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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत करे कड़वे सत्य का सेवन, शेष जो भी है वह अवशेष मात्र है , भाग -1

  डॉ आनंद पाटील हंसराज रहबर के ग्रंथ ‘नेहरू बेनकाब’ (भगतसिंह विचार मंच, दिल्ली 2005) के आमुख में लिखित वृतांत– “शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कड़वी दवा का सेवन और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कड़वे सत्य का सेवन आवश्यक है।” (पृ. 5) पर सबका ध्यानाकर्षण अनिवार्यतः आमंत्रित है। आगे इसी ग्रंथ में उनका परामर्श प्रकारांतर से […]

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मुद्दा

आर्थिक भ्रष्टाचार जांच एजेंसियां निजी अस्पताल , मेडिकल स्टोर, चिकित्सकों,के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती ?

अजय कुमार कालाबाजारियों और निजी अस्पताल चलाने वालों के खिलाफ जो थोड़ी बहुत कार्रवाई हो रही है वह जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा की जा रही है, लेकिन इन लोगों के पास आर्थिक मामलों की जांच का इतना अनुभव नहीं होता है कि वह बड़ी कार्रवाई कर सकें। एक तरफ महामारी दूसरी तरफ कालाबाजारी से […]

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स्वास्थ्य

ढोकला, डोसा, इडली जैसी चीज़े फायदेमंदे ये सारे फर्मेंटेड फूड हैं

कंचन सिंह पेट के अच्छे बैक्टीरिया रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे संक्रमण, फ्लू आदि का खतरा कम हो जाता है। क्योंकि फर्मेंटेड फूड में विटामिन सी, आयरन, जिंक आदि भी होता है इसलिए यह इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है। ढोकला, डोसा, इडली जैसी चीज़ें आप अक्सर खाते होंगे। ये सारे फर्मेंटेड […]

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आज का चिंतन

देश में अन्य विकास कार्यों के साथ-साथ सरकारों को मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने पर भी ध्यान देने की आवश्यकता

रमेश सर्राफ धमोरा देश में आवश्यकता के मुताबिक ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है। इसलिये केंद्र सरकार विदेशों से भी ऑक्सीजन का आयात कर रही है। भारतीय नौसेना ने विदेशों से ऑक्सीजन और चिकित्सा सामग्री समुद्री मार्ग से लाने के लिए ऑपरेशन समुद्र सेतु-दो शुरू किया है। भारत में चल रहा कोरोना संक्रमण विकराल होता जा रहा […]

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मुद्दा

संसाधनों की कमी से मौतें का दंश झेलता देश

डॉ. शंकर सुवन सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महामारी के विकराल रूप को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को लॉकडाउन लगाने की नसीहत दी थी पर सरकार ने उसको सिरे से तुरंत खारिज कर दिया था। यह घटना राज्य सरकार के रवैये को चरितार्थ करती है। देश संकट में है और कोविड-19 महामारी से जूझ रहा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान डालने वाले युगदृष्टा रवींद्रनाथ टैगोर

उगता भारत रवींद्रनाथ टैगोर एक ही साथ महान साहित्यकार, दार्शनिक, संगीतज्ञ, चित्रकार, शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रवादी के साथ मानवतावादी भी थे जिन्होंने दो देशों के लिए राष्ट्रगान लिखा। रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। बचपन में उन्‍हें प्‍यार से ‘रबी’ बुलाया जाता था। रवींद्रनाथ टैगोर अपने माता-पिता की […]

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विविधा

लंबी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है…

अवधेश कुमार कोरोना महाआपदा में चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं और उनसे उत्पन्न डर और हताशा के बीच ऐसे समाचार और दृश्य भी सामने आ रहे हैं जो उम्मीद पैदा करते हैं। विकट परिस्थिति में देश का बड़ा समूह भारी जोखिम उठाकर भी समर्पण और संकल्प के साथ सेवा भाव से काम करने को तत्पर है। वास्तव […]

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कविता

भारतवर्ष के  वीर प्रतापी ‘योद्धा’

रामगोपाल मन की हल्दीघाटी में, राणा के भाले डोले हैं, यूँ लगता है चीख चीख कर, वीर शिवाजी बोले हैं, पुरखों का बलिदान, घास की, रोटी भी शर्मिंदा है, कटी जंग में सांगा की, बोटी बोटी शर्मिंदा है, खुद अपनी पहचान मिटा दी, कायर भूखे पेटों ने, टोपी जालीदार पहन ली, हिंदुओं के बेटों ने, […]

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पर्यावरण

जापान में समय से पहले फूल खिलने से पर्यावरणविदो की उड़ी नींद

अनु जैन रोहतगी इस बार जापान के लोग अपने राष्ट्रीय फूल सकूरा, यानी चैरी ब्लॉसम के खिलने पर ज्यादा खुश नहीं हुए। कई शताब्दी बाद ऐसा हुआ कि ये फूल बहुत जल्दी खिल गए। जो पीक 15-20 अप्रैल के आसपास आनी थी, वह 26 मार्च को ही आ गई। ओसाका यूनिवर्सिटी की ओर से इकट्ठा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

…पार्थ तुम चलने की कोशिश तो करो, रास्ते खुद पर खुद मिल जाते हैं योगेश्वर श्रीकृष्ण

आरएन तिवारी श्री भगवान ने कहा – मैं इस सम्पूर्ण संसार को नष्ट करने वाला महाकाल हूँ, इस समय इन समस्त प्राणियों का नाश करने के लिए लगा हुआ हूँ, यहाँ स्थित सभी विपक्षी पक्ष के योद्धा तेरे युद्ध न करने पर भी भविष्य में नही रहेंगे। कुरुक्षेत्र की धर्म भूमि में भगवान अर्जुन को […]

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