अपने देश में राम को राष्ट्रीय महापुरुष कहने में राजनीतिज्ञों को हीनता का बोध होता है और उनको राम तथा रामायण में साम्प्रदायिकता दिखाई पड़ती है। किन्तु दक्षिण-पूर्व एशिया-स्थित थाईलैण्ड (Thailand) में न केवल राम को एक सुप्रतिष्ठित स्थान दिया गया है, अपितु थाई-रामायण को थाईलैण्ड के राष्ट्रीय ग्रंथ का सम्मान दिया गया है। उल्लेखनीय […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
श्रीश देवपुजारी समाज में एक भ्रम फैलाया गया है कि संस्कृत पढऩे से छात्र अर्थार्जन नहीं कर सकता। उसे केवल शिक्षक बनना पड़ता है या पुरोहित। इस प्रकार की धारणा रखनेवालों से मेरा प्रश्न है कि जो संस्कृतेतर छात्र बीए, बीकॉम और बीएससी होते है उनके लिए कौन-सी नौकरी बाट जोह रही है? हमारे देश […]
इतिहास शोध की ऑक्सफोर्ड विधि – इसकी प्रशंसा के लिए आजकल हिटिरिओग्राफी के नाम से पढ़ाया जा रहा है। इस विधि को देख कर पता चलता है कि मूर्ख को बैल (ऑक्स) क्यों कहने लगे। पहले प्रशंसा के लिए वृषभ कहते थे, जैसे गीता में अर्जुन को कहा गया है। भारतीय इतिहास नष्ट करने का […]
रमेश सर्राफ धमोरा भारत सरकार का मानना है कि देश के लोगों की जरूरत पूरी करते हुये अपने पड़ोसी देशों के साथ ही दुनिया के अन्य देशों को भी कोरोना वैक्सीन दी जाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार कहते रहे हैं कि भारत अपने व्यापक वैक्सीन इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल दूसरे देशों की मदद में करेगा। […]
विक्रम सिंह डाला कल्पना दत्त देश की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाली महिला क्रांतिकारियों में से एक थीं। इन्होंने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए क्रांतिकारी सूर्यसेन के दल से नाता जोड़ लिया था। 1933 ई. में कल्पना दत्त पुलिस से मुठभेड़ होने पर गिरफ़्तार कर ली गई थीं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी […]
लगभग सारे से इतिहासकार और उनसे दीक्षित बौद्धिक गुलाम आपको ये तर्क देते मिल जाएंगे कि अंग्रेज भारत के हित में रेल ले आये । बड़े बड़े कंस्ट्रक्शन किये । आदि आदि । 1929 में J Sunderland ने 33 साल की रिसर्च के बाद एक बुक लिखी #इंडिया_इन_बाँडेज ।उसी से प्रस्तुत है । ” अमेरिका […]
राकेश सैन पंजाब में केवल दलित ही नहीं बल्कि अरोड़ा व महाजन सिख भी ‘जट्टवाद’ से पीड़ित रहे हैं। दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के अधिकतर आंदोलनकारी जट्ट समाज से ही हैं जो कृषि मांगें मनवाने की बजाय अपने जातिवादी अहं की पुष्टि करते नजर आने लगे हैं। पंजाब में 14 फरवरी […]
विपरीत शिक्षायें ….. . अंग्रेजी शासन काल में सभी विषयों में तथ्यों के विपरीत शिक्षा दी गयी। बचपन से वही पढ़ने के कारण सही बात समझना असम्भव हो जाता है। कुछ उदाहरण- (१) भारतीय पुराणों में इन्द्र को पूर्व दिशा का लोकपाल कहा गया है। पर पढ़ाया गया कि आर्य लोग पश्चिम से आये और […]
एक साल पहले खबर आई थी कि अंडेमान प्रशासन के पास सावरकर जी के माफीनामे का कोई रिकार्ड नहीं है। विस्तार से जानिए सावरकर जी को। सावरकर को लेकर ये बहुत बड़ा भ्रम फैलाया जाता है कि उन्होंने मर्सी पिटीशन फाइल कर माफी मांगी थी. ये कोई मर्सी पिटीशन नहीं थी ये सिर्फ एक पिटीशन […]
‘उगता भारत’ डेस्क यह डर स्वाभाविक है कि अगर इन सिफारिशों को ज्यों का त्यों लागू कर दिया गया तो हर परियोजना की लागत इतनी बढ़ जाएगी कि न सिर्फ उन्हें बना रही कंपनियों बल्कि सरकारों के भी दिवालिया होने का खतरा पैदा हो जाएगा। फिर भी हमें इतना तो स्वीकार करना ही पड़ेगा कि […]