सरकार” राष्ट्र के स्वाधीनता आंदोलन में अनेकानेक महामनाओं ने राष्ट्र की पराधीनता की बेड़ियां काटने में अपनी हवि दी है, जिन्हें हम समय-समय पर अपनी […]
अनिरुद्ध जोशी 15 अगस्त 1947 को भारतवर्ष हिन्दुस्तान तथा पाकिस्तान दो हिस्सों में बंटकर स्वतंत्र हो गया। भारत की आजादी के साथ जुड़ी देश-विभाजन की कथा बड़ी व्यथा-भरी है। कुछ लोग भारत विभाजन के खिलाफ थे, कुछ पक्ष में थे और कुछ ऐसे लोग थे, जो भारत के धर्म आधारित विभाजन के खिलाफ थे। […]